जनसाधारण को समर्पित है भाजपा का संकल्प पत्र   

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भाजपा द्वारा इस संकल्प पत्र में जनता को मोदी की गारंटी दी गई है। गरीब परिवारों की सेवा- मोदी की गारंटी, मध्यम-वर्ग परिवारों का विश्वास, नारी शक्ति का सशक्तिकरण, युवाओं को अवसर, वरिष्ठ नागरिकों को वरीयता, किसानों का सम्मान, मत्स्य पालक परिवारजनों की समृद्धि, श्रमिकों का सम्मान, एमएसएमई, छोटे व्यापारियों और विश्वकर्माओं का सशक्तिकरण, सबका साथ सबका विकास, विश्व बंधु भारत,  सुरक्षित भारत, समृद्ध भारत, ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनेगा भारत, विश्वस्तरीय इन्फ्रास्ट्रक्चर, ईज ऑफ लिविंग, विरासत भी विकास भी, सुशासन, स्वस्थ भारत, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, खेल के विकास, सभी क्षेत्रों के समग्र विकास, तकनीक एवं नवाचार तथा पर्यावरण अनुकूल भारत- मोदी की गारंटी सम्मिलित है।

हिंदुत्व के ग्लोबल ब्राण्ड एम्बेसडर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी

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नरेन्द्र मोदी ने अपनी वेशभूषा, खान-पान एवं कार्य-व्यवहार में जिस ढंग से हिन्दुत्व के मूल्यों को आत्मसात करते हुए सार्वजनिक रूप से प्रकट किया है। उसका लोहा समूचा विश्व मानने लगा है‌। वर्षों तक हिन्दुत्व के प्रति दुराग्रह एवं घ्रणा का जो षड्यंत्र सत्तालोलुपों ने तुष्टिकरण के चलते रचा। उसे नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री की कुर्सी पर आते ही क्रमशः ध्वस्त कर दिया।  प्रधानमंत्री अपने निजी जीवन से लेकर सार्वजनिक जीवन में हिन्दू परम्पराओं के अनुसार आचरण करते हुए निरंतर दिखते हैं। वे शक्ति के उपासना पर्व 'नवरात्रि' में निराहार व्रत रहते हैं‌। माथे पर चंदन, रुद्राक्ष की माला, भगवा वस्त्र और पूजन अर्चन के समस्त विधि विधानों का नि: संकोच पालन करते हैं‌। अपनी आस्था के प्रति इस प्रकार की निष्ठा ने उन कई सारी भ्रान्तियों को भी तोड़ा है जो इन परम्पराओं पर लगातार कुठाराघात करते थे। 

अगर यह लव जिहाद नहीं है, तो क्या है?

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हालिया दिनों में ‘लव-जिहाद’ की शिकार केवल नेहा ही नहीं है। इस नृशंस हत्या से स्तब्ध कर्नाटक की एक अन्य हिंदू छात्रा ने जब अपने मुस्लिम प्रेमी आफताब के साथ संबंध तोड़े, तो इससे गुस्साए आफताब ने उसे हमला करके घायल कर दिया। पीड़िता के अनुसार, उसकी मुस्लिम सहेली ने आफताब से मित्रता हेतु विवश किया था। इसके अतिरिक्त, प्रदेश के ही बेलगावी में विवाहित दलित महिला ने रफीक और उसकी बेगम पर जबरन मतांतरण करने का आरोप लगाया है। पुलिस में दर्ज शिकायत के अनुसार, रफीक ने बहला-फुसलाकर अपनी बेगम के सामने पहले हिंदू महिला का बलात्कार किया, जिसकी तस्वीरें तक ली गई। इसके बाद मुस्लिम दंपत्ति ने उसपर सिंदूर हटाने, बुर्का पहनने, नमाज अदा करने और अपने हिंदू पति को तलाक देकर इस्लाम कबूलने का दवाब बनाना और धमकाना प्रारंभ कर दिया।

लोकतंत्र का पर्व मनाने, हम निश्चित मतदान करें..!

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लोकतंत्र का पर्व मनाने   हम निश्चित मतदान करें..! मौसम की गर्मी को भूलें,   परखें देश का तापमान, उज्ज्वल भविष्य की बुनियाद   है सबका निश्चित मतदान, भारत मां के सबसे सही   पुजारी की पहचान करें..!

संघ के वरिष्ठ स्वयंसेवक वनमाली सप्रे का स्वर्गवास

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जबलपुर के यादव कालोनी निवासी प्रोफे. अखिलेश सप्रे के पिता एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ स्वयंसेवक वनमाली सप्रे का ८९ वर्ष की आयु में स्वर्गवास हो गया. वे आजीवन संघ की विचारधारा के प्रति समर्पित रहें और अनेकों दायित्वों का उन्होंने निष्ठापूर्वक निर्वहन किया. उनके संघकार्य से प्रेरित होकर हजारों की संख्या में युवा स्वयंसेवक बने और संघकार्य में सहभागी बने. आपातकाल के दौरान उन्होंने कारावास की सजा भी भुगती और इस दौरान उन्हें अनेकों प्रकार की यातनाओं का भी सामना करना पड़ा. आपातकाल की संघर्ष गाथा का उन्होंने अपने द्वारा लिखित ‘आप-बीती’ पुस्तक में बखूबी वर्णन किया है. हिंदी विवेक मासिक पत्रिका द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक में उन्होंने आपातकाल के अत्याचार को मार्मिक रूप से चित्रित किया है. उनके अग्रज कृष्ण राव सप्रे संघ के वरिष्ठ प्रचारक रहें. साथ ही सदानंद सप्रे व प्रसन्न सप्रे वर्तमान में भी संघ कार्य में संलग्न है. वनमाली जी का मृदुल व्यवहार एवं निश्छल स्वभाव के कारण संघ परिवार में वे बहुत ही लोकप्रिय थे.

मोदी सरकार : कृषि नीति और बीज उद्योग

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खेती के तकनीक में एक और बड़ा परिवर्तन आया और वैज्ञानिकों ने बीज के बजाय पौधे के पत्ते या तनों के छोटे से टुकड़े के ऊतक (Tissue) का उपयोग करके पूरा पेड़ बना दिया, जिसमें मातृ पेड़ के सभी गुण मौजूद थे। यह तकनीक ऊतक संवर्धन (Tissue culture) कहलाती है। इसके बाद ऊतक संवर्धन के माध्यम से फलों और फूलों के नए-नए पौधे तैयार किए गए और किसानों को उगाने के लिए दिए गए। यह ऊतक संवर्धन के पेड़ धनवान किसानों में काफी पसंद किए जाते हैं। वातावरण नियंत्रित खेती (Controlled Condition Cultivation), Polly House, Green House, Net House में ऊतक संवर्धन के पेड़ का उपयोग करके नई तकनीक की खेती काफी बढ़ी। वातावरण नियंत्रित खेती में पैदा किए गए फूलों और सब्जियों का निर्यात किया गया। जिससे भारत का कृषि निर्यात बहुत बढ़ गया। बीजों का उत्पादन (2016-17) में इस प्रकार था ; भुसार माल 229.8, दालें 29.47, तेलिबिया 49.97, सूत की फसलें 2.17, आलू 0.38, अन्य 0.33, कुल बीज 311.43 लाख क्विन्टल। यह बाजार 2022-23 में कुल 6.3 अब्ज डालर का हो गया है। और अनुमान है कि यह 2028 तक बढ़कर 12.27 अब्ज डालर का हो जाएगा। यानी यह 12.45% के (Compound Annual Growth Rate - CAGR) रेट से बढ़ेगा। अर्थात बीज में केवल नया पौधा पैदा करने की क्षमता ही नहीं, तो देश की अर्थव्यवस्था बदलने की क्षमता भी  होती है। 

ढलती सांझ के प्रेममयी रंग…

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देर तक विशाखा खिड़की से बाहर ढलते सूरज की लालिमा को गहराते देखती रही। देखती रही तेज गति से दौड़ती ट्रेन की खिड़की से पीछे छूटते पेड़ों को और घरों को। ट्रेन तेजी से आगे भाग रही थी और मन पीछे छूटते जा रहे पेड़ों के साथ पीछे भाग रहा था। भाग रहा था पीछे छूटे अपने शहर की ओर, उस शहर की ओर जहां उसका घर था, वह घर जिसे उसने पूरे 33 बरस सहेजा था।

पशु-पक्षियों के उपचार हेतु एम्बुलेंस सेवा

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हमारे उपचार के लिए तो हर जगह अस्पताल हैं लेकिन पशु-पक्षियों के लिए उचित उपचार का घोर अभाव है। पशु-पक्षी इलाज के अभाव से तड़प-तड़प कर न मरें, उन्हें भी मानवों की तरह बीमार, दुघर्टना, घायल होने पर उपचार की सुविधा मिले इसके लिए मुंबई में एम्बुलेंस सेवा शुरू की गई है।

मानवता की साकार मूर्ति महावीर स्वामी

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महावीर स्वामी ने 12 वर्ष तक मौन साधना , तपस्या की और तरह-तरह की कष्ट झेले अंत में उन्हें कैवल्य (ज्ञान) प्राप्त हुआ । कैवल्य ज्ञान प्राप्त होने के बाद महावीर ने जन कल्याण के लिए उपदेश देना शुरू किया । वह अर्धमगधी भाषा में भी उपदेश करने लगे ताकि जनता उसे भली-भांति समझ सके । महावीर ने अपने प्रवचनों में अहिंसा ,सत्य ,असते, ब्रह्मचर्य और परिग्रह पर सबसे अधिक जोर दिया । त्याग और संयम प्रेम और करुणा सील और सदाचार ही उनके प्रवचनों का सार था । महावीर स्वामी ने श्रमण और श्रमणी,श्रावक और श्राविका सबको लेकर चतुर्विद् संघ की स्थापना की उन्होंने कहा जो जिस अधिकार का हो वह उसी वर्ग में आकर सम्यकतत्त्व पाने के लिए आगे बढ़े ।जीवन का लक्ष्य शांति पाना है। धीरे-धीरे देश के भिन्न-भिन्न भागों में घूम कर महावीर स्वामी ने अपना पवित्र संदेश फैलाया ,महावीर स्वामी ने 72 वर्ष की अवस्था में ईसा पूर्व 527 में पावापुरी( बिहार) में कार्तिक (अश्वनी) कृष्ण अमावस्या को निर्वाण प्राप्त किया। इनके निवार्ण दिवस पर जैन धर्म के अनुयाई घर-घर दीपक जला कर दीपावली मनाते है।

अंतर्कथा कहती आर्टिकल 370 फिल्म

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जम्मू कश्मीर और देश के लिए आर्टिकल 370 कैसे एक नासूर बना हुुआ था, उसे यथावत रखने के लिए कैसे-कैसे षडयंत्र तत्कालीन राजनीतिक पार्टियों द्वारा किए गए तथा वर्तमान केंद्र सरकार ने किस प्रकार इस समस्या को जड़मूल से खत्म किया, इसका यथार्थ चित्रण आर्टिकल 370 फिल्म में किया गया…

कर्तव्य पथ के कर्मठ यात्री… रामभाऊ नाईक

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 यदि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और बीजेपी के प्रति किन्ही नेताओं की अटल निष्ठा का दावा करना हो तो आप बेशक राम नाईक को शामिल कर सकते हैं। वे न सिर्फ संगठन के प्रति निष्ठावान रहें हैं बल्कि अपने दायित्वों और नीति नियमों के प्रति भी उनका विश्वास अपूर्व रहा है। पता नहीं कैसे पर दिन ब दिन गंदी होती जा रही राजनीति में भी रामभाऊ बेदाग रहे हैं। तीन बार विधायक और पांच बार सांसद रहे वे, वह भी मुंबई ‌शहर की घनी आबादीवाले उत्तर मुंबई जैसी सीट से! इतने बड़े क्षेत्र का मानस संभालकर भी रामभाऊ ने वैधानिक दायित्व की बारीकियों का लगातार अध्ययन और प्रयोग किया। वैधानिक बारिकियां समझने-समझाने में वे माहिर है। समस्याएं हल होने तक धैर्य से लगे रहने, कामकाज, प्रशासकीय और जीवन में अनुशासन का अनुपालन करने, विषयों का अध्ययन करके उन्हें उठाने... आदि विविधांगी आयामों का ताना-बाना साधे रहने का कमाल रामभाऊ ने कर दिखाया है। श्री अटलबिहारी बाजपे‌यी ने एक बार कहा ‌था कि ‘सही समय पर कुशलता से विषय उठाने का गुण, समयसूचकता और नियमों का उपयोग करने की जो सिध्दता राम नाईक में है, वह सब में नहीं होती।’

उम्मीदों की कसौटी पर सीएए

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पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से प्रताड़ित हो कर भारत में आए गैरमुस्लिम शरणार्थियों के लिए सीएए किसी वरदान से कम नहीं है और जो राजनीतिक नेता इसका विरोध कर रहे हैं, उनके दोहरे चरित्र को सदैव याद रखा जाएगा क्योंकि इनके मुंह से कभी बांग्लादेशी-रोहिंग्या घुसपैठियों के विरुद्ध एक शब्द नहीं निकलता।

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