भीम मीम के अंतर्तत्व को समझें समाज बंधु
“बाबासाहेब व मुस्लिम समुदाय” पर बहुत कुछ लिखा जाना अभी बाक़ी है, अभी यहां केवल मुस्लिम स्त्री विमर्श विषयक लेखन के संदर्भ में बाबासाहेब के विचार यहां समाहित किए जा रहे हैं। अब समय आ गया है, हम “भीम-मीम” के नारे के दुराशयपूर्ण अंतर्तत्व को समझें व “भीम बाबा” की इच्छा के अनुरूप भारतीय मुस्लिम समुदाय की महिलाओं की स्थिति में परिवर्तन लाएं।