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विकास के मुद्दे को जनआंदोलन का रूप

विकास के मुद्दे को जनआंदोलन का रूप

by अमोल पेडणेकर
in भारत विकास विशेषांक - जुलाई २०१८, संपादकीय
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स्वामी विवेकानंद से किसी ने पूछा था, ”स्वामी जी आपने आज तक क्या किया है?” जवाब में स्वामी विवेकानंद ने अपने जीवन के अंतिम दिनों की व्याख्या करते हुए कहा था, “एक और विवेकनंद चाहिए, यह समझने के लिए कि इस विवेकनंद ने अब तक क्या किया है।” स्वामी विवेकानंद का यह किस्सा इसलिए याद आया कि नरेंद्र मोदी सरकार के 26 मई 2018 को चार साल पूरे हो गए हैं। राहुल गांधी और विरोधी दल बार-बार यह सवाल उठा रहे हैं कि मोदी सरकार ने चार सालों में क्या किया?  यह सवाल जनता की अपेक्षा विरोधी खेमे के नेता अधिक उठा रहे हैं। इसका सीधा सा जवाब यह है कि मोदी सरकार ने इन चार सालों में क्या किया इसे भारतीय समाज मन में उत्सर्जित उत्साह से नापा जा सकता है। यही क्यों, भारतीय नागरिकों के मन में यह सवाल भी उठ रहा है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों ने पिछले 60 सालों में ऐसी गतिशीलता क्यों नहीं दिखाई?

1947 से पहले भारतीय समाज के सभी घटकों तक स्वतंत्रता का ज्वार पहुंचाने का महत्वपूर्ण कार्य महात्मा गांधी ने किया था। देश के प्रत्येक व्यक्ति की जो क्षमता है, उसे देशहित में उपयोग में लाने की प्रेरणा देकर गांधीजी ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन को जनआंदोलन का रूप दिया था। आज वही बात दोहराकर भारत के विकास के मुद्दे को जनआंदोलन का रूप देने की अत्यंत आवश्यकता है और यही बात भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं। वास्तव में मोदी सरकार की उपलब्धियों की चर्चा होने के बजाय चर्चा इस बात की होनी चाहिए कि भारत के विकास से जुड़े इतने सारे कामों की अवधारणा मोदी सरकार ने कैसे पाई है? राष्ट्र विकास के विचारों की प्रेरणा उन्हें कहां से मिलती है? यह सब कैसे संभव हो पाता है? यह प्रश्न जनमानस में तो है ही; राहुल गांधी और विरोधी दलों को भी अपने मन से यह सवाल पूछना चाहिए। इससे इस बात का अच्छी तरह अंदाजा आ जाएगा कि मोदी सरकार ने किस प्रेरणा से राष्ट्र विकास का कार्य किया है। इससे इस प्रश्न का भी उत्तर मिल जाएगा कि मोदी सरकार ने चार सालों में क्या किया? राष्ट्र प्रथम इस विचारों से देश के हित में कार्य करते वक्त व्यक्तिगत अथवा पारिवारिक स्वार्थ को कोई स्थान नहीं होता, मोदी की इस नीति को भारतीय जनता अनुभव कर रही है।

2014 के लोगसभा चुनाव में भारतीय जनता ने न केवल राष्ट्रीय विचारों को पसंद किया वरन् विकास की अवधारणा को भी व्यापक समर्थन दिया है। 2014 का राजनैतिक परिवर्तन इसलिए महत्व का है कि जाति, परिवार की राजनीति से भारत पर जो राज किया जा रहा था उसे नकार कर ऐसी राजनीति का उदय हुआ है, जिससे सवा सौ करोड़ देशवासियों में आशा की किरण प्रस्फुटित हुई है। राष्ट्र विकास का विचार भारत को वैश्विक स्तर पर सम्मान दिलवाएगा, यह विश्वास भारतीयों के मन में निर्मित हुआ है। यदि चार वर्ष में भारत की कूटनीति का विश्व में क्या प्रभाव पड़ा इसका निष्कर्ष निकालें तो भारत को सुपर पावर मानकर वैश्विक समस्याओं को निपटाने के लिए भारत का नेतृत्व दुनिया को स्वीकार है। देश के सुरक्षा कवच को अभेद्य करने के लिए तीनों सेनाओं को सदृढ़ किया गया है। भारत के कूटनीति चक्र में फंसकर पाकिस्तान टूट रहा है, बिखर रहा है। दुनिया के सामने पाकिस्तान नंगा हो गया है। 125 करोड़ जनमानस की ताकत मोदी सरकार को नमन करती है कि उन्होंने धैर्य और विश्वास के साथ कालेधन के खिलाफ गरीबों के हित में साहसिक निर्णय किया है। देश में काले धन, भ्रष्टाचार,  आंतकवाद, जाली नोट एवं काली कमाई के द्वारा निर्मित समांतर अर्थव्यवस्था के खिलाफ मोदी सरकार ने महत्वपूर्ण एवं सफल अभियान चलाया। विरोधी दल और कालेधन में लिप्त लोगों को छोड़कर देश की आम जनता इसका पूर्ण समर्थन करती है।

शासन प्रशासन की कार्य संस्कृति बदल गई है। केंद्र की स्वच्छ भारत, आयुष्मान, सौभाग्य, स्किल इंडिया जैसी विभिन्न योजनाओं के साथ भारत के विकास की गति तेज हो रही है। भारत के सभी 5 लाख 97  हजार 464 गांवों तक बिजली पहुंचा दी गई है। भारत इस साल इस्पात उत्पादन में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश बना है। भारत मोबाइल उत्पादन में दुनिया का दूसरा, विद्युत उत्पादन में तीसरा और ऑटोमोबाइल उत्पादन में चौथा सबसे बड़ा देश बना है। 9485 किलामीटर की लंबाई के 6 समर्पित कॉरीडोर का काम पूरा हुआ है। 4440 किलोमीटर लंबाई के 15 नए रेल लिंक पूरे हुए। देश में 31 नए हवाई अड्डों का निर्माण हुआ। जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में 15945 मेगावाट की जलविद्युत परियोजना पूर्ण हुई। यहीं पर 7 प्रमुख पुलों और 5 सुरंगों का काम समय पर पूरा हुआ। 2014 में भारत की परमाणु विद्युत क्षमता केवल 4780 मेंगावॉट थी। मोदी सरकार ने 53,880 मेंगावॉट क्षमता के परमाणु रिएक्टरों को स्थापित करने का काम पूरा किया है। सम्पूर्ण भारत भर में 31 नई मेट्रो परियोजनाओं का कार्य तेज गति से चल रहा है। 6 से 7 लेन के 5000 किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्ग, 3300 कि.मी की सीमा सड़कों और 2000 कि.मी. के अंतरदेशीय ‘भारत माला’ परियोजना का कार्य समय पर पूरा हुआ है। 6 नए मेगा बंदरगाह और 415 छोटी परियोजनाओं वाली ‘सागरमाला’ योजना पूरी हुई है। मोदी सरकार का यह कार्य सशक्त, समरस और सामर्थ्यवान भारत के पूर्ण निर्माण का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। मोदी सरकार के इन कार्यों से इस विश्वास को बल मिला है कि मोदी सरकार देशहित के लिए राजनीति से ऊपर उठकर राष्ट्र विकास की विश्वसनीयता से कार्य कर रही है। भारत की पहचान स्वाभिमान और सुपर पावर राष्ट्र की हो रही है। प्रत्येक भारतीय जो देश अथवा विदेश में है, वह अपने  भारतीयत्व पर गर्व महसूस कर रहा है। यह सारा चमत्कारिक बदलाव गत चार वर्षों में हुआ है। आज राहुल गांधी और विरोधी खेमों का  सवाल है कि चार सालों में मोदी सरकार ने क्या किया है? गत 60 सालों में कांग्रेस सरकारों ने क्या किया, यह सवाल आज जनता के मन में है। जनता अपने मन का उत्तर मतदान के जरिए 2019 में जरूर देगी।

 

 

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