लैला: कायरों की दांभिकता का भ्रष्ट प्रदर्शन

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लैला के आर्यावर्त पर आधारित एक वेब सिरीज इन दिनों चर्चा में है। प्रयाग अकबर के उपन्यास पर आधारित यह धारावाहिक है। लेखक का फर्जीपन इसीसे जाहिर है कि उसने हिंदू-मुस्लिम संलग्न नाम धारण किया है। परंतु यह उपन्यास भी जॉर्ज आरवेल की कृति ‘1984’ की नकल बताई जाती है। इस नकलची ने हिंदुओं को कहीं का नहीं छोड़ा और इस्लाम के प्रचार की भ्रष्ट दांभिकता का पूरा प्रदर्शन किया है।

शरिया अदालतें: धार्मिक राज्य स्थापित करने का षड्यंत्र

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मुस्लिमों में भी बहुत सारे अंतर्विरोध और पंथ हैं। वे अपने-अपने से कुरान और शरियत को परिभाषित करते हैं। इस स्थिति में पर्सनल लॉ बोर्ड की अलग शरियत अदालतें गठित करने की मांग न केवल मुस्लिमों को और विभाजित कर देगी; बल्कि देश के संविधान और धर्मनिरपेक्षता की भी ऐसीतैसी कर देगी।

इस्लाम में स्वर्ग और नरक

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मुहम्मद पैगंबर की तरह प्रत्येक धर्म संस्थापकों ने मनुष्य के पारलौकिक जीवन और स्वर्ग-नरक की संकल्पनाओं को रचा है। शायद उसका लक्ष्य केवल इतना ही था कि जनसाधारण सन्मार्ग पर चलें और दुष्कृत्यों से दूर रहें। आज की कसौटी तो यही है कि मानवता, आपस में भाईचारा और सहिष्णुता कायम करने से पृथ्वी पर ही स्वर्ग आ जाएगा। हजारो वर्षों पूर्व से ही प्रत्येक धर्म में मानव के मरणोत्तर अस्तित्व एवं उसके पारलौकिक जीवन के विषय में विविध मत रहे हैं एवं आज भी हैं। इसके अनुसार जीवितावस्था में जिसका जैसा व्यवहार हो उसे उसी के अनु

यूरोप के समक्ष अधार्मिक संकट

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युद्धपीड़ित मुस्लिम शरणार्थियों को मानवीयता के आधार पर आने देने के प्रति यूरोप के देशों में सरकारों, राजनीतिक दलों एवं जनसाधारण का विरोध लगातार बढ़ रहा है। इस तरह मानवता धर्म से परे होने की अधार्मिक आपत्ति यूरोप के सामने है। इसके लिए मुस्लिम समाज स्वयं ही जिम्मेदार है। मानवता का स्वांग भरने वाले मुस्लिम समाज को, काफिरों से नफरत कर धार्मिक वर्चस्व प्रस्थापित करने के लिए किसी भी हद तक जाने की मध्ययुगीन मानसिकता जो मिली है वही उनके पतन के लिए जिम्मेदार है।

आंतरिक सुरक्षा -जनशक्ति को आवाहन

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केवल कट्टर वहाबी इस्लाम का दुराग्रह व दूसरे पंथों व धर्मों को एक सिरे से नकारने का प्रशिक्षण देने का कार्य सऊदी अरब जैसे तेल संपन्न राष्ट्र भारत जैसे अनेक गरीब देशों में कर रहे हैं। इसे बदलने का कार्य केवल राष्ट्र की जनशक्ति ही कर सकती है। मुस्लिम बुद्धिजीवियों और विचारकों को इसमें पहल करनी चाहिए।

वेंडी ने रामायण को विकृत किया

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‘द हिंदुज: ऐन आल्टरनेटिव हिस्ट्री’ नामक पुस्तक में अंग्रेज लेखिका वेंडी डोनिगर ने नौ क्रमांक का एक पूरा अध्याय महान महाकाव्य रामायण को समर्पित किया है। इस अध्याय का शीर्षक है, ’थेाशप रपव जसीशीीशी ळप ठरारूरपर: 400 इउए ीें 200 उए’ अर्थात रामायण में महिलाएं और राक्षसियां : ईसवी सन पूर्व 400 से ईसवी सन 200।

नियति के शिकंजे में अफगानिस्तान

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अफगानिस्तान किसी जमाने में भारत का ही अंग था। भारतीय और अफगानी जनता में मैत्रीभाव था। अफगानिस्तान के सुदूर इलाकों तक हिंदुओं के व्यवहार थे। इसे ध्यान में रखकर अफगानिस्तान को फिर करीब लाने की चुनौती भारत के समक्ष है।

कांग्रेस की मुस्लिमों के साथ धोखेबाजी

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स्वाधीनता के पहले मुस्लिमों के सहयोग के बिना स्वाधीनता मिल नहीं सकती, इस धारणा का भूत कांग्रेस पर सवार था। परिणाम यह हुआ कि कांग्रेस मुस्लिमों और बै. जिन्ना की लगातार की जा रही मांगों के पीछे मानो घसीटते चली गई और आखिर देश का विभाजन मजबूरन स्वीकार किया।

कश्मीरी मन

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अफजल गुरू की फांसी के बाद कश्मीर से जो प्रतिक्रियाएं आ रही हैं उनमें काफी विरोधाभास है। राजनेता कुछ कह रहे हैं और वास्तविक परिस्थिति कुछ और है। इस लेख के माध्यम से हमने वहां की परिस्थतियों को आपके सामने रखा है। इस लेख पर हमें आपकी प्रतिक्रियाएं अपेक्षित हैं।

आंतकी का अन्त

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आखिरकर महाराष्ट्र शासनने, बडी गोपनीयता रखते हुये 26/11 का नृशंस आतंकी अजमल आमिर कसाब को सुबह 7.30 बजे येवरडा जेल मे दि. 21/11 को फांसी पे लटका दिया।

अमरीका पाकिस्तान के बनते बिगड़ते रिश्ते

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भारत की सवार्ंगीण विकास में रुकावट डालने के उद्देश्य से अमरिका ने पाकिस्तान को अत्याधुनिक शस्त्रास्त्रों से सुसज्ज करने की नीति अपनायी। पाकिस्तान से हो सकने वाले दु:साहपूर्ण युद्ध के विरोध में तैयार रहने के लिए भारत को भी भारी मात्रा में रक्षा सामग्री जुटाने की आवश्यकता हुई।

असम की गांठ और कांग्रेस को लपेट!

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असम में फिर से अशांति का माहौल है। कोकराझार और धुबरी जिलों में स्थानीय बोडोे और बांग्लादेशी घुसपैठियों के बीच सुलगे दंगे में लगभग 60 लोगों की हत्या की गई। लंबा अरसा बीतने पर भी उसको काबू में लाया नहीं लाया गया।

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