संगीत के लिए नज़र नहीं, नज़रिये की आवश्यकता है
“मैं वाद्ययंत्र बजाती नहीं हूं; बल्कि उनसे बातें करती हूं, उनके साथ गप्पें लड़ाती हूं, खूब मस्ती करती हूं। मैंने वाद्ययंत्रों के साथ ही जीवन भर का नाता मैंने जोड़ लिया है।”, कहती हैं 65 वाद्ययंत्रों को बजाने में महारत हासिल कर लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करने वाली नेत्रहीन सुश्री योगिता तांबे। प्रस्तुत है उनसे अंतरंग बातचीत के कुछ प्रेरक अंशः-