‘हिंदू’सूत्र से जुड़ा है हमारा समाज – डॉ. मोहन भागवत

Continue Reading‘हिंदू’सूत्र से जुड़ा है हमारा समाज – डॉ. मोहन भागवत

एक आक्रमण होने के बाद हम सावधान हो गए, ऐसा नहीं हुआ. पिछले २ हजार वर्षों में बारम्बार कोई न कोई आता है और हमें गुलाम बनाता है. हर बार हमने वहीँ गलती की. हर बार कोई घरभेदी (गद्दार) ही धोखा देता आया है, यह रोग हमारे मूल में है. इसका निदान हुए बिना देश सुरक्षित नहीं रह सकता. हम कौन और हमारे कौन? इस सम्बंध में देश में ज्ञान का अभाव है. ‘हिंदू’ सूत्र के आधार पर हम जुड़े हुए है. अपने धर्म-संस्कृति पर अडिग रहकर श्रेष्ठ आचरण करने पर अपनी चुनौतियों से पार पाते हुए हम विश्व को भी मार्ग दिखा सकते है. यह वक्तव्य पू. सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने साप्ताहिक विवेक द्वारा प्रकाशित ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ – हिंदू राष्ट्र के जीवन उद्देश्य की क्रमबद्ध अभिव्यक्ति’ नामक ग्रंथ के विमोचन समारोह के दौरान दिया.

कर्तव्य पथ के कर्मठ यात्री… रामभाऊ नाईक

Continue Readingकर्तव्य पथ के कर्मठ यात्री… रामभाऊ नाईक

 यदि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और बीजेपी के प्रति किन्ही नेताओं की अटल निष्ठा का दावा करना हो तो आप बेशक राम नाईक को शामिल कर सकते हैं। वे न सिर्फ संगठन के प्रति निष्ठावान रहें हैं बल्कि अपने दायित्वों और नीति नियमों के प्रति भी उनका विश्वास अपूर्व रहा है। पता नहीं कैसे पर दिन ब दिन गंदी होती जा रही राजनीति में भी रामभाऊ बेदाग रहे हैं। तीन बार विधायक और पांच बार सांसद रहे वे, वह भी मुंबई ‌शहर की घनी आबादीवाले उत्तर मुंबई जैसी सीट से! इतने बड़े क्षेत्र का मानस संभालकर भी रामभाऊ ने वैधानिक दायित्व की बारीकियों का लगातार अध्ययन और प्रयोग किया। वैधानिक बारिकियां समझने-समझाने में वे माहिर है। समस्याएं हल होने तक धैर्य से लगे रहने, कामकाज, प्रशासकीय और जीवन में अनुशासन का अनुपालन करने, विषयों का अध्ययन करके उन्हें उठाने... आदि विविधांगी आयामों का ताना-बाना साधे रहने का कमाल रामभाऊ ने कर दिखाया है। श्री अटलबिहारी बाजपे‌यी ने एक बार कहा ‌था कि ‘सही समय पर कुशलता से विषय उठाने का गुण, समयसूचकता और नियमों का उपयोग करने की जो सिध्दता राम नाईक में है, वह सब में नहीं होती।’

भीम मीम के अंतर्तत्व को समझें समाज बंधु 

Continue Readingभीम मीम के अंतर्तत्व को समझें समाज बंधु 

“बाबासाहेब व मुस्लिम समुदाय” पर बहुत कुछ लिखा जाना अभी बाक़ी है, अभी यहां केवल मुस्लिम स्त्री विमर्श विषयक लेखन के संदर्भ में बाबासाहेब के विचार यहां समाहित किए जा रहे हैं। अब समय आ गया है,  हम “भीम-मीम” के नारे के दुराशयपूर्ण अंतर्तत्व को समझें व “भीम बाबा” की इच्छा के अनुरूप भारतीय मुस्लिम समुदाय की महिलाओं की स्थिति में परिवर्तन लाएं।

कृषि नीति : सॉइल हेल्थ कार्ड -‘e- कृषि किरण’

Continue Readingकृषि नीति : सॉइल हेल्थ कार्ड -‘e- कृषि किरण’

आणंद कृषि विद्यापीठ ने लगभग पौने तीन करोड़ खर्च करके ‘सॉइल हेल्थ कार्ड’ का सॉफ्टवेयर तैयार किया। किसानों ने केवल अपना नाम, अपने गांव का नाम और अपने खेत का सर्वे क्र. बताया कि कम्प्युटर पर सॉईल हेल्थ कार्ड खुल जाता था। केवल ₹ 1/- में वह कार्ड किसान को दे दिया जाता था। उस कार्ड पर किसान को अपने खेत की मिट्टी में उपलब्ध प्रमुख पोषक तत्वों (Major Nutrients), जैविक कार्बन (Organic carbon), N, P, K, EC और pH का विवरण मिल जाता था। साथ ही उसने अपने खेत में कौन सी फसल उगाई तो फायदे में रहेगा, यह भी बताया जाता था। अभी जो फसल खेत में लगी हुई है, उस पर यदि रोग या कीड़ा लगा है तो कौन सी दवा छिडकनी चाहिए, यह भी बताया जाता था। किसान को ₹ 1 /- में पूरा पॅकेज मिल जाता था।

मध्य भारत में क्लीन स्वीप की सम्भावना

Continue Readingमध्य भारत में क्लीन स्वीप की सम्भावना

मध्य भारत के मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड में भाजपा अन्य दलों की अपेक्षा बहुत ही मजबूत स्थिति में है। इस बार भाजपा क्लीन स्वीप करने के लिए अपना पूरा जोर लगा रही है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में भाजपा को कांगे्रस के साथ-साथ नक्सली समर्थक तथा वनवासी क्षेत्रों में मिशनरीज के साथ दो-दो हाथ करना पड़ सकता है।

भाजपा का बढ़ता जनाधार

Continue Readingभाजपा का बढ़ता जनाधार

इस बार के चुनाव में यदि भाजपा दक्षिण भारत में उम्मीद से अधिक सीटें जीत जाए तो आश्चर्य मत कीजिएगा क्योंकि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जनता का विश्वास भाजपा पर बढ़ा है। प्रांत, भाषा और अलगाववाद की राजनीति करने वाली क्षेत्रीय पार्टियों ने राष्ट्र-धर्म और हिंदुत्व का विरोध कर अपने पतन का मार्ग खुद चुना है।

भाजपा का गढ़ उत्तर भारत क्षेत्र

Continue Readingभाजपा का गढ़ उत्तर भारत क्षेत्र

जम्मू-कश्मीर और पंजाब को छोड़कर पूरे उत्तर भारत क्षेत्र के राज्यों में भाजपा-एनडीए प्रभावी स्थिति में है। इन क्षेत्रों से पिछली बार एनडीए को कुल 211 सीटें मिली थीं, लेकिन इस बार इसमें और अधिक बढ़ोत्तरी के संकेत हैं। हिंदुत्व, राष्ट्रवाद, राम मंदिर, सीएए आदि उपलब्धियों के चलते भाजपा के पक्ष में वातावरण बना हुआ है।

एनडीए को 411 सीटें जीतने का अनुमान

Continue Readingएनडीए को 411 सीटें जीतने का अनुमान

भाजपा ने भले ही अपने एनडीए गठबंधन के लिए 400 पार का नारा दिया है, लेकिन हाल ही में हुए एक सर्वे में उसकी 411 सीटें जीतने की सम्भावना जताई गई है। गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान में भाजपा इस बार पहले से अच्छा प्रदर्शन कर सकती है।

मां, माटी और मानुष की हत्या

Continue Readingमां, माटी और मानुष की हत्या

बंगाल की मुख्य मंत्री ममता बनर्जी के मुस्लिम तुष्टिकरण का दुष्परिणाम वहां के मूलनिवासियों को भुगतना पड़ रहा हैं। वही बांग्लादेशी-रोहिंग्या घुसपैठ से वहां की डेमोग्राफी चेंज होने लगी है। संदेशखाली में हुई अमानवीय वारदातें ममता की निर्ममता का प्रमाण हैं।

पूर्वोत्तर में रहेगा एनडीए का वर्चस्व

Continue Readingपूर्वोत्तर में रहेगा एनडीए का वर्चस्व

2024 के लोकसभा चुनाव का रुझान भाजपा-एनडीए के पक्ष में जाता दिखाई दे रहा है। पूर्वोत्तर में 24 में से 20 से अधिक सीटों पर एनडीए का वर्चस्व रहने का अनुमान है। हालांकि भयमुक्त चुनाव सम्पन्न करने हेतु संवेदनशील और सीमावर्ती क्षेत्र में सुरक्षा की दृष्टि से सर्तक रहना आवश्यक है।

चार सौ पार के सूत्रधार मुख्य मंत्री

Continue Readingचार सौ पार के सूत्रधार मुख्य मंत्री

उत्तर प्रदेश से योगी आदित्यनाथ, असम से हिमंता बिस्वा सरमा, उत्तराखंड से पुष्कर सिंह धामी और गोवा से डॉ. प्रमोद सावंत ऐसे आदर्श मुख्य मंत्री हैं जिन्होंने धर्म, संस्कृति, हिंदुत्व के साथ अपने विकास कार्यों एवं कानून व्यवस्था से देशवासियों का दिल जीत लिया है।

मोदी सरकार के नवरत्न

Continue Readingमोदी सरकार के नवरत्न

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का कद तेजी से बढ़ता ही जा रहा है। मोदी सरकार को सशक्त एवं स्थिर रखने में उनके सहयोगियों की अहम भूमिका है। इन्होंने अपने नेतृत्व गुणों से अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है।

End of content

No more pages to load