हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result
टी शर्ट  माध्यम अभिव्यक्ति की आज़ादी का

टी शर्ट माध्यम अभिव्यक्ति की आज़ादी का

by जयंत भाटिया
in फैशन दीपावली विशेषांक - नवम्बर २०१८
0

आजकल एक नया ट्रेंड युवाओं में देखा गया है, जिसमें वे अपने टैटू को प्रमुख रूप से दर्शाने के लिए एक विशेष प्रकार की टी-शर्ट्स की दुकानदारों से मांग करने लगे हैं। इसके अलावा अलग-अलग लोगो व मैसेज के टी-शर्ट भी लोकप्रिय है। यह आपकी अभिव्यक्ति को प्रकट करता है।

आज के भारतीय युवा फैशन के मामले में पाश्चात्य संस्कृति से काफी प्रभावित नज़र आते हैं। फैशन के मामले में विदेशी युवाओं के साथ कदम से कदम मिलाए चल रहे हैं। और, वैसे भी जब से इंटरनेट का आविष्कार हुआ है तब से मानो दुनिया काफी छोटी सी हो गई है। स्मार्ट मोबाइल फोन का प्रचलन तथा साथ ही साथ सस्ते इंटरनेट दामों के चलते तो फैशन टिप्स तो मानो युवाओं की उंगलियों पर हरदम उपलब्ध हैं। आजकल के युवा अपने पर काफी ध्यान दे रहे हैं। जिसके चलते किसी भी प्रकार के महंगे दाम भी चुकाने के लिए तत्पर रहते हैं। फैशन की इस चकाचौंध में अगर कोई एक घटक मुख्य भूमिका निभाता है तो वह है रंग-बिरंगे, विविध प्रकार के टी-शर्ट्स। इसका एक मुख्य कारण यह भी है कि ये टी-शर्ट्स काफी सस्ते दामों पर उपलब्ध हैं, जिसे युवा आसानी से अपने पॉकेट मनी से खरीद सकते हैं।

खैर, आज हम बात करने वाले हैं ऐसे युवकों (खासकर 18 से 25 वर्ष की आयु के) में, जिन्हें एक अजीब क़िस्म के मज़ाकिया, सामाजिक मैसेज या फिर दिग्गज कम्पनीज के नाम तोड़-मरोड़कर छपे टी-शर्ट्स पहन कर भीड़ में अलग दिखने का और लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने का जूनून सर पर चढ़ कर बोल रहा है। इस होड़ में न केवल कॉलेज के विद्यार्थी ही नहीं, अपितु फिल्म इंडस्ट्री, फैशन वर्ल्ड से संबंधित यंगस्टर्स तथा युवा क्रिकेटर्स भी बड़ी तादाद में शामिल हैं। कई युवाओं का कहना है कि इस प्रकार के वस्त्र पहन कर हमें एक प्रकार की जो ’किक’ मिलती है वह कुछ अजीब ही होती है। आखिर ये ’किक’ होती क्या है? इस प्रकार के टी-शर्ट्स पहनने पर जो तारीफ़ अपने दोस्तों, सोशल मीडिया पर मिलती हैं उससे हम गदगद हो जाते हैं जो एक अलग सा अनुभव है।

युवाओं की इस प्रकार की दीवानगी के कारण ही कम्पनियां इस सुनहरे मौके का फायदा उठाने का कोई भी मौका नहीं छोड़ना चाहतीं। वे भी इस जूनून का जमकर फायदा उठा रही हैं। इन कम्पनियों ने अपने इस प्रकार के मैसेज वाले टी-शर्ट्स से बाज़ारों को भर दिया हैं। फिर वह चाहे रेडीमेड गारमेंट्स के दुकान हों, मॉल्स हों, डिपार्टमेंटल स्टोर्स हों या फिर ऑनलाइन पोर्टल्स हों। इन कम्पनियों में प्रतियोगिता का आलम तो ऐसा है कि हर एक कंपनी युवाओं को अपनी ब्रांड के टी-शीर्टस की ओर आकर्षित करने के लिए विविध प्रकार के कलर्स, डिज़ाइन तथा स्कीम्स के इतर बड़ी- बड़ी फिल्म हस्तियां, क्रिकेटर्स तथा मॉडल्स को तक हायर कर रही हैं। हालांकि, ऑनलाइन पोर्टल्स इस मामले में काफी चांदी काट रहे हैं। ग्राहक जब तक दुकान पहुंचे उसके पहले ही लुभावनी स्कीम्स जैसे की 2 टी-शर्ट्स की खरीदी पर एक फ्री जैसी अनेक स्कीम्स ऑफर करते रहते हैं।

इस प्रकार के टी-शर्ट्स का चलन ज्यादा पुराना नहीं है। ये तकरीबन पिछले करीब एक दशक के आस-पास से देखा गया है। खासकर जब से सोशल मीडिया प्रभाव में आया है तब से। इन टी-शर्ट्स के ज्यादातर मैनुफैक्चरर्स भी युवा वर्ग़ या नई पीढ़ी के व्यापारी ही हैं जो कि आजकल के युवाओं के टेस्ट को बेहतर ढंग से समझते हैं। उपरोक्त मैनुफक्चरर्स पहले बाकायदा मार्किट रीसर्च करते हैं या फिर अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों पर भी इनकी पैनी नज़र होती है, उसके पश्चात ही वे लोग इस प्रकार के कपड़ों का निर्माण कर पाते हैं। कुछेक एक्सपर्ट्स का यहां तक कहना है कि बाजार में कई ऐसी भी वेबसाइट्स हैं जो क्रिएटिव लोगों को अपनी क्रिएटिविटी को आज़माने का मौका देती हैं। तथा उन्हीं से वे इस प्रकार के डिज़ाइन तैयार करवाकर अच्छा पैसा उन्हें देती हैं। इसीलिए अगर आप देखें तो बाजार में हर रोज़ नित नए नए डिज़ाइन के टी-शर्ट्स पाए जाते हैं।

इस प्रकार के मेसेजस वाले टी-शर्ट्स के इतिहास के बारे में भी थोड़ी सी और जानकारी आवश्यक है। 1960 के दशक से, टी-शर्ट व्यक्तिगत अभिव्यक्ति के रूप में विकसित हुए हैं। 1970 के दशक से प्रमुख अमेरिकी उपभोक्ता उत्पादों जैसे कोका-कोला और मिकी माउस के विपणन के लिए स्क्रीन प्रिंटेड टी-शर्ट एक मानक रूप रहा है। इसका उपयोग आम तौर पर किसी घटना को मनाने या राजनीतिक या व्यक्तिगत बयान देने के लिए किया जाता है। 1990 के दशक से,आम तौर पर यह सभी आकारों की कंपनियों के लिए अपने कॉर्पोरेट लोगो या संदेशों के साथ टी-शर्ट बनाने के लिए समग्र विज्ञापन अभियानों के हिस्से के रूप में आम प्रथा बन गई है। 1980 के दशक के उत्तरार्ध और 1990 के दशक के बाद से, खासकर किशोरों और युवा वयस्कों के साथ प्रमुख डिजाइनर-नाम लोगो के साथ टी-शर्ट लोकप्रिय हो गए हैं। ये वस्त्र सजावटी होने के अलावा उपभोक्ताओं को अपने डिजाइनर ब्रांडों के टेस्ट एक सस्ते तरीके से प्रदर्शन करने का अवसर प्रदान करते हैं।

डिजाइनर टी-शर्ट ब्रांडिंग के उदाहरणों में कैल्विन क्लेन, एफयूबीयू, राल्फ लॉरेन, अमेरिकन परिधान और द गैप शामिल हैं। इन उदाहरणों में अन्य अस्पष्ट पॉप-संस्कृति संदर्भों के अलावा रॉक बैंड के प्रतिनिधित्व भी शामिल हैं। मूवी और टीवी टी-शर्ट में फिल्म या टीवी शो से कलाकारों, लोगो, और मजेदार उद्धरणों की छवियां हो सकती हैं। 1980 के दशक की शुरुआत में डिजाइनर कैथरीन हैमनेट ने बड़े प्रिंट वाले स्लोगन के साथ टी-शर्ट को बाजार में लाया। 21 वीं शताब्दी के शुरुआती दशक में टी-शर्ट की नई लोकप्रियता ने अपनी नाराज़गी अथवा विडम्बना प्रभावी तरीके से जाहिर करने के भी उपयोग में लाया गया। इस दशक के बाद में यह प्रवृत्ति और बढ़ी ही है।

आजकल एक नया ट्रेंड युवाओं में देखा गया है, जिसमें वे अपने टैटू को प्रमुख रूप से दर्शाने के लिए एक विशेष प्रकार की टी-शर्ट्स की दुकानदारों से मांग करने लगे हैं। उदाहरणस्वरूप – टी-शर्ट्स की स्लीव्स को शार्ट करवाना अथवा डीप नैक टी-शर्ट्स इत्यादि आज इनकी पहली पसंद बन रही है।

टेक्नोपाक विश्लेषण की नवीनतम रिपोर्ट के मुताबिक भारत में टी-शर्ट बाजार का आकार 5,400 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। इस श्रेणी पर लगभग 83% पुरुषों के वस्त्रों का प्रभुत्व है, लेकिन महिलाओं का टी-शर्ट बाजार तेजी से पकड़ रहा है, जो कि 17% की संयुक्त वृद्धि दर पर बढ़ रहा है। मार्च 2018 से एक क्रेडेन्स रिसर्च रिपोर्ट का कहना है कि भारत अगले पांच वर्षों में एशिया-प्रशांत क्षेत्र में टी-शर्ट बिक्री के लिए उच्चतम वृद्धि दर दर्ज करने के लिए तैयार है। इस श्रेणी का लाभ यह है कि आपका ग्राहक किसी भी सामाजिक-आर्थिक वर्ग से हो सकता है, चूंकि, कभी न कभी ये टी-शर्ट्स जरूर पहनते होंगे। यह एक यूनिसेक्स परिधान है, जो एक उचित मूल्य पर आता है, और शायद उन कुछ उत्पादों में से एक है जहां आप इसे सामग्री के आधार पर खरीदते हैं, न कि ब्रांड के आधार पर।

एक इंडस्ट्री एक्सपर्ट के मुताबिक, इससे पहले, लोग सप्ताहांत और छुट्टियों में पहनने के लिए टी-शर्ट खरीदते थे। अब वे सप्ताहांत, रात्रिभोज और पार्टियों के लिए पहनते हैं।

कुछ चटपटे स्लोगन जो युवकों के टी-शर्ट्स पर आज प्रचलित हैं वे कुछ इस प्रकार से हैं – ‘चिल आउट’, ‘काफी  लेजी’, ‘आवारा हूं’, ‘पीयो और पीने दो’, बेटा तुमसे न हो पाएगा’।

वहीं युवतियों के स्लोगन्स वाले टी-शर्ट्स भी पीछे नहीं हैं – ‘नमक स्वाद अनुसार’, ‘अकड औकात अनुसार’, ‘अपनी चलती हैं तो दुनिया जलती हैं’, ‘हां मैं लेट हूं तो’, ‘सब मोह माया है’, ‘सब पागल है’।

आज के नौजवान जीन्स पर बड़ी राशि खर्च करते हैं, और निश्चित रूप से जीन्स लोगों को स्टाइलिश और आधुनिक दिखते हैं। स्कीनी, बूट कट, डिजाइनर जीन्स ने स्पष्ट रूप से फैशन बाजार पर छाये हुए हैं। क्योंकि वे बेबुनियाद बिक्री की सफलता का आनंद लेते हैं।

आज के बाजार में कई अलग-अलग प्रकार के जीन्स उपलब्ध हैं। स्किनी जीन्स उनमे से एक है।

यह सामान्य जीन शैली से एक अच्छा बदलाव है।

अधिकांश किशोरों के लिए, जीन्स अलमारी का सबसे मूल्यवान पहनावा हैं। आमतौर पर, ऐसा इसलिए नहीं है क्योंकि वे कपड़ों का सबसे स्टाइलिश सस्ता परिधान हैं, यह उनकी अनुकूलता और आराम के कारण है।

एक युवक के जीन्स के बारे में ये उद्गार हैं – मुझे जींस पसंद है और हर बार जब मैं खरीदारी के लिए बाहर जाता हूं, तो मैं अपने लिए जींस की एक जोड़ी खरीद ही लेता हूं, भले ही मैं उसका इरादा नहीं रखता।

जब एक नौजवान के पास ब्रांडेड टी-शर्ट्स और जीन्स जैसे परिधान पहनने के लिए हों और उनके पास नई पीड़ी के गैजेट्स और फैशन एक्सेसरीज न हों ये कैसे है मुमकिन है! तो आइए हम देखते हैं किस प्रकार के आधुनिक गैजेट्स इनकी पहली पसंद है – सबसे पहले इसमें शुमार होता है – वायरलेस हेडफोन्स, फिटनेस ट्रैकर, स्मार्ट वॉच, वायरलेस चार्जिंग डिवाइस तथा अंत मैं आता है मोबाइल प्रोजेक्टर.

अब जब ब्रांडेड टी-शर्ट्स और जीन्स हो, आधुनिक गैजेट्स हों साथ में फैशन एक्सेसरीज न हो तो ये तो हो नहीं सकता! इनकी विशेष पसंद इस वर्ग में है जेंट्स-लेडीज वॉचेस, बैग्स और वॉलेट, ट्रेवल लगेज, फैशन ज्वेलरी, हैंडबैग्स तथा सन ग्लासेस वगैरह ।

 

 

जयंत भाटिया

Next Post
फतवों व पाबंदियों  से परेशान फैशन

फतवों व पाबंदियों से परेशान फैशन

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण

© 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

0