हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result
अनगिनत तारों की दुनिया में अटल स्थान प्राप्त  ‘ध्रुव तारा’

अनगिनत तारों की दुनिया में अटल स्थान प्राप्त ‘ध्रुव तारा’

by विनोद शेलार
in दिसंबर २०१८
0

अपने निर्वाचन क्षेत्र में ही नहीं वरन् उससे बाहर जाकर भी वहां की समस्याओं के लिए भी उतनी ही ताकत के साथ संघर्ष करने वाले गोपाल शेट्टी सदृश्य नेतृत्व देश की राजनीति में अपवादात्मक ही है। मतों के फायदे नुकसान का विचार न करते हुए जनसामान्य की समस्याओं के लिए अविरत संघर्ष करने वाले वे तो राजनीति के तारांगन में धु्रव तारे हैं।

पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न स्व.श्री अटलबिहारी वाजपेयी का यह प्रसिद्ध वाक्य कि“मैं हमेशा से ही वादे नहीं बल्कि बुलंद इरादे लेकर आया हूं”  जिस व्यक्तित्व पर पूरा-पूरा खरा उतरता है वह व्यक्तित्व है माननीय सांसद गोपाल शेट्टी।

गोपाल शेट्टी….! गत दो दशकों से अधिक समय से उत्तर मुंबई की जनता द्वारा अनुभव किया गया एक विलक्षण व्यक्तित्व है। वे ऐसा व्यक्तित्व हैं कि उनके प्रति लोगों में आत्यंतिक आदर, कौतूहल, आदरयुक्त डर समाया होता है। पूर्वजों की प्रतिष्ठा, संपत्ति, बुध्दिवैभव, शिक्षा जैसा श्री गोपाल शेट्टी के पास कुछ भी नहीं था, फिर भी कुछ वर्षों में उन्होंने जो नहीं था उसे भी पा लिया। अपने राजनीतिक जीवन में उन्होंने मुंबई महानगरपालिका प्रशासन पर इतनी धाक जमाई थी कि किसी भी अधिकारी को नींद से जगा कर शेट्टी का नाम लें तो वह तुरंत उठ बैठेगा।

हमारे उत्कर्ष काल में हमें किसका साथ प्राप्त होता है इस पर हमारी भविष्य की दिशा निर्धारित होती है। मेरे उत्कर्ष काल में गोपाल शेट्टी सरीखे व्यक्तित्व का साथ मुझे मिला और इसके कारण जीवन की ओर देखने का एक अलग दृष्टिकोण मुझे मिला। उन्होंने इस घोष वाक्य को अपने जीवन में उतारा कि “मृत्युपर्यन्त जीवन कार्यरत रहे एवं मृत्यु ही विश्रांति हो।”इसी कारण 18 घंटे काम करने के बाद भी उनके चेहरे पर किंचित भी थकान के लक्षण नहीं दिखते। इसी कारण अनेकों के लिए उनका जीवन आदर्श है।

1992 में श्री गोपाल शेट्टी मुंबई महानगरपालिका के सदस्य बने। दसवीं पास यह युवा भविष्य में आई.ए.एस. तथा आई.पी.एस. पर भारी पड़ेगा यह किसी ने स्वप्न में भी नहीं सोचा था। जन सामान्य के प्रश्नों का उत्तर खोजने हेतु लौकिक अर्थ में शैक्षणिक उपाधि की आवश्यकता होती ही है ऐसा नहीं है, केवल प्रबल इच्छाशक्ति आवश्यक होती है। अगर इच्छाशक्ति है तो मार्ग अपने आप दिखता है। गोपाल शेट्टी के आज तक के राजनीतिक प्रवास में यही दीखता है।

महानगरपालिका का सदस्य बनने के बाद यही इच्छाशक्ति गोपाल शेट्टी को शांति से बैठने नहीं देती थी, अपितु वह नए-नए उद्देश्यों को जन्म देती थी। जनता के प्रश्नों को न्याय देने हेतु उन्होंने प्रशासन के सभी नियमों, उपनियमों को पूरी तरह समझने एवं याद रखने की शुरूआत की। इसीलिये मनपा सदस्य के पहले पांच वर्षों में उनकी गणना एक अध्ययनशील जनप्रतिनिधि के रूप में होने लगी। परंतु, गोपालजी को सच्चा आनंद जनप्रतिनिधि बनने के साथ-साथ जमीनी स्तर पर कार्य करने में मिलता था। किताबी ज्ञान एवं वास्तविक परिस्थिति इसका उन्हें ध्यान था, इसकी विसंगति उन्हें पता थी। इसलिए उन्होंने अपने-आप को किताबी नेता नहीं बनने दिया। हमारे देश में कृष्ण का व्यावहारिक एवं राम का आदर्शवादी तत्वज्ञान प्रसिध्द है। कुछ जनप्रतिनिधि बहुत ज्यादा आदर्शवादी होते हैं। सदन की वाहवाही की अपेक्षा उनका और कोई कर्तृत्व नहीं होता। परंतु गोपाल शेट्टी के जीवन में हमें इन दोनों तत्वज्ञानों का मेल दिखाई देता है। जितनी सहजता से वे लोगों के साथ मिलकर कार्य करते हैं उतनी सहजता से सदन भी जीतते हैं।

प्रशासनिक ज्ञान शतप्रतिशत होने के कारण नियमानुसार जिरह करने वाले गोपाल शेट्टी के सामने अनेक उच्च अधिकारियों को निरूत्तर होते हुए हमने देखा है। प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा गलत ठहराए गए काम कैसे सही है यह नियम-कानूनों का हवाला देकर सिध्द करते हुए वे अधिकारियों को समझाते हैं।

मनपा सदस्य के रूप में अपने पहले पांच वर्षों में अपने कर्तृत्व से उन्होंने जनमानस के हदय में अपना एक अलग ही स्थान बनाया था। उनके इसी काम की स्वीकृती के रूप में सन् 1997 में जनता ने उन्हें सबसे ज्यादा मताधिक्य से महानगरपालिका में निर्वाचित कर भेजा। इस बार वे मुंबई के उपमहापौर भी बने।

तीन बार मनपा सदस्य, एक बार विधायक एवं अब सांसद की इस प्रदीर्घ राजनीतिक यात्रा के बावजूद अहंकार उन्हें छू भी नहीं पाया है। सामान्य जन हो या किसी बूथ स्तर का कार्यकर्ता हो, किसी को भी गोपालजी को मिलने हेतु इंतजार नहीं करना पड़ता। भेजे गये मैसेज को उत्तर देने वाले एवं मिस्ड काल देखकर तत्काल रिटर्न कॉल करने वाले इस देश के कुछ राजनीतिज्ञों में श्री गोपाल शेट्टी एक हैं।

सर्वसामान्य कार्यकर्ता को असंभव लगने वाले विकास कार्य गोपाल शेट्टीजी ने अपने अथक प्रयत्नों से संभव कराए हैं।

‘देखता हूं’, ‘बताता हूं’, ‘प्रयत्न करता हूं’, ऐसे आश्वासन परक शब्द शेट्टीजी के शब्दकोश में नहीं हैं। कार्यालय में समस्या लेकर आए जनसामान्य को आश्वस्त करना एवं दिए गए आश्वासन को पूरा करने के लिए स्वत: को झोंक देना उनके स्वभाव का स्थायी भाव है। तीव्र गति से एवं अचूक कार्य को वे हमेशा महत्व देते हैं। कोई भी विकास कार्य-निर्धारित समय में ही पूरा हो इसके लिए बहुत ज्यादा आग्रही होते हैं। वे स्वत: जैसा काम करते हैं वैसे ही उनके सहयोगी करें यह उनकी अपेक्षा होती है और इसीलिए गोपालजी के साथ गति पकड़ने में उनके सहयोगियों को पसीना आ जाता है। उन्होंने प्रबंधन (Management) का कोई पाठ्यक्रम नहीं किया है, फिर भी उनके प्रत्येक कार्यक्रम का प्रबंधन कुशलता का उत्कृष्ट नमूना होता है।

छत्रपति शिवाजी महाराज क्रीडांगन (दहिसर), झांसी रानी जॉगर्स पार्क, वीर सावरकर उद्यान, पू.श्री गुरूजी वाचनालय (साईबाबानगर), पोईसर जिमखाना जॉगर्स पार्क, डायलेसिस सेंटर (साईबाबानगर) बोरिवली के इतिहास में मील के पत्थर हैं। ऐसे अनेक विकास कार्यं गोपाल शेट्टीजी ने पूर्ण किए हैं। दक्षिण भारतीय मतदाताओं की अत्यल्प संख्या होने के बावजूद उत्तर मुंबई में स्वयं दक्षिण भारतीय होते हुए भी अपने इन्हीं कामों की वजह से वे सबसे ज्यादा मतों से जीतने वाले सांसद बने।

संसद में सौ प्रतिशत उपस्थिति के बावजूद वे अपने मतदाता क्षेत्र की जनता की समस्याओं को सुलझाने हेतु भी उतना ही समय देते हैं। शेट्टीजी का जनता से जुड़ाव कितना मजबूत है यह इसका उदाहरण है।

देश को स्वतंत्रता दिलाने वाले क्रांतिकारियों एवं नेताओं की जयंती एवं पुण्यतिथि पर इन क्रांतिकारियों एवं नेताओं से जनता को उनके कार्यकर्तृत्व के माध्यम से प्रेरणा मिले इस हेतु उन्होंने विविध कार्यक्रम आयोजित करने का चलन उत्तर मुंबई में शुरू किया है। उत्तर मुंबई की अनेक वास्तुओं, इमारतों को शिवाजी महाराज, स्वातंत्र्यवीर सावरकर, लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, श्यामाप्रसाद मुखर्जी इ. विभूतियों के नाम देकर उनकी स्मृति जनसामान्य के हृदयों में चिरंतन रखने का प्रयत्न मा.श्री गोपालजी शेट्टी ने किया है।

मालाड़ पूर्व में राजमार्ग पर ओंकार बिल्डर्स की जगह पर स्थित 200 परिवारों के पुनर्वसन का प्रश्न निर्माण हुआ। पुनर्वसन के लिए वहां की जनता ने दो वर्ष धरना-प्रदर्शन-आंदोलन किया। इस राजमार्ग से रोज अनेक सांसद, विधायक, नगरसेवक आते-जाते रहते हैं। परंतु किसी ने भी इस जटिल प्रश्न की ओर ध्यान नहीं दिया। शेट्टीजी के निर्वाचन क्षेत्र का यह इलाका न होते हुए भी उन्होंने इन निवासियों की ओर से लड़ने का निश्चय किया। ओंकार बिल्डर, स्थानीय निवासी, एस.आर.ए. तथा गृहनिर्माण विभाग से बारंबार चर्चा कर वे यह समस्या सुलझाने का प्रयत्न कर रहे हैं। निजी जगह में पहली मंजिल पर रहने वाले लोगों को घर देने के संदर्भ में झोपड्पट्टी पुनर्वसन प्राधिकरण की कोई भी स्पष्ट नीति न होने के बावजूद चौखट के बाहर जाकर महाराष्ट्र शासन के गृहनिर्माण सचिव, झोपड़पट्टी पुनर्वसन प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के साथ सतत चर्चा कर, बार-बार निवेदन देकर 200 परिवारों को उनके अपने हक का घर मिले इस हेतु श्री गोपाल शेट्टी जी ने अपने प्रयत्न जारी रखे हैं। उसमें उन्हें सफलता भी मिल रही है। वरली की केम्पाकोला कॉलोनी के निवासियों को श्री गोपाल शेट्टी ने इसी प्रकार न्याय दिलाया था।

अपने निर्वाचन क्षेत्र में ही नहीं वरन् उससे बाहर जाकर भी वहां की समस्याओं के लिए भी उतनी ही ताकत के साथ संघर्ष करने वाले गोपाल शेट्टी सदृश्य नेतृत्व देश की राजनीति में अपवादात्मक ही है। मतों के फायदे नुकसान का विचार न करते हुए जनसामान्य की समस्याओं के लिए अविरत संघर्ष करने वाले राजनीति के इस धु्रव तारे को शत शत प्रणाम…!

 

 

 

विनोद शेलार

Next Post
उद्यान सम्राट ही नहीं, कार्यसम्राट भी

उद्यान सम्राट ही नहीं, कार्यसम्राट भी

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण

© 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

0