हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result
हिंदू खतरे में है तो देश असुरक्षित है…

हिंदू खतरे में है तो देश असुरक्षित है…

by अमोल पेडणेकर
in अवांतर
4

सोशल मीडिया और वर्तमान पत्र में प्रसारित हुए दो चित्रों ने मन को हिला कर रख दिया है। एक चित्र में एक नवविवाहित युवती अपने पति के शव के सामने बैठकर आक्रोश कर रही है। दूसरा चित्र है कश्मीरी मुस्लिम आतंकवादियों के खूंखार हमले में मारे गए हुतात्माओं के शव पेटियों के सम्मुख देश के गृह मंत्री पुष्प अर्पण कर रहे हैं। प्रदर्शित हुए यह दोनों चित्र सुरक्षित भारत का चित्र नहीं है। देश में कश्मीर से लेकर केरल तक हिंदू सुरक्षित नहीं है और हिंदू असुरक्षित है इस बात का इसका सीधा-सीधा मतलब है, देश खतरे में है। इस चित्र को बदलने की जिम्मेदारी भारत के नेताओं को स्वीकार करनी होगी। नहीं तो आने वाला भविष्य देश सहित सभी हिंदुओं के लिए सुरक्षित नहीं है‌, यह बताने वाला यह चित्र है। यह चित्र बदलना आवश्यक है। हमारे नेता इस प्रकार भारतीयों के मृत देह पर पुष्प चक्र चढ़ाने के लिए नहीं है‌‌, तो उनका संरक्षण करने के लिए है। हमारे नेता भारत और देश के हिंदुओं पर नापाक नजर रखने वाले दुश्मनों के मन में डर बिठाने के लिए है।

हमारे देश में स्कूलों की छुट्टी पड़ी है, कहीं शादियां हुई है। ऐसे समय में हमारे देश के नागरिक अपने परिवार के साथ छुट्टियां मनाने के लिए कश्मीर में जाते हैं। छोटे-छोटे बच्चे अपने माता-पिता के साथ गए हुए हैं। जिनकी शादी अभी-अभी हुई है ऐसे नव विवाहित जोड़े भी कश्मीर में गए हैं। आनंद से भरे माहौल में अचानक उनके सामने मौत खड़ी हो जाती है। वह मौत कोई आसमानी मौत नहीं थी। वह मौत कोई नैसर्गिक नहीं थी, वह सब हिंदू है इसलिए इनको मारा गया था। सभी के शरीर पर कपड़े निकाल कर गुप्त अंगों की जांच की गई, उन्हें उनका धर्म पूछा गया, कलमा पढ़ने के लिए कहा गया और हिंदू होने के कारण ही उन्हें गोलियों से भून डाला गया। हिंदूओं के देश में हिंदू होने के कारण हिंदूओं को मौत के घाट उतारा जा रहा है। हिंदुस्थान में हिंदू होना कोई गुनाह है? हिंदू ना अपने देश में सुरक्षित है, ना बांग्लादेश में सुरक्षित है, ना पाकिस्तान में सुरक्षित है। हिंदुओं के सामने बड़ा कठिन प्रसंग है और आगे की राह संघर्ष से भरी हुई है। हिंदूओं को संगठित होने का मंत्र बताने वाला भी यह प्रसंग है। इस बात का विचार देश के हिंदुओं को करना अत्यंत आवश्यक है।

आतंकियों ने अत्यंत सोच समझकर यह हमला किया है। नवविवाहित पति को गोली मारने के बाद मृत पति को देख उस महिला ने गोली मारने वाले आतंकियों को कहा ‘मुझे भी मार दो’। उस पर हिंसक मुस्लिम आतंकवादी ने कहा कि तुम्हें नहीं मारेंगे, भारत सरकार को संदेश देने के लिए तुम्हें जिंदा छोड़ रहे है। अत्यंत ठंडे दिमाग से किया हुआ यह हिंसाचार है। हम कहते हैं कि हम विश्व गुरु बनेंगे, हमारे सामर्थ्य पर विश्व में हमारा बोलबाला होगा, लेकिन इसके लिए हमें अपना सामर्थ्य दिखाना पड़ेगा। मच्छर जैसे इन आतंकवादियों पर हम काबू नहीं पा सकते, उनके मन में क्या चल रहा है, उनके आतंक से जुड़े हुई गंदी सोच की अगली प्लानिंग क्या है? इस पर हमारे पास कोई जानकारी नहीं है। ऐसे में हम विश्व के सामने अपना सामर्थ्य कैसे प्रस्तुत करेंगे? यह हमला अत्यंत सोची समझी रणनीति है। यह हमला भारत के सार्वभौमिक एकता पर किया गया हमला है। इसका हम मुंहतोड़ जवाब देंगे। इस प्रकार की बातें हर हमले में हम सुनते आए हुए हैं। इस हमले में शायद वही सुनाई पड़ेगा? ‘मोदी है तो सब मुमकिन है’, इस बात पर हमारा विश्वास है, उस विश्वास को बरकरार रखने के लिए मोदी सरकार को आतंकवादियों को और आतंकवादियों के आका पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देना पड़ेगा और वह जवाब पाकिस्तान सदियों तक याद रखें इस प्रकार का होना आवश्यक है। हिंदुओं का गिरता मनोबल फिर से खड़ा होना चाहिए। आज य। जिम्मेदारी सरकार की है।

पाकिस्तान की मॉडस ऑपरेंडी है, वह अलग-अलग प्रकार से आतंकवादियों को तैयार करता है। उन संगठनों को अलग-अलग नाम देता है और उन संगठनों तथा आतंकवादियों को भारत में आतंक फ़ैलाने के लिए छोड़ देता है। यह आतंकवादी संगठन अलग-अलग नाम से कार्यरत होती है। जैस ऐ मोहम्मद, लश्कर ए तौबा इस प्रकार के अलग-अलग नाम से आतंकियों के संगठन कार्य करते हैं। इस बार अलग विदेशी नाम लेकर ( टि आर एफ) दि रेजिस्टेंस फ्रंट यह संगठन कार्यरत है। वह भी पाकिस्तान की ही देन है। इसी संगठन ने कश्मीर में यह हमला किया हुआ है,ऐसी बात सामने आ रही है। इस संगठन में कार्य करने वाले प्रशिक्षित आतंकवादी आम लोगों की तरह हम लोगों के साथ रहते हैं। वह कहीं आईटी कम्पनियों में काम करते हैं, तो कहीं भंगार का काम करते हैं। तो कहीं गेराज में काम करते हैं, तो कहीं होटल में काम करते हैं, लेकिन सभी मुस्लिम हिंदुओं पर हमला करने के लिए, इस भारत को तहस-नहस करने के लिए एक ही सोच लेकर कार्यरत रहते हैं। काफिरों को जीने का अधिकार नहीं है, यहीं उनकी मजहबी तालीम है। जब भी ऐसा जिहादी हमला करना होता है तो वह प्रशिक्षित आतंकवादी कुछ समय के लिए वहां जाकर अपने काम को अंजाम देते हैं। उनको हथियार उनके आकाओं के माध्यम से दिए जाते हैं। वह जो प्रशिक्षित आतंकवादी है वह अपना काम करते हैं और फिर हम लोगों में आकर घुल-मिल जाते हैं। अब इस प्रकार की अलग पद्धति इन आतंकवादियों ने प्रारंभ है। हम भारतीयों को और भारत की सुरक्षा एजेंसी को सतर्क रहने की आवश्यकता है। इस प्रकार के लोग कहां-कहां से कैसे अपना कार्य कर रहे हैं, उस पर अपनी नज़रें गड़ा कर रखना अब आवश्यक है।

सिर्फ मुस्लिम समाज के हित में लाए हुए वक्फ सुधार कानून पर हमारे न्यायालय में कपिल सिब्बल और मनु सिंघवी जैसे हिंदू वकील ही मुकदमा लड़ रहे हैं। दिल्ली में एक न्यायाधीश के घर में आग लगने के बाद जली हुई बेशुमार भ्रष्ट संपत्ति पाई गई। उसके बाद देश के न्यायाधीशों को कहा गया कि अपनी संपत्ति का लेखा-जोखा आप प्रस्तुत करें। अब तक सिर्फ 56 न्यायमूर्तियों ने अपना लेखा-जोखा प्रस्तुत किया हुआ है। बाकी जो 706 न्यायमुर्तिंयों ने अभी तक जो सम्पत्तियों को जोड़ने में ही लगे रहे थे, उन्होंने कहा हमने अभी तक हमारी संपत्ति कभी गिनी नही। सरकार से गुजारिश है कि हमें गिनने का समय दिया जाए। न्यायपालिका में बैठे हुए ऐसे न्यायमूर्ति हमारे देश का कल्याण किस प्रकार करेंगे? यह प्रश्न देश की जनता के सामने उपस्थित हो रहा है? संसद में पारित हुए वक्फ कानून में परिवर्तन नहीं लाया गया तो हिंदुओं का कत्लेआम करेंगे।

इस देश में दंगा करेंगे। सरकार को इस कानून में परिवर्तन करने के लिए मजबूर करेंगे। इस प्रकार की खुलेआम चुनौती इस देश में चुनकर आने वाले मुस्लिम सांसदों से लेकर मुस्लिम नेता देते हैं। इससे यह बात स्पष्ट होती है कि सरकार और कानून का इन सांसदों और गुंडे प्रवृत्ति के मुस्लिम नेताओं को जरा भी डर नहीं है। जब-जब भारत में अमेरिका या विदेश से कोई बड़ा डेलिगेशन आता है या कोई बड़ी डीलिंग होने वाली होती है। ठीक उसी समय भारत में दंगा या हमला होता ही है। डोनाल्ड ट्रम्प भारत आए थे तब दिल्ली में इन्होंने जबरदस्त दंगल की थी। वह दंगा बहुत खौफनाक था। उस दंगे का मास्टरमाइंड आगे चलकर चुनाव में खड़ा हो गया। यह कैसे संभव होता है यह प्रश्न आम लोगों के मन में निरंतर रहता है? अब भारत में अमेरिका के उपराष्ट्रपति आ रहे हैं और नरेंद्र मोदी सऊदी अरब में प्रवास में गए हैं। ऐसे समय में यह हिंदुओं को निशाने पर लेकर खूनी खेल होना, यह कोई समझ में ना आने वाली बात नहीं है‌, निरंतर इस प्रकार की बातें होती रहती है, लेकिन हमारे मन में प्रश्न यह है निरंतर इस प्रकार की बातें होते रहते हुए भी भारत सरकार का गृह मंत्रालय इन घटनाओं की ओर किस प्रकार देखता है ? क्यों बार-बार इस प्रकार की घटना होती है? सरकार की ख़ुफ़िया एजेंसियां क्या कर रही है? अगर निरंतर ऐसा हो रहा है तो हम खतरे में है, यह बात भारतीय जनता के मन में बैठ जाएगी। भारत सरकार को इस संदर्भ में ध्यान देना आवश्यक है। भारतीयों के मन में विश्वास निर्माण करना और पूरी दुनिया में भारत का नाम बुलंद रखने के लिए यह बात अत्यंत जरूरी है।

Image

आतंकी मुस्लिम कोई इंसानी कौम नहीं नरपिशाचों का झुंड हैं। इतिहास से लेकर अब तक हिंदुओं को टारगेट करके उन्होंने किए हुए बर्बरतापूर्ण हमले इसका प्रमाण है। कश्मीर में हिन्दुओं के नरसंहार को जानकर आपकी रूह कांप जाएगी, जो पैंतिस साल पहले हिंदुओं के साथ हुआ था, वो नरसंहार आज भी कश्मीर में हो रहा है। गिरिजा टिक्कू जो कश्मीर में एक स्कूल की लैब असिस्टेंट थी। जिहादियों ने इनको अगवा करके जिंदा रहते हुए इनको मशीन से दो टुकड़ों में काट दिया था। हिंदू महिलाओं और हिन्दू पुरूषों को उनके बच्चों के खून से सने चावल खिलाए गए।
कश्मीर के वांघमा गांव में 73 हिंदू पुरुषों और 69 हिन्दू महिलाओं की गला काटकर हत्या की गई और उनके छोटे-छोटे बच्चों की आंखों में गोली मारके हत्या की गई। ये तो सिर्फ कुछ घटनायें हैं, जिसमें हिन्दुओं को मारा, काटा और भगाया गया। ऐसे न जाने कितने हज़ारों नरसंहार, कत्लेआम और बलात्कार कश्मीर में हुए है। इन सभी की सिर्फ एक ही गलती थी और वह है इन लोगों का धर्म हिंदू होना। वह हिंदू थे। आतंकी सोच वाले मुस्लिमों को अभी भी हिंदू समाज इस देश में रहने कैसे दे रहा है? संयम हिंदुओं का संस्कार है इस कारण।

Image

भारत मां को मां नहीं समझने वाले, वंदे मातरम नहीं कहने वाले, भारत माता की जय नहीं बोलने वाले, देश नहीं तो सिर्फ इस्लाम से प्यार करने वाले और हिंदू काफ़िर है और जो काफिर है उन्हें जीने का अधिकार नहीं, इस प्रकार मजहबी सोच रखने वाले जिहादी आतंकवादि राक्षसी वृत्ति के होते हैं। ऐसे लोग ही भारत के कश्मीर में, केरल में, पश्चिम बंगाल में और बांग्लादेश में, पाकिस्तान में, सभी जगह हिंदुओं पर हमला करते हैं। हिंदूओं पर हो रहे निरंतर हमले के बाद भी हिंदुओं ने अपना आपा संभाल के रखा है। यह हिंदूओं के संस्कार और संयम की बात है। जिस दिन हिंदू अपना आपा खो देगा तो सुनामी का माहौल महसूस होगा। यह बात ना हो, इसके लिए सरकार को अपनी एजेंसियों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। अब कश्मीर में हुए जिहादी हमले जैसी घटना भविष्य में भी होती रहेगी? और यदि हिंदुओं का हिंदू होने के कारण नरसंहार किया जाता रहेगा ? तो हिंदुओं की सहनशीलता का अंत सरकार को देखना पड़ेगा और काफिरों को जीने का हक नहीं, ऐसा समझने वालों का जीना मुश्किल हो जाएगा। अब सरकार की जिम्मेदारी है, आने वाले भविष्य में हिंदुओं के संयम को किस प्रकार से संभालना है। साथ में हिंदुओं को भी इस घटना से एक बात समझ लेनी चाहिए कि कश्मीर में गोली मारते वक्त मुस्लिम आतंकियों ने किसी की कोई जात नहीं पूछी थी। तू मराठी भाषी हैं या तू हिंदी भाषी हैं, तू हरियाणवी भाषी है या कन्नड़, तमिल, मल्याळम , उड़िया भाषी है। यह कुछ भी नहीं पूछा था सिर्फ और सिर्फ हिंदू होने के कारण इन सारे लोगों को खून के घाट उतार दिया गया। उनका नरसंहार किया गया।

हिंदुओं में अपने राजनीतिक हित के लिए भाषा-प्रांत, जाति-पाति को लेकर गुटबाजी की राजनीति करने वाले नेताओं और उनके समर्थकों को यह बात समझनी चाहिए कि आने वाले भविष्य में हम सतर्क और हिंदू के रूप में संगठित नहीं हुए तो हमारे बेटे और पोते हिंदू नहीं रहेंगे। या तो उन्हें हिंदू होने के कारण मरना पड़ेगा या डरकर इस्लाम स्वीकार करना पड़ेगा। इस बात के जिम्मेदार आज के हम सब हिंदू होंगे। छत्रपति संभाजी महाराज को बर्बरता के साथ मारा गया, उस पर बनी फिल्म ‘छावा’ को देखकर हमने कुछ सीखा? पश्चिम बंगाल में हो रहा हिंदूओं के नरसंहार और पलायन से सीखा? बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ जो दर्दनाक घटनाएं हो रही है उसे सोशल मीडिया पर देख रहे हैं, उससे हमने कुछ सीखा?
‘हिंदू जागो’ इतिहास से और वर्तमान में हो रही घटनाओं से सिखों, नहीं तो तुम एक इतिहास बन कर रह जाओगे। संगठन में शक्ति है, हिंदू-हिंदू भाई है। जाति भाषा, प्रांत के भेदभाव से ऊपर उठकर हम सभी को एक होना होगा। हम सारे हिंदू हैं, इस बात को समझने का समय आ गया है।

Share this:

  • Twitter
  • Facebook
  • LinkedIn
  • Telegram
  • WhatsApp
Tags: #kashmir #jammu #attackk #india #world #wide #viral

अमोल पेडणेकर

Next Post
कार्यालय केवल भवन नहीं, कार्य का आलय होना चाहिए – डॉ. मोहन भागवत जी

कार्यालय केवल भवन नहीं, कार्य का आलय होना चाहिए - डॉ. मोहन भागवत जी

Comments 4

  1. Amruta pednekar says:
    4 weeks ago

    Fhakt candle Lau Naka . shradhanjali Sabha gheu naka. Tar Hindu aata tari Jage vha.

    Reply
  2. Amruta pednekar says:
    4 weeks ago

    Fhakt candle Lau Naka . shradhanjali Sabha gheu naka. Tar Hindu aata tari Jage vha.

    Reply
  3. Vidya Sharaff says:
    4 weeks ago

    विचार करायला लावणारा लेख…

    Reply
  4. Sudhir Patkar says:
    4 weeks ago

    ab hindu o ko bhi haat me shastra utha lena chahiye! kab tak sahate rahna hai. dikha dena hi padega. nahi to maro aise hi.

    Reply

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण

© 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

0