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नया वर्ष: अतीत की समीक्षा और भविष्य

नया वर्ष: अतीत की समीक्षा और भविष्य

by हिंदी विवेक
in अवांतर
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वर्तमान वर्ष का समापन और नववर्ष कामिलन अतीत की घटनाओं की समीक्षा और आने वाले वर्ष के लक्ष्य निर्धारण का समय होता है। लेकिन अब नववर्ष उत्सव के नाम पर शराब पार्टियों और होटलों में नशा एवं अशिष्ट नृत्य का चलन बढ़ रहा है। इससे नववर्ष की मिलन रात्रि में सड़क दुर्घटना, छेड़छाड़ और बलात्कार की घटनाएँ बढ़ने लगीं। इस वर्ष भले प्रशासन सतर्कता दिखा रहा है, लेकिन यह केवल प्रशासन की सख्ती के वश का नहीं, इसके लिए सामाजिक जागरूकता आवश्यक है।

वर्ष 2025 का समापन समीप आ गया है। समाज के नव धनाढ्य समूह की तैयारी भी बढ़ गई है। अधिकांश पर्यटन केन्द्रों के होटल, मनोरंजन स्थल के होटल, हवाई जहाज और रेल टिकट भी बुक हो गये। पर्यटन स्थलों पर पार्टियों की तैयारी के समाचार आने लगे। इसके साथ कुछ स्थानों पर अवैध और नकली शराब पार्टियों की तैयारी पर पुलिस ने छापे भी मारे हैं। कुछ स्थलों पर तो इतनी भीड़ बढ़ गई है कि लोग कार में ही रात गुजार रहे हैं।

यह नववर्ष भले पश्चिमी चिंतन का है पर अधिकांश दुनियाँ के कामकाज इसी गणना के आधार पर होते हैं। इसलिए भारत में भी नववर्ष की तैयारी बहुत पहले से होने लगी है। पर प्रश्न उठता है कि नव वर्ष उत्सव का आयोजन किस प्रकार होना चाहिए। सामान्यतयः नववर्ष की तैयारी बीते वर्ष के कार्यों और उपलब्धियों की समीक्षा एवं आने वाले वर्ष की चुनौतियों एवं लक्ष्य निर्धारित करने से होती है। लेकिन समय की समीक्षा के बजाय पार्टियों का चलन बढ़ रहा है। नववर्ष पर ऐसी शराब पार्टियों और नशे में नृत्य करने की परंपरा अंग्रेजों ने आरंभ की थी। उनकी ऐसी नशा पार्टियाँ महिलाओं की सहभागिता के बिना पूरी नहीं होतीं। अंग्रेज भले भारत से विदा हो गये पर भारतीयों ने उनकी परंपराओं को अपनाना नहीं छोड़ा।

भारतीयों को इसकी परवाह ही नहीं है कि ये परंपराएँ उनके जीवन को कितना संकट में डाल रहीं हैं। यदि हम गत वर्ष के नववर्ष आयोजनों पर विचार करें तो स्थिति अपने आप स्पष्ट हो जायेगी। गत वर्ष पहाड़ों की ओर जाने वाले रास्तों में लंबे-लंबे जाम लगे थे। इस वर्ष भी हजारों-लाखों लोगों द्वारा होटलों में पार्टी की ही नहीं कमरों की बुकिंग भी हो गई है।

आधुनिक नववर्ष प्रातःकालीन सूर्योदय से नहीं, अपितु आधी रात से होता है। इसलिए उत्सव भी आधी रात को मनाया जाता है। आधी रात को नववर्ष के ये आयोजन “शराब पार्टी” के बिना पूरे नहीं होते और अधिकांश आयोजनों में स्त्री पुरुष साथ होते हैं। हालाँकि कुछ पार्टियाँ पारिवारिक मित्रों के साथ होती हैं। लेकिन अधिकांश आयोजनों में भाग लेने वाले जोड़े, पति-पत्नी नहीं, “मित्र” होते हैं और वे युवा होते हैं जो पढ़ाई या जॉब के लिये घरों से बहुत दूर रहते हैं।

Common Injuries Resulting From Car Accidents

पिछले साल नववर्ष की रात जो घटनाएँ घटीं थीं उनमें अधिकांश ऐसे ही युवा समूह थे, जो हत्या, प्राणघातक मारपीट, बलात्कार, बलात्कार का प्रयास और बेहद घटिया छेड़छाड़ से भरीं थीं।

बीते वर्ष 2024 और 2025 के बीच नववर्ष की मध्य में रात्रि में 10 बजे से 2-30 बजे के बीच साढ़े चार घंटे में देश की राजधानी दिल्ली में छोटे-बड़े सब मिलाकर 50 से अधिक अपराध घटे थे। इनमें हत्या, बलात्कार अथवा बलात्कार का प्रयास तथा नशे में गाड़ी चलाने से घटी दुर्घटनाएँ भी थीं।

यदि इसमें दून, मुम्बई, बंगलूर, कलकत्ता, हैदराबाद, चैन्नई आदि महानगरों के आँकड़े जोड़ें तो बड़े अपराधों की यह संख्या100 के पार होती है। देशभर में शराब के नशे में आधीरात को हुये झगड़ों में सैकड़ों लोग बंदी बनाये गये थे। नेशनल सिक्युरिटी काउन्सिल के आँकड़ों के अनुसार गत वर्ष 2024-25 की नववर्ष रात देशभर में कुल 104 मौतें हुईं थीं। जबकि इससे एक वर्ष पूर्व 2023 की 30 एवं 31 दिसम्बर तथा वर्ष 2024 की एक जनवरी के इन तीन दिनों में कुल 308 मौतें हुईं थीं। तीन वर्ष पहले दिल्ली में एक बेटी को लगभग चौदह किलोमीटर घसीटा गया था। यह घटना सुल्तानपुरी इलाके में घटी थी।उसकी हड्डियां घिस चुकी थीं। शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं बचा था। यह घटना मीडिया की सुर्खियाँ में आई थी।

What Happens to Your Body in a Car Crash | John Foy

कुछ बेटियाँ ऐसी भी थीं जो अपने मित्रों के साथ बड़े उत्साह से नववर्ष मनाने गईं थीं लेकिन छेड़छाड़, बलात्कार का प्रयास अथवा बलात्कार का शिकार बनीं। उनकी मनोदशा की कल्पना करना कठिन है। ऐसे तमाम पीड़ित और प्रताड़ित युवा एवं उनका परिवार ये दर्द जीवन भर नहीं भूलेंगे। इसका कारण नववर्ष की पार्टी केलिये उत्साह का अतिरेक और नशा खोरी है।

नशा मनुष्य के विवेक को शून्य कर देता है। जिससे वह न तो अपने भविष्य का आकलन कर पाता है। वह ऐसा कुछ कर बैठता है जो पूरे जीवन पर प्रश्न चिन्ह लगा देता है। यह स्थिति संपूर्ण समाज केलिये चिंतनीय है।

अपराध और दुर्घटनाओं के ऐसे आकड़े हर वर्ष बढ़ रहे हैं। लेकिन ये आँकड़े वे हैं जो पुलिस तक पहुंचे। छेड़छाड़ और छोटी-मोटी दुर्घटनाओं आदि की कितनी घटनाएँ पुलिस तक नहीं पहुँची। वे गणना और चर्चा से बाहर रहीं।

इस वर्ष भी पूरे देश से उत्साहपूर्वक नववर्ष की तैयारी के समाचार आ रहे हैं। तैयारी के ये समाचार पिछले वर्ष से बहुत अलग नहीं है। महानगरों के होटल बार और रेस्टोरेंट की बुकिंग हो गई हैं। पर्यटन स्थलों पर जाने वाले मार्गों पर जाम लगने लगा है। यह ठीक है कि दुर्घटनाएँ सभी के साथ नहीं घटतीं।

अधिकांश लोग हँसी खुशी से लौट आयेंगे और नववर्ष उत्सव के आनंद को मित्रों से साँझा करेंगे। लेकिन सभी ऐसे सौभाग्यशाली नहीं होते। जिनका जीवन और मान दोनों पर संकट आता है उनकी क्षति की भरपाई कभी नहीं होती। इसलिए सावधानी और समझ दोनों आवश्यक हैं। निरंतर बढ़ रहीं ऐसी दुर्घटनाओं से सबक लेना आवश्यक है। जो लोग नववर्ष पार्टी मनाने जा रहे हैं, विशेषकर बेटियों को यह विचार करना आवश्यक है कि किन मित्रों के साथ नया साल मनाने जाना। चूँकि सावधानी हटी दुर्घटना घटी…!

  • रमेश शर्मा

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