आगे बढ़ें अपनी उन्नति के लिए

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समानता आने की यह प्रक्रिया बहुत लम्बी और निरंतर चलने वाली है, क्योंकि महिलाएं अगर आगे बढ़ रहीं हैं तो पुरुष भी रुके नहीं हैं, वे भी प्रगति कर ही रहे हैं, नए-नए आयाम विकसित कर रहे हैं। ऐसे में प्रतिस्पर्धा होना तय है, परंतु यह प्रतिस्पर्धा उचित मानकों पर होनी चाहिए। अंग्रेजी में इसे ‘हेल्दी कॉम्पीटीशन’ कहा जाता है।

विपक्ष का छूटता जनाधार

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जिस कांग्रेस को भाजपा की प्रमुख विपक्षी पार्टी माना जाता है, उसके अगुवाओं ने तो जैसे हथियार ही डाल दिए हैं। चुनावों से पहले जनेऊ पहनकर हिंदू होने का दिखावा करने वालों ने राम मंदिर के उद्घाटन में जाने से भी मना कर दिया। क्या वे नहीं देख रहे थे कि जनता राम मंदिर को लेकर कितनी उत्साहित है? क्या वे मंदिर से जुड़ी जनभावना को नहीं समझ पा रहे थे? क्या वे वही गलती नहीं दोहरा रहे थे जो पं. जवाहरलाल नेहरू ने सोमनाथ के समय की थी? सोनिया गांधी मूलत: भारतीय नहीं हैं।

दिव्य आदर्श का भव्य मंदिर

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अयोध्या पुन: अपने अलौकिक स्वरूप को प्राप्त करने जा रही है, भगवान श्रीराम पुन: अपने मंदिर में विराजमान होने जा रहे हैं, भारत का आदर्श पुन: प्रस्थापित होने जा रहा है, अब भारतवासियों का यह कर्तव्य है कि इस आदर्श का हमेशा चिंतन करें और उसे अपने जीवन का अंग बनाकर उसके अनुरूप चलने का पूर्ण प्रयत्न करें।

भारतीय चष्मे से देखें गोवा

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कुल मिलाकर मुख्य मंत्री डॉ. प्रमोद सावंत का यह लक्ष्य साफ दिखाई देता है कि वे गोवा को उसके सम्पन्न इतिहास के साथ विकास के उच्च पायदान पर ले जाना चाहते हैं और अपनी तीव्र इच्छाशक्ति, कर्तव्यपरायणता तथा गति के कारण उसमें सफल भी हो रहे हैं। केंद्र की सरकार का भी उनको पूर्ण समर्थन मिल रहा है। वे स्वयं कई बार यह कह चुके हैं कि डबल इंजन सरकार होने के कारण गोवा प्रगति पथ दौड रहा है।

दीपावली ऊर्जा और आत्मविश्वास बढ़ाने का स्रोत

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दीपावली विशेषांक की पूर्तता के लिए हिंदी विवेक को विद्वानों और लक्ष्मी पुत्रों का बहुत बड़ा सहयोग प्राप्त हुआ है। इस विशेषांक के सारगर्भित आलेख देश के विभिन्न क्षेत्र के मान्यवर विद्वान लेखकों द्वारा प्राप्त हुए हैं। इन आलेखों को प्रकाशित करने के लिए हिंदी विवेक के शुभचिंतक लक्ष्मीपुत्रों ने विज्ञापन के रूप में हमें अर्थपूर्ण सहयोग दिया है। इन मान्यवरों के सहयोग के बिना यह विशेषांक देशभर के लाखों पाठकों तक पहुंचाना कठिन था। इस कठिनाई को सुलभ करने में जिन उद्योगपतियों ने हमें योगदान दिया है, उन सभी हितचिंतकों का हिंदी विवेक परिवार हृदय से आभारी रहेगा।

जी 20 : सनातन का प्रतिपादन

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भौतिक शास्त्र के सिद्धांत के अनुसार जब प्रिज्म पर सूर्य की किरण पड़ती है तो वह सात रंगों में विभाजित हो जाती है, अर्थात उससे इंद्रधनुष तैयार होता है। भौतिक शास्त्र का यह नियम अगर समाज शास्त्र या यूं कहें आज के समाज पर लगाया जाए तो सूर्य से निकलने वाली उस किरण की जगह होगी भारत की वर्तमान वैश्विक आभा से निकलने वाली किरण।

स्मार्ट सिटी: नकल नहीं दूरदर्शी सोच आवश्यक

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वर्तमान में नगरों से सम्बंधित एक शब्द प्रचलन में है, ‘स्मार्ट सिटी’। ध्यान से देखा जाए तो इस ‘स्मार्ट सिटी कॉन्सेप्ट’ में और हमारे प्राचीन ‘नगर नियोजन’ में कोई आधारभूत अंतर नहीं है। निश्चित रूप से हम उस समय के हिसाब से आज की नगरीय संरचना का विचार नहीं कर…

यूसीसी और दशानन विपक्ष

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भारत में हर आदमी कानून का जानकार नहीं है इसलिए ऐसी बातों में फंसना आसान है परंतु यदि सुनी सुनाई बातों को अलग रखकर अपनी बुद्धि पर थोड़ा जोर दें तो इसके कुछ पक्ष सामने आएंगे। सबसे पहला तो यह कि यूसीसी का किसी धर्म मत सम्प्रदाय से सम्बंध नहीं है। कोई व्यक्ति किस शैली में अपने इष्ट को पूजता है यह उसका व्यक्तिगत मुद्दा है, यूसीसी का इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं है।

राष्ट्र-धर्म रक्षक गुरु गोविंद सिंह

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गुरु गोविंद सिंह केवल सिख समुदाय के ही आदरणीय नहीं हैं, वे उन मानव मूल्यों के प्रतीक हैं, जिनकी आज देश और विश्व को बड़ी आवश्यकता है। उनका जीवन केवल बलिदान, त्याग, निस्पृहता और निडरता की कहानी ही नहीं बल्कि एक प्रकाश स्तम्भ है। हिंदूओं की धार्मिक स्वतंत्रता के लिए आपके पिता गुरु तेग बहादुर जी का आत्म बलिदान और आपके चारों पुत्रों की धर्म और सिद्धांतों के लिए बलिदान की गाथा अद्भुत है।

भारी न पड़ जाए अतिआत्मविश्वास

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कर्नाटक में भाजपा की हार के बाद कांग्रेस खेमे में आनंद का और भाजपा में चिंतन मनन का दौर चल रहा है। चुनाव परिणाम आने के बाद ये होना स्वाभाविक ही है। जब भी कोई पार्टी चुनाव हारती है तो हार के कारणों पर चिंतन किया जाता है। राजनीतिक विश्लेषक…

हत्या एक, प्रश्न अनेक

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पूर्व विधायक, सांसद, बाहुबली नेता और माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ को जब साबरमती से उत्तर प्रदेश लाया जा रहा था तब मीडिया और आम जनता को हर पल यह लग रहा था कि विकास दुबे की तरह इसका भी एनकाउंटर कर दिया जाएगा। इसलिए मीडिया ने उसकी ‘किसी…

खुद ही खुद को गढ़ना होगा…

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हर वर्ष 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। कई वर्षों से यह भारत में भी मनाया जा रहा है। हालांकि यह भारत की सांस्कृतिक देन नहीं है क्योंकि जन्मदिन, विवाह वर्षगांठ, जन्मतिथि और पुण्यतिथि के अलावा हमारे यहां व्यक्ति विशेष से सम्बंधित दिवस नहीं होते। महिला दिवस…

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