वनवासियों के राम

Continue Readingवनवासियों के राम

महल से वन तक के सफर में भगवान राम के साथ कई मुसीबतें आइर्ं लेकिन राम ने लंका पर विजय वनवासियों के सहारे पाई। जब एक स्त्री को रावण द्वारा ले जाते हुए देखा तो जटायु ने पुष्पक विमान पर सवार रावण पर हमला बोल दिया। जटायु के बाद वनवासी महिला शबरी ने राम को सुग्रीव के पास भेजा। राम को इस वन की यात्रा में वनवासियों का साथ किस तरह मिला आपको इस आलेख में विस्तृत जानकारी मिलेगी।

भारतीय उपमहाद्वीप में संस्कृति के चिन्ह

Continue Readingभारतीय उपमहाद्वीप में संस्कृति के चिन्ह

विश्वभर में जहां-जहां खनन का कार्य होता है, वहां-वहां भारतीय सभ्यता के प्रसार और विस्तार के चिन्ह मिलते हैं। भारतीय सभ्यता की प्राचीनता को जब वर्तमान से जोड़कर देखा जाता है तो हमें ज्ञात होता है कि विश्व के समस्त मानवों का उद्भव भारत से ही हुआ है।

समलैंगिक विवाह एक मानसिक बुराई

Continue Readingसमलैंगिक विवाह एक मानसिक बुराई

इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि अदालतों में जब लाखों प्रकरण लंबित बने रहने का रोना रोया जा रहा हो, तब देश की शीर्ष न्यायालय के न्यायमूर्तियों की पीठ एक ऐसे मुद्दे की माथापच्ची में लगी हो, जिसका वैवाहिक समानता के अधिकार से कोई सीधा वास्ता ही नहीं है। वास्तव…

जैव विकास में दशावतार की अवधारणा और डार्विन

Continue Readingजैव विकास में दशावतार की अवधारणा और डार्विन

एनसीइआरटी अर्थात राष्ट्रिय शैक्षिक अनुसंधान और प्रषिक्षण परिषद द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम से नवीं एवं दसवीं कक्षाओं की विज्ञान पुस्तकों से चार्ल्स डार्विन के जैव विकास के सिद्धांत को हटा दिए जाने पर विवाद गहरा रहा है। देश के लगभग 1800 वैज्ञानिक और शिक्षकों ने एनसीइआरटी की इस पहल की आलोचना…

जनसंख्या वृद्धि खुशी के साथ चिंता भी !

Continue Readingजनसंख्या वृद्धि खुशी के साथ चिंता भी !

भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है, जहां दुविधाएं और विरोधाभास प्रगति के समानान्तर चलते हैं। अतएव जनसंख्या बल जहां शक्ति का प्रतीक है, वहीं उपलब्ध संसाधनों पर बोझ भी है। इसलिए अनेक समस्याएं भी सुरसामुख बन खड़ी होती रहती हैं।ये हालात तब और कठिन हो जाते हैं, जब संसाधनों…

डिग्रियों पर विवाद और ज्ञान की महिमा

Continue Readingडिग्रियों पर विवाद और ज्ञान की महिमा

अकसर तर्क अंहकार को जन्म देता है, जो अपरिपक्व ज्ञान पर आधारित होता है। हमारे देश में प्रमाण-पत्र और उपाधि (डिग्री) आधारित शिक्षा यही कर रही है। भारत में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, लेकिन शालेय शिक्षा कुशल-अकुशल की परिभाषाओं से ज्ञान को रेखांकित किए जाने के कारण महज कागजी…

धर्मांतरित जनजातियों के आरक्षण के खिलाफ आदिवासी समाज

Continue Readingधर्मांतरित जनजातियों के आरक्षण के खिलाफ आदिवासी समाज

जनजातीय यानी देश के आदिवासी-वनवासी समुदायों ने भोपाल में मतांतरित लोगों को सरकारी नौकरी, छात्रवृत्ति में आरक्षण,अनुदान एवं अन्य लाभों से वंचित करने के लिए हुंकार भरी है।इसे डी-लिस्टिंग अर्थात अनुसूचित जनजाति सूची से बाहर करने का गर्जना अभियान कहा गया है।हालांकि यह आंदोलन वर्षों से चल रहा है, किंतु…

संस्कृति का आदि प्रतीक दीपक

Continue Readingसंस्कृति का आदि प्रतीक दीपक

दीपावली और दीप का सम्बंध उसी प्रकार का है, जैसे शरीर और आत्मा का होता है। दीप मानव को अज्ञानता से ज्ञान की ओर जाने तथा अपने जीवन को बुद्धि-सम्पदा से सम्पन्न करने की प्रेरणा प्रदान करता है। आसुरी प्रवृत्तियों पर मानवीय विजय का प्रतीक दीपावली का त्यौहार दीपों की मालिका के बिना अपूर्ण है क्योंकि ये दोनों ही भारतीय संस्कृति की विशालता और अपरिग्रह भाव के परिचायक हैं।

वैश्विक नवाचार सूचकांक में भारत 40वें स्थान पर आया

Continue Readingवैश्विक नवाचार सूचकांक में भारत 40वें स्थान पर आया

हालांकि दुनिया में वैज्ञानिक और अभियंता पैदा करने की दृष्टि से भारत का तीसरा स्थान है। लेकिन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संबंधी साहित्य सृजन में केवल पाश्चात्य लेखकों का ही बोलबाला है। पश्चिमी देशों के वैज्ञानिक आविष्कारोंसे ही यह साहित्य भरा पड़ा है। भारत में भी इसी साहित्य का पाठ्य पुस्तकों में अनुकरण है। इस साहित्य में न तो हमारे प्राचीन वैज्ञानिकों की चर्चा है और न ही आविष्कारों की। ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि हम खुद न अपने आविष्कारको को प्रोत्साहित करते हैं और न ही उन्हें मान्यता देते हैं। इन प्रतिभाओं के साथ हमारा व्यवहार भी कमोबेश उपहासपूर्ण अभ्रद रहता है।

सिलिकोन घाटी बैंगलुरु में बाढ़ की तबाही

Continue Readingसिलिकोन घाटी बैंगलुरु में बाढ़ की तबाही

सिलिकान वैली के नाम से मशहूर बैंगलुरु जैसा हाईटेक शहर बारिश एवं बाढ़ की चपेट में हैं। आफत की बारिश के चलते डूब में आने वाले इस शहर ने संकेत दिया है कि तकनीकि रूप से स्मार्ट सिटी बनाने से पहले शहरों में वर्षा जल के निकासी का समुचित ढांचा खड़ा करने की जरूरत है। लेकिन हमारे नीति नियंता हैं कि जलवायु परिवर्तन से जुड़े  संकेतों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। नतीजतन बैंगलुरु की सड़कों और गलियों में कारों की जगह नावें और ट्रेक्टरों से जान बचाने की नौबत आई हुई है। इस स्थिति ने प्रशसन की अकर्मण्यता और अदुर्दार्शिता जताते हुए महानगरों के आवासीय नियोजन पर सवाल खड़े कर दिए है।

रोहिंग्याओं की समस्या का हल भारत निकाले -बांग्लादेश

Continue Readingरोहिंग्याओं की समस्या का हल भारत निकाले -बांग्लादेश

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने रोहिंग्या मुसलमानों के मुद्दे के सामाधान के लिए भारत की ओर ताक रही हैं। उन्होंने कहा  कि इस समस्या के हल के लिए भारत एक बड़ी भूमिका निभा सकता है। बांग्लादेश में रह रहे 10 लाख रोहिंग्या शरणार्थी देश के लिए भारी बोझ के साथ एक चुनौती के रूप में भी पेश आ रहे हैं। भारत के साथ मिलकर शेख हसीना इस समस्या का सामाधान अंतरराश्ट्रीष् समुदाय से बात करके इनके मूल देश म्यांमार में वापसी की राह खोज रही हैं। लेकिन यहां सोचने की बात है कि जो भारत देश में घुसे 40 हजार रोहिंग्याओं की समस्या का निदान नहीं कर पा रहा है, वह बांग्लादेश के 10.10 लाख रोहिंग्याओं का हल कैसे निकाले ?

अध्यापकों की सीधी भर्ती से शिक्षा में सुधार

Continue Readingअध्यापकों की सीधी भर्ती से शिक्षा में सुधार

योजना के प्रारूप के अनुसार, इन विशेषज्ञों को अनुबंध के आधार पर विज्ञान, अभियांत्रिकी, मीडिया, साहित्य, उद्यमिता, सामाजिक विज्ञान, ललित कला, लोकसेवा और सशस्त्र बल आदि क्षेत्रों में नियुक्ति दी जाएगी। इस नीति को सितंबर माह में 'प्रोफेसर आफ प्रैक्टिसÓ (पेशेवर प्राध्यापक) रूप में अधिसूचित किया जाएगा। पीएचडी जैसी पात्रता भी अनिवार्य नहीं रह जाएगी। शिक्षण संस्थानों में स्वीकृत कुल पदों में से दस प्रतिशत पदों की नियुक्ति इस योजना के अंतर्गत की जाएगी। फिलहाल देशभर में पत्रकारिता के विवि में अनेक पेशेवर पत्रकार इसी आधार पर अध्यापन का कार्य कर रहे हैं।   

End of content

No more pages to load