लैला: कायरों की दांभिकता का भ्रष्ट प्रदर्शन
लैला के आर्यावर्त पर आधारित एक वेब सिरीज इन दिनों चर्चा में है। प्रयाग अकबर के उपन्यास पर आधारित यह धारावाहिक है। लेखक का फर्जीपन इसीसे जाहिर है कि उसने हिंदू-मुस्लिम संलग्न नाम धारण किया है। परंतु यह उपन्यास भी जॉर्ज आरवेल की कृति ‘1984’ की नकल बताई जाती है। इस नकलची ने हिंदुओं को कहीं का नहीं छोड़ा और इस्लाम के प्रचार की भ्रष्ट दांभिकता का पूरा प्रदर्शन किया है।