कृषि नीति : सॉइल हेल्थ कार्ड -‘e- कृषि किरण’

Continue Readingकृषि नीति : सॉइल हेल्थ कार्ड -‘e- कृषि किरण’

आणंद कृषि विद्यापीठ ने लगभग पौने तीन करोड़ खर्च करके ‘सॉइल हेल्थ कार्ड’ का सॉफ्टवेयर तैयार किया। किसानों ने केवल अपना नाम, अपने गांव का नाम और अपने खेत का सर्वे क्र. बताया कि कम्प्युटर पर सॉईल हेल्थ कार्ड खुल जाता था। केवल ₹ 1/- में वह कार्ड किसान को दे दिया जाता था। उस कार्ड पर किसान को अपने खेत की मिट्टी में उपलब्ध प्रमुख पोषक तत्वों (Major Nutrients), जैविक कार्बन (Organic carbon), N, P, K, EC और pH का विवरण मिल जाता था। साथ ही उसने अपने खेत में कौन सी फसल उगाई तो फायदे में रहेगा, यह भी बताया जाता था। अभी जो फसल खेत में लगी हुई है, उस पर यदि रोग या कीड़ा लगा है तो कौन सी दवा छिडकनी चाहिए, यह भी बताया जाता था। किसान को ₹ 1 /- में पूरा पॅकेज मिल जाता था।

मोबाइल से दूरी क्यों है जरूरी!

Continue Readingमोबाइल से दूरी क्यों है जरूरी!

अधिकतर शहरों में हर माता-पिता की यह शिकायत रहती है कि उनके बच्चें ज्यादा समय मोबाइल से ही चिपके पड़े रहते हैं। वे हमसे बात तक नहीं करते, अपनी अलग ही दुनिया में खोए रहते हैं। यदि आपकी भी कुछ ऐसी ही समस्या है तो यह लेख आपके लिए ही है -

डिजिटल साक्षरता और जागरूकता

Continue Readingडिजिटल साक्षरता और जागरूकता

देश-दुनिया में हो रहे सकारात्मक परिवर्तन व सुधार में सोशल मीडिया की प्रभावी भूमिका रही है, हालांकि इसके कुछ नकारात्मक पहलू भी है। बावजूद इसके आम आदमी की आवाज बुलंद करने, रोजगार, प्रचार प्रसार और जन जागरण की दृष्टि से सोशल मीडिया एक सशक्त माध्यम बन कर उभरा है।

समुद्री सुरक्षा की चुनौती

Continue Readingसमुद्री सुरक्षा की चुनौती

लाल सागर में हाउती विद्रोहियों द्वारा किए जा रहे हमले को भारत ने गंभीरता से लिया है और समुद्री सुरक्षा की दृष्टि से विध्वंसक जलपोतों, विमान, हेलीकॉप्टर, ड्रोन तथा तटरक्षक जलयान आदि को तैनात कर दिया है ताकि समुद्री सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके।

सूर्या फाऊंडेशन द्वारा प्राकृतिक जैविक किसान सम्मेलन

Continue Readingसूर्या फाऊंडेशन द्वारा प्राकृतिक जैविक किसान सम्मेलन

खेती में बढ़ती रासायनिक खाद के उपयोग से बढ़ती स्वास्थ्य समस्याएं आज की प्रमुख समस्याओं में से एक है। अधिक उत्पादन की दौड़ में अंधाधुंध रसायनिक खादों के प्रयोग से आज मिट्टी दूषित हो गई है। और उन विकृतियों का परिणाम आज हमें खाद्य पदार्थों में दिखता है। खराब होती मृदा पर्यावरण के लिए भी मुश्किलें खड़ी कर रही है। इसके निवारण हेतु आवश्यकता है प्राकृतिक एवं जैविक कृषि की। इस सम्मेलन में आए सभी संबंधित अधिकारियों ने किसानों को प्राकृतिक खेती की तकनीकों को सिखाया।

तेईसवीं शताब्दी में एक दिन

Read more about the article तेईसवीं शताब्दी में एक दिन
Happy Man in Bed
Continue Readingतेईसवीं शताब्दी में एक दिन

उठो आज ऑफिस नहीं जाना है क्या? माधुरी रमन को झिंझोड़ कर उठा रही थी। अब तक वह उसे तीन बार उठा चुकी थी पर हर बार रमन चादर में मुंह घुसा कर सो जाता था।

Dark web इइंटरनेट की अंधियारी गलियां

Continue ReadingDark web इइंटरनेट की अंधियारी गलियां

जिन गलियों की जानकारी न हो उनमें घूमना वैसे ही भयावह होता है और अगर वो गलियां अंधियारी हो तो भय का बढ़ना निश्चित है। डार्क वेब इंटरनेट की ऐसी ही अंधियारी गलियारों में लगा बाजार है, जहां डाटा से लेकर हथियारों और कई गैरकानूनी वस्तुओं की खरीद-बिक्री होती है।

एआई ये दाग अच्छे हैं!

Continue Readingएआई ये दाग अच्छे हैं!

तकनीक के कुछ लाभ हैं तो हानि भी कम नहीं है। डायनामाइट जैसे विस्फोटक का आविष्कार हुआ था पहाड़ में सुरंगें बनाने जैसे उपयोगी काम के लिए, लेकिन इस आविष्कार ने संहार का रास्ता भी खोला। कम्प्यूटर-इंटरनेट से लेकर ऐसी अनेक खोज हैं जो हमारी सहायता के लिए अस्तित्व में आईं, लेकिन उससे हुई हानि हमेशा चर्चा में रहे हैं। यही सब कुछ चैट जीपीटी के संदर्भ में भी सामने आ रहा है।

वरदान न बने अभिशाप

Continue Readingवरदान न बने अभिशाप

तकनीक या विज्ञान जितनी प्रगति कर रहा है उतना ही यह प्रश्न सुरसा की तरह मुंह फैला रहा है कि इसे वरदान कहें या अभिशाप? हालांकि मशीनी युग में भी मानवीय संवेदनाएं ही इसका सही उत्तर देंगी कि मानव के लिए क्या सही है और क्या गलत।

पनवेल की विकास यात्रा अतीत से अब तक…

Continue Readingपनवेल की विकास यात्रा अतीत से अब तक…

पनवेल की विकास यात्रा को देखकर अब हर किसी को भविष्य की दृष्टि से विविध क्षेत्रों में अपार सम्भावना नजर आने लगी है। इसलिए यहां भारी निवेश हो रहा है और इसे नवी मुंबई की तर्ज पर सुनियोजित शहर के रूप में विकसित किए जाने की मांग हो रही है।

भारतीय मूल्यों की संवाहक बन रही हैं जी-20 की बैठकें

Continue Readingभारतीय मूल्यों की संवाहक बन रही हैं जी-20 की बैठकें

दुनियाभर से आए अतिथियों ने यहाँ भारत के आतिथ्य का अनुभव तो किया ही, उन्हें शांति एवं सह-अस्तित्व का संदेश देनेवाली भारतीय संस्कृति का दर्शन भी कराया गया। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बात का विशेष ध्यान रखा कि विचार-विमर्श से निकले वैचारिक मंथन के साथ ही भारतीय विरासत के दर्शन कर भारतीय संस्कृति एवं उसके मूल्यों की प्रत्यक्ष अनुभूति भी जी-20 के विद्वान प्रतिनिधि अपने साथ लेकर जाएं। मुख्यमंत्री के आग्रह पर जी-20 के प्रतिनिधियों ने सांची और भीमबेटका जैसे विश्व विरासत के स्थल देखे। भारतीय ज्ञान-परंपरा के केंद्र के रूप में सुप्रसिद्ध उज्जैन में महाकाल के दर्शन भी किए। बाघ अभ्यारण्य में जैव विविधता के प्रति भारतीय दृष्टिकोण की अनुभूति भी दुनियाभर से आए लोगों ने की।

भारत में डिजिटल क्रांति अन्य देशों के लिए बन रही है उदाहरण

Continue Readingभारत में डिजिटल क्रांति अन्य देशों के लिए बन रही है उदाहरण

भारत को जी-20 समूह की अध्यक्षता मिलना एक वरदान की तरह साबित होता दिखाई दे रहा है। भारत ने हाल ही के वर्षों में कई क्षेत्रों में जो अतुलनीय प्रगति की है, इसे देखकर जी-20 समूह के सदस्य देश आश्चर्यचकित हो रहे हैं। भारत चूंकि जी-20 समूह के सदस्य देशों…

End of content

No more pages to load