सुरक्षा के हेतु उपकरण और एप

Continue Readingसुरक्षा के हेतु उपकरण और एप

सोशल मीडिया के लाभ के साथ नुकसान भी हैं, इसलिए इसका सतर्कता के साथ उपयोग करना चाहिए। ऐसे कई उपकरण हैं जो आपको तकनीक के खतरों से बचा सकते हैं। संकट की घड़ी में आपके बचाव के लिए कई एप भी हाजिर हैं।

नेकी कर दरिया में डाल

Continue Readingनेकी कर दरिया में डाल

एक बड़ी सिद्ध कहावत है ‘नेकी कर दरिया में डाल’ अर्थात् उपकारी उपकार को कर्तव्य अर्थात फर्ज मान कर उसे सम्पादित करें। उसमें उपकार करके उसके बदले प्रतिलाभता प्राप्त करने का विचार नहीं होना चाहिए।

महिलाएं बीमारी से कैसे बचें?

Continue Readingमहिलाएं बीमारी से कैसे बचें?

मानसिक तैयारी और शारीरिक तैयारी आपको बीमारियों के कष्ट को कम करने में बहुत मदद कर सकती है। खान - पान, नियमित व्यायाम शरीर और मन दोनों को स्वस्थ रखने का पहला हथियार है। कष्ट को टाले नहीं, डॉक्टरी सलाह समय पर अवश्य लें।

पहचान

Continue Readingपहचान

‘आख़िर थोइबा ने अपनी मणिपुरी पहचान और विरासत को स्वीकार कर लिया था। प्रशांत को लगा कि उसकी पत्नी लीला भी स्वर्ग में से अपने बेटे का अपनी मणिपुरी पहचान को स्वीकार कर लेना देख कर बेहद प्रसन्न हो रही होगी।”

सीएए विरोध की वास्तविकता?

Continue Readingसीएए विरोध की वास्तविकता?

भारत के अलावा दुनिया में कौन सा देश ऐसा है जो इन्हें शरण देगा? मुसलमानों के लिए तो घोषित रूप से दुनिया में 50 से अधिक देश है, जहाँ उन्हें शरण मिल जाएगी। लेकिन इन हिन्दू, सिख, बौद्ध, और जैनों के लिए तो एकमात्र भारत ही आखिरी उम्मीद है।

समाज, संस्था और सरकार मिल कर करें नए भारत का निर्माण – गिरीश भाई शाह

Continue Readingसमाज, संस्था और सरकार मिल कर करें नए भारत का निर्माण – गिरीश भाई शाह

केवल सरकार देश की सारी समस्याओं का समाधान नहीं कर सकती। उसमें समाज को भी अपना योगदान देना होगा। इसलिए सरकार और सामाजिक संस्थाओं का समन्वय जरूरी है। इसके लिए गिरीश भाई लगातार प्रयासरत हैं।

वीरांगणाओं की भूमि भारत

Continue Readingवीरांगणाओं की भूमि भारत

भारतीय नारी के इस शक्ति स्वरूप की विषद् व्याख्या भारतीय वाङ्मय में मिलती है। ... पुराण काल से वर्तमान समय तक हमारी भारतभूमि तमाम ऐसी पुरुषार्थ साधिकाओं के शौर्य से गौरवान्वित होती आ रही है।

डिप्रेशन को ना करें नज़रअंदाज़

Continue Readingडिप्रेशन को ना करें नज़रअंदाज़

जरूरी है कि मानसिक स्वास्थ्य के प्रति लोगों विशेष कर महिलाओं में भी जागरूकता फैलें और वे अपनी परेशानियों में दब कर ना रहें। इसके लिए परिवार का संवेदनात्मक सहयोग जरूरी है।

हम किसी से कम नहीं…

Continue Readingहम किसी से कम नहीं…

महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग करियर की संकल्पना ही गलत है। आज कुछ ऐसे हटके करियर ऑप्शन्स उपलब्ध हैं, जिनमें पिछले कई सालों में महिलाओं का बोलबाला रहा है।

अब और नहीं!

Continue Readingअब और नहीं!

हम सभी के लिए शर्मसार होने वाली बात है कि ’घरेलू हिंसा’ को आज भी हर परिवार का आंतरिक मामला ही समझा जाता है। इन घटनाओं को रोकने के बजाय लोग इनसे दूरी बना लेना बेहतर समझते हैं। आखिर कब जागेगी दुर्गा?

भारतीय ग्रामीण महिलाए

Continue Readingभारतीय ग्रामीण महिलाए

महिला आंदोलनों में ग्रामीण महिलाओं की आवाज दब कर रह गई है। आज जो कुछ भी अधिकार मिल रहे हैं वे सिर्फ शहरी मध्यम वर्ग की महिलाएं प्राप्त कर रही हैं।

सबलता से होगा महिला सशक्तिकरण

Continue Readingसबलता से होगा महिला सशक्तिकरण

महिलाओं को मानसिक रूप से सशक्त और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होने के साथ ही सकारात्मक, मितभाषी और मित्रवत बने रहना चाहिए, वरना उनमें और पुरुषों में फर्क ही क्या रह जाएगा। महिलाओं के इसी गुण की वजह से ही तो उन्हें ‘देवी’ की संज्ञा दी जाती है।

End of content

No more pages to load