संगीत के लिए नज़र नहीं, नज़रिये की आवश्यकता है

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“मैं वाद्ययंत्र बजाती नहीं हूं; बल्कि उनसे बातें करती हूं, उनके साथ गप्पें लड़ाती हूं, खूब मस्ती करती हूं। मैंने वाद्ययंत्रों के साथ ही जीवन भर का नाता मैंने जोड़ लिया है।”, कहती हैं 65 वाद्ययंत्रों को बजाने में महारत हासिल कर लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करने वाली नेत्रहीन सुश्री योगिता तांबे। प्रस्तुत है उनसे अंतरंग बातचीत के कुछ प्रेरक अंशः-

विदेश नीति मोदी के मुकुट का चमचमाता रत्न

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मोदी की विदेश नीति ऐतिहासिक आयामों वाली हैं। वह तो मोदी के मुकुट का चमचमाता रत्न है, जिससे पहली नजर में आंखें चौंधिया जाए। इसे अगर ठीक से राजनीतिक मुद्दा बनाया जाए तो आम चुनावों पर इसका गहरा असर हो सकता है। यह भाजपा पर निर्भर है कि वह इसे अपने अन्य कार्यों के समानांतर इसका ठीक प्रकार से महिमामंडन कर पाती है या नहीं।

कर्मवीर सांसद गोपाल शेट्टी

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कर्मवीर सांसद गोपाल शेट्टी दहिसर से लेकर मालाड़-मालवणी तक के मतदाताओं के गले का ताबीज हैं। अपने कार्यों से सभी का अपार प्रेम उन्होंने प्राप्त किया है। इसके कारण उनका राजनीतिक भविष्य अत्यंत उज्ज्वल है।

लोग शेट्टी जी से दीवानगी की हद तक स्नेह करते हैं – भाई गिरकर

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मुंबई के शताब्दी अस्पताल में डॉ.बाबासाहेब आंबेड़कर की प्रतिमा के अनावरण के अवसर पर महाराष्ट्र विधान परिषद में भाजपा के प्रतोद विधायक श्री भाई गिरकर से पिछड़े वर्गों, विशेषकर सफाई कर्मियों एवं मातंग समाज की समस्याओं, आरक्षण, संविधान, देश-प्रदेश की राजनीति और क्षेत्र के सांसद श्री गोपाल शेट्टी के अथक कार्यों पर   प्रदीर्घ बातचीत हुई। इसी के प्रमुख अंश यहां प्रस्तुत हैंः

शिल्प भविष्य के प्रेरणा स्रोत हैं

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जे. जे. स्कूल ऑफ आर्ट्स का स्वर्ण पदक, राष्ट्रीय कला अकादमी का राष्ट्रीय पुरस्कार, साथ ही महाराष्ट्र गौरव पुरस्कार से सम्मानित विख्यात अंतरराष्ट्रीय शिल्पकार उत्तम पाचारणे द्वारा शताब्दी अस्पताल में स्थापित होने वाले डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा का निर्माण किया गया है। इस सम्बंध में उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश।

‘समस्त महाजन’ के सेवा कार्यों का सुप्रभाव

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समस्त महाजन ने सत्कर्म की भावना से अब तक अनेक प्रकार के सामाजिक कार्य किए हैं। उसके सुपरिणाम भी दिखाई देने लगे हैं। आने वाले पांच वर्षों में देश के अधिकांश गांवों में इस तरह के सामाजिक कार्य फैलाने का लक्ष्य हैं। प्रस्तुत है संस्था के अध्यक्ष गिरीशभाई शहा से हुई बातचीत के अंशः

कर्तव्यदक्ष जनप्रतिनिधि

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कार्यसम्राट सांसद गोपाल शेट्टी का जन्म सच्चे अर्थों में जनसेवा हेतु ही हुआ है। उनके पास वक्तृत्व, कर्तृत्व एवं नेतृत्व ये तीनों गुण होने के कारण वे कार्यक्षम सांसद हैं।

उद्यान सम्राट ही नहीं, कार्यसम्राट भी

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सांसद गोपाल शेट्टी मात्र ‘उद्यान सम्राट’ ही नहीं, वास्तव में ‘कार्य सम्राट’ भी हैं। कोई जनहितकारी कार्य आरंभ करना और उसे पूरा करने तक परिश्रमपूर्वक पीछा करना उनकी विशेषता है। समाज के हर तबके और युवकों के लिए भी उनके कार्य मिसाल बन गए हैं।

अनगिनत तारों की दुनिया में अटल स्थान प्राप्त ‘ध्रुव तारा’

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अपने निर्वाचन क्षेत्र में ही नहीं वरन् उससे बाहर जाकर भी वहां की समस्याओं के लिए भी उतनी ही ताकत के साथ संघर्ष करने वाले गोपाल शेट्टी सदृश्य नेतृत्व देश की राजनीति में अपवादात्मक ही है। मतों के फायदे नुकसान का विचार न करते हुए जनसामान्य की समस्याओं के लिए अविरत संघर्ष करने वाले वे तो राजनीति के तारांगन में धु्रव तारे हैं।

आंबेडकर कम्युनिस्टों के सख्त खिलाफ थे

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सांसद श्री गोपाल शेट्टी के प्रयासों से इसी माह मुंबई के शताब्दी रुग्णालय में महामानव डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण किया जा रहा है। इस संदर्भ में प्रस्तुत है आंबेडकरी विचारक, अध्येता व लेखक श्री एस. एस. यादव से आंबेडकर, आरक्षण, मोदी सरकार के दलितों के पक्ष में कार्य, दलित वर्ग और माओवादी, भीमा-कोरेगांव घटना    आदि पर हुई विस्तृत बातचीत के सम्पादित अंशः

संविधान ने हमें क्या दिया है?

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संविधान ने हमें हमारा सार्वभौमत्व प्रदान किया है। उसमें समता, स्वतंत्रता, जीने का अधिकार, कानून का राज, उपासना की स्वतंत्रता, स्त्री-पुरुष समानता इत्यादी हैं। इसका अर्थ और सामर्थ्य हमें समझना चाहिए। इसके लिए संविधान का वाचन, मनन, चिंतन करते रहना चाहिए।

महापुरुष जातियों तक सीमित नहीं होते

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लोग महामानव डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के जीवन को समग्रता से नहीं पढ़ते। किसी एक कोण से उन्हें देखकर अपने स्वार्थ से प्रेरित होकर उसकी व्याख्या करने लगते हैं। अपने-अपने स्वार्थ के लिए जब हम उनका उपयोग करने लगते हैं तो समाज में विभाजन उत्पन्न होता है। प्रस्तुत है ‘हिंदी विवेक’ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में रा.स्व.संघ के सह सरकार्यवाह श्री कृष्ण गोपाल जी के भाषण के कुछ महत्वपूर्ण सम्पादित अंशः-

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