भक्ति सम्प्रदाय की अलख
भक्ति की ज्ञानमय चेतना मानव के जीवन को प्रकाशमान करती है। इसके साथ-साथ उसके पाप भी जला कर राख करती है। इसी भक्ति की दिव्य ज्योति से सद्गुरु जीवनमुक्त महाराज ने पुर्तगालियों के विरुद्ध धर्मक्रांति का मानो होमकुंड जगाया।
भक्ति की ज्ञानमय चेतना मानव के जीवन को प्रकाशमान करती है। इसके साथ-साथ उसके पाप भी जला कर राख करती है। इसी भक्ति की दिव्य ज्योति से सद्गुरु जीवनमुक्त महाराज ने पुर्तगालियों के विरुद्ध धर्मक्रांति का मानो होमकुंड जगाया।
दुनिया भर में विकलांगों को दोयम दर्जे का स्थान प्राप्त होता है, जबकि सही दिशा मिलने पर वे भी सामान्य जनों की ही भांति जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में बेहतरीन मुकाम हासिल कर सकते हैं। सरकारों ने उनकी तरफ ध्यान देना शुरू कर दिया है परंतु समाज को और जागरुक होना पड़ेगा ताकि समाज का यह प्रभाग भी पूरी तरह मुख्य धारा के साथ चल सके।
दीपावली के शुभ अवसर पर घर-घर में मीठे नमकीन और चटाखेदार पकवान बनते है। जैसे लड्डू, बर्फी, गुझिया, सेव, चकली, चिवड़ा आदि। पारंपरिक पकवानों का अपना स्वाद है। मगर क्यों ना इस वर्ष परंपरागत पदार्थ कुछ अलग तरीक से बनाएं ठीक वैसे ही जैस बाजार में मिलते हैं, तो स्वाद भी बदलेगा, नयापन भी रहेगा। लोग तारीफ करगें सो अलग...
ट्रिंग... ट्रिंग... ट्रिंग... कॉलबेल बजी। उत्साह से नेहा ने दरवाजा खोला। अपनी चारों सहेलियों को देख नेहा का चेहरा खिल उठा। “कौन आया है बेटी?” मां भी कमरे से बाहर आ गई। नेहा ने गांव से आई अपनी मां का सभी सहेलियों से परिचय कराया। बातचीत चल निकली तो त्यौहारों पर आकर अटक गई कि…
त्यौहारों को मनाने के पीछे गहन विज्ञान है। इसका उद्देश्य मौसम बदलने पर स्वास्थ्य की देखभाल, पर्यावरण को स्वच्छ रखना, लोगों के जीवन में खुशियां लाकर, मिलजुलकर भाईचारा बनाए रखना है। इनके वैज्ञानिक कारणों पर हमें गौर करना चाहिए।
गर्मियों के दिन हैं। बच्चों की छुट्टियां चल रही हैं। उन्हें शाम को भूख लग जाती है। कई बार शाम को मेहमान भी आ जाते हैं। हमेशा वही पोहा, उपमा, इडली, समोसा, वडा किसी को नहीं सुहाता। क्यों ना ऐसा चटपटा नाश्ता बनाया जाए जो नया हो बच्चों के साथ-साथ बड़ों को पसंद आए।
home decoration, घर की सजावट,
गर्मियों का मौसम चल रहा है, घर से बाहर झुलसानेवाली धूप तप रही है, बच्चो की गर्मी की छुटियां भी शुरू हो गई हैं। हर माता पिता बच्चों के प्रति जागरुक रहते हैं, उनकी देखभाल भी करते हैं, परंतु इतनी सर्तकता के बावजूद, बच्चों को गर्मी में होनेवाली बीमारियां घेर…
धूप से न केवल त्वचा बदरंग हो सकती है, झुलस सकती है अथवा पसीने से दुर्गंध आ सकती है। इसीलिए आजमाइये इन नुस्खों को ताकि गर्मी में भी आपकी त्वचा दमकती रहे।
घर में निकलने वाले गीले कचरे से घर में ही कम्पोस्ट बनाई जा सकती है| इससे न केवल घरेलू कचरे की समस्या दूर हो जाएगी, बल्कि बड़े पैमाने पर करें तो लाभ भी होगा|
संक्रांति का त्यौहार सामाजिक संबंध दृढ़ करने, आपस में मिलने जुलने, तनाव दूर कर, खुशियां फैलाने वाला त्यौहार है. यह पर्व केवल भारत ही नहीं, थाईलैंड, म्यांमार, कंबोडिया और श्रीलंका में भी पूरी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है.
आज की युवा पीढ़ी, परंपराओं के साथ भले ही हाथों में हाथ डाल कर ना चल रही हो परंतु उन्हें जिंदा रखने की हसरत उनमें है। बस उनका देखने का नजरिया बदल गया है। बदलाव और नयापन हमेशा अच्छा होता है। इससे समाज उन्नति की ओर बढ़ता है। ट्रिंग... ट्रिंग... ट्रिंग... कॉलबेल बजी। उत्साह से नेहा ने दरवाजा खोला। अपनी चारों सहेलियों को देख नेहा का चेहरा खिल उठा। ‘‘कौन आया है बेटी?’’ मां भी कमरे से बाहर आ गई। नेहा ने गांव से आई अपनी मां का सभी सहेलियों से परिचय कराया। बातचीत चल निकली तो त्यौहारों पर आ