राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आद्य संस्थापक प. पू. सरसंघचालक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार के जीवन चरित्र पर बनी पहली बॉलीवुड फिल्म ‘डॉ. हेडगेवार: मैं कहता हूं यह हिंदू राष्ट्र है’ एक अगस्त को बड़े परदे पर रिलीज हो गई है. इस फिल्म को देखकर दर्शक उत्साहित है और इस फिल्म को लेकर सोशल मीडिया पर आ रही कमेंट की बाढ़ देखकर ही इसकी सफलता का अनुमान लगया जा सकता है. संघ शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में इस फिल्म का रिलीज होना अपने आप में विशेष है. संघ विचार परिवार से जुड़े करोड़ों स्वयंसेवक-कार्यकर्ता सहित विश्व में फैले भारतीय इस फिल्म को देख कर ख़ुशी से फुले नहीं समाएंगे.
“अंततः वह ऐतिहासिक दिन आ ही गया…
आज से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार जी को बड़े पर्दे पर देखने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। यह सिनेमा केवल एक चित्र नहीं, एक चेतना है — राष्ट्र, संस्कृति और आत्मगौरव की।“
प्रथम शो का उद्घाटन डॉ. जी की प्रतिमा की पूजा के साथ हुआ, जिसका शुभारंभ विले पार्ले के माननीय विधायक श्री पराग जी आलवणी ने किया।
इस ऐतिहासिक क्षण में श्री सुनील देवधर जी सहित संघ परिवार के अनेक कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।
यह सिनेमा एक युगपुरुष को जानने और उनके विचारों से जुड़ने का श्रेष्ठ अवसर है।
आप अवश्य देखें, प्रेरित हों, और प्रेरणा को आगे बढ़ाएं।
• एक राष्ट्र भक्त की जीवन गौरव गाथा है यह फिल्म
भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान लोकमान्य तिलक, वीर सावरकर, महात्मा गांधी, सुभाषचंद्र बोस की ही तरह डॉ. हेडगेवार प्रमुख क्रांतिकारी नेता थे, परंतु उन्हें भारतीय इतिहास में वह स्थान नहीं मिला, जिसके वे अधिकारी थे. मान-सम्मान से परे होकर भारत पुनः भविष्य में कभी गुलाम न हो, इसके लिए उन्होंने सन १९२५ को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की और यह उद्घोषणा की कि ‘मैं कहता हूं भारत हिंदू राष्ट्र है’. यह फिल्म ऐसे महान राष्ट्रभक्त की जीवन गौरव गाथा है.
• डॉ. हेडगेवार का आदर्श जीवन और उनका राष्ट्र संदेश
डॉ. हेडगेवार के राष्ट्रभक्ति, समर्पण, संघर्ष, त्यागमयी आदर्श जीवन चरित्र को इस फिल्म में दर्शाया गया है. फिल्म के निर्माता जयानंद शेट्टी ने हिंदी विवेक से बातचीत में कहा कि इस फिल्म को देखकर यदि १०० युवा डॉ. हेडगेवार जी की तरह संकल्पवान होकर उनके बताए मार्ग पर राष्ट्रहित में निकल पड़े तो मेरा यह फिल्म बनाना सार्थक हो जाएगा. यह कमर्शियल फिल्म नहीं है बल्कि वैचारिक फिल्म है.
डॉ. हेडगेवार का उद्देश्य, लक्ष्य, संदेश जन-जन तक पहुंचाने के लिए शुरुआत में हिंदी, मराठी, अंग्रेजी भाषा में फिल्म प्रस्तुत की जाएगी. फिर आगे सभी क्षेत्रीय भाषाओँ में दर्शकों के लिए यह फिल्म उपलब्ध कराई जाएगी.
• जयानंद शेट्टी के संघर्ष, चुनौती और सफलता की कहानी
जयानंद शेट्टी के लिए यह फिल्म बनाना आसान नहीं रहा. उन्होंने अनेक प्रकार के संघर्ष, चुनौतियों के बीच अथक परिश्रम एवं प्रयास से इस फिल्म का निर्माण किया. अपने जीवन की जमापूंजी, पत्नी के स्त्रीधन, घर व गहनों को बेचकर, होमलोन तथा मित्र परिवार से कर्ज लेकर येन-केन प्रकारेण अपने उद्देश्य की पूर्ति की. इस दौरान उनके कुछ रिश्तेदारों-मित्रों ने उनका उपहास भी उड़ाया और उन्हें पागल तक कह डाला. उनका एक पुत्र युवावस्था में उन्हें अचानक छोड़ कर संसार से विदा हो गया, किंतु वे अपने कर्तव्य मार्ग से विचलित नहीं हुए और डॉ. हेडगेवार जैसी ऐतिहासिक कालजयी अविस्मरणीय फिल्म का सपना उन्होंने साकार कर दिखाया. उनके इस तपस्या में उनकी अर्धांगिनी का उन्हें पूरा साथ मिला. उनकी धर्मपत्नी ने उनका कदम-कदम पर साथ दिया. उनका त्याग, समर्पण एवं योगदान उल्लेखनीय है.
• डॉ. हेडगेवार बने युवाओं के लिए रोल मॉडल – जयानंद शेट्टी
फिल्म निर्माता जयानंद शेट्टी ने कहा कि सर्वप्रथम संघ के स्वयंसेवक यह फिल्म देखे, फिर अपने मित्र-परिवार को दिखाए. संघ क्या है, संघ के निर्माता ने कैसा जीवन जिया है, इसे देखने के बाद में दर्शकों को लगे कि मुझे भी संघ शाखा में जाना चाहिए. संघ शाखा में जानेवाले स्वयंसेवक क्या करते हैं, इसके बारे में सभी को पता नहीं होता. कई बार तो स्वयंसेवक के पत्नी, बच्चों, रिश्तेदारों, मित्र को भी पता नहीं होता, परंतु यदि एक बार यह फिल्म उन्हें दिखा दिया जाए तो वे भी संघ से परिचित हो जाएंगे. फिल्म देखनेवालों में से कुछ को लगे कि हमें भी स्वयंसेवक बनना है, हिंदू समाज को संगठित करना है, जाति-भाषा, प्रांत के भेदभाव से समाज को मुक्त रखना है. यदि यह राष्ट्र भाव, सामाजिक समरसता का भाव आ जाए तो मैं मानूंगा कि यह फिल्म बनाने का मेरा उद्देश्य सफल हो गया है. डॉ. हेडगेवार एवं उनके जीवन चरित्र को समझने के लिए आपको यह फिल्म देखना आवश्यक है और अपने मित्र परिवार को भी यह फिल्म दिखानी चाहिए. अपने माता-पिता को भी दिखानी चाहिए ताकि उन्हें भी आपके स्वयंसेवक होने पर गर्व हो.
बाल स्वयंसेवक से लेकर अब तक जयानंद शेट्टी की संघ आयु ५५ वर्ष की हो चुकी है. गट नायक से लेकर मंडल कार्यवाह तक का दायित्व उन्होंने निभाया है. १९८९ में शिलापूजन के दौरान विश्व हिन्दू परिषद का दायित्व उन्हें दिया गया था.
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“मैं फिल्म के साथ जुड़कर सम्मानित महसूस कर रहा हूं। यह एक अद्भुत विषय है। लोगों और खासकर हमारे युवाओं को हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में पता होना चाहिए।
– पद्मश्री अनूप जलोटा, भजन सम्राट
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रामायण और श्रीकृष्णा देखकर बहुत लोग राम-कृष्ण बने, उसी तरह डॉ. हेडगेवार फिल्म देखकर बहुत लोग डॉ. हेडगेवार बने, उनके मार्ग पर चले, उनके विचारों की अलख जगाए, बस यही हम चाहते है.
– शोभा जे. शेट्टी, सह निर्माता
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१९९४ में मैंने डॉ. हेडगेवार पर फिल्म बनाने का सपना देखा था. लगभग ३ दशक से अधिक समय लगा इस फिल्म को परिणिति तक पहुँचाने में, आर्थिक शक्ति के अभाव के कारण देरी हुई. यह फिल्म बनाने के उद्देश्य को लेकर ही मैं फिल्म इंडस्ट्री में आया और लाइटिंग के व्यवसाय से जुड़ गया. “हमारी फिल्म उनकी यात्रा, उनके संघर्ष और उनके आंदोलनों के लिए एक श्रद्धांजलि है। उनकी दूरदर्शिता और क्षमता इस तथ्य से स्थापित होती है कि आज आरएसएस दुनिया के सबसे बड़े सामाजिक संगठनों में से एक है। आज भी, डॉ. हेडगेवार भारत के राष्ट्रवादी आंदोलन में एक बहुत सम्मानित व्यक्ति हैं।” Dr. Hedgewar “मै कहता हूँ, यह हिंदू राष्ट्र है” यह फ़िल्म डॉक्टर केशव बालिराम हेडगेवार जी के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्थापना के शताब्दी महोत्सव पर सच्ची श्रद्धांजलि है।
– जयानंद श्याम शेट्टी, फिल्म निर्माता
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।। संघ मंत्र के हे उद्गाता ।।
।। अमिट हमारा तुमसे नाता।।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक परम पूजनीय डॉक्टरजी के जीवन पर बनी फिल्म का प्रथम प्रसारण विलेपार्ले में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
*शुक्रवार दिनांक 1 अगस्त से 7 अगस्त तक दिखाई जाएगी!
वर्तमान मुंबई के ५ थिएटर्स में प्रदर्शित हो रहा है. थिएटर्स कॅपॅसिटी निम्नलिखित है-
1. Chembur 150
2. Sakinaka 150
3. Andheri 250
4. Suncity 300
5. Goregaon 150 (Movie Time, Hub Mall, Goregaon East)
हमारा प्रयास यही होना चाहिए कि शुरूआती सप्ताह का प्रत्येक दिन हाऊसफुल्ल रहे.*
धन्यवाद,
आइये अपने परिवार तथा मित्रों के साथ यह फिल्म देखकर अपना राष्ट्राभिमान जागृत करे! भारत माता की जय! वंदे मातरम्!!