राजनीति में मजबूत दावेदारी

Continue Readingराजनीति में मजबूत दावेदारी

वर्तमान मोदी सरकार ने महिलाओं को विकास के पंख दिए तो महिलाओं ने भी सपनों की ऊंची उड़ान भरनी शुरु की। राजनीति की पुरपेंच गलियों से होते हुए वो राष्ट्रपति और राज्यपाल के पद पर स्थापित हैं। वह क्षेत्र जहां अब तक केवल पुुरुषों का वर्चस्व था, उन क्षेत्रों में भी महिलाओं ने स्वयं को स्थापित किया है।

साहित्यकार राजाश्रित नहीं, राजपुरस्कृत होना चाहिए – डॉ. शीतला प्रसाद दुबे

Continue Readingसाहित्यकार राजाश्रित नहीं, राजपुरस्कृत होना चाहिए – डॉ. शीतला प्रसाद दुबे

मुंबर्ई। महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी द्वारा विगत दिवस चर्चगेट स्थित जय हिंद कॉलेज के सभागार में वर्ष 2023-24 के पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के कार्याध्यक्ष डॉ. शीतला प्रसाद दुबे ने कहा कि साहित्यकार राजाश्रित नहीं बल्कि राजपुरस्कृत होना…

शौर्य की प्रतिमूर्ति रानी दुर्गावती

Continue Readingशौर्य की प्रतिमूर्ति रानी दुर्गावती

इतिहास के पन्नों में अलग से रेखांकित है महानतम वीरांगनाओं में रानी दुर्गावती का नाम। इस साल उनका शताब्दी वर्ष मनाया जा रहा हैं। जिन्होंने देश की रक्षा और आत्मसम्मान के लिए अपने प्राणों की आहुति तक दे दीं। राज्य की रक्षा के लिए कई लड़ाईयां भी लड़ी और मुगलों से युद्ध करते हुए वे वीरगति को प्राप्त हुईं।

राष्ट्रीय पत्रकारिता का मापदंड प्रस्थापित करती पुस्तक ‘मुद्दा’

Continue Readingराष्ट्रीय पत्रकारिता का मापदंड प्रस्थापित करती पुस्तक ‘मुद्दा’

लेखन के विविध प्रकारों में से पत्रकारिता को सर्वथा उपयुक्त माना जाता है. पत्रकारिता से राष्ट्रीय विचारधारा को बल मिलना चाहिए. समाज को जागरूक कर उसे सही दिशा देना ही वैचारिक पत्रकारिता है. यही कार्य विगत एक दशक से अमोल पेडणेकर अपनी लेखनी से सतत करते आ रहे है. दिग्भ्रमित, फेक न्यूज और गुमराह करनेवाली पत्रकारिता के दौर में अमोल पेडणेकर द्वारा लिखित पुस्तक ‘मुद्दा’ सही अर्थों में राष्ट्रीय पत्रकारिता का मापदंड कही जा सकती है.

लव जिहाद: राष्ट्रीय व धार्मिक संकट

Continue Readingलव जिहाद: राष्ट्रीय व धार्मिक संकट

समय-समय पर मैंने हिन्दी विवेक पत्रिका के पाठकों के समक्ष उस समय के सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक क्षेत्र में होने वाली गतिविधियों से मेरे मन में जो कम्पन पैदा हुआ उसे प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। इसके साथ ही मैंने विभिन्न विषयों पर नियमित लिखता रहा। मुझे अपने बारे में या अपने अन्दर के विचारों को लेखों के रुप में पाठकों के सामने प्रस्तुत करने का अवसर मिला। उन लेखों के संकलन का बिन्दु पुस्तक है।

कर्तृत्व, नेतृत्व व मातृत्व का आदर्श

Continue Readingकर्तृत्व, नेतृत्व व मातृत्व का आदर्श

नारी विमर्श से ही सनातन संस्कृति की भारतीय परम्परा को मजबूत करना है। नारी ही समाज, परिवार व राष्ट्र की आधारशिला है। जिसका एक उदाहरण जीजाबाई के मातृत्व, अहिल्याबाई के कर्तृत्व तथा लक्ष्मीबाई के नेतृत्व में मिलता है।

कर्तव्य पथ पर महिला सशक्तीकरण की गूंज

Continue Readingकर्तव्य पथ पर महिला सशक्तीकरण की गूंज

महिलाएं अब हाशिए पर नहीं है। फर्श से उठकर वो अर्श पर पहुंचकर अपने सपनों को ऊंची उड़ान दे रही हैं। जल, थल, नभ और यहां तक कि अंतरिक्ष तक में एक नया इतिहास रच रही हैं। ये महिला सशक्तिकरण नहीं तो और क्या है?

अमरावती में कृत्रिम हाथ-पैर वितरण कार्यक्रम संपन्न

Continue Readingअमरावती में कृत्रिम हाथ-पैर वितरण कार्यक्रम संपन्न

अमरावती के बडनेरा रोड स्थित भक्तिधाम मंदिर प्रांगण में लगभग ३०० दिव्यांगों को कृत्रिम हाथ-पैर, कैलीपर सहित अन्य अवयव वितरित किया गया. जिससे दिव्यांगों के ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा. गेल इंडिया लि. के सीएसआर फंड से दिव्यांगों को यह सुविधा प्रदान की गई. श्री जलाराम सत्संग मंडल, गुजराती समाज, भारत विकास परिषद, विकलांग पुनर्वसन केंद्र, सक्षम संस्था के संयुक्त समन्वय से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्रीक्षेत्र मन्मथधाम संस्थान के डॉ. विरूपाक्ष शिवाचार्य महास्वामीजी एवं शिवधारा आश्रम के संत डॉ. संतोष महाराज उपस्थित थे.

बंगाल पर कलंक

Continue Readingबंगाल पर कलंक

किसी भी देश और राज्य की प्रगति तभी सम्भव है जब वहां शांति हो। परंतु पश्चिम बंगाल में असामाजिक तत्वों का बोलबाला है। राज्य में सनातन संस्कृति को मानने वाले नागरिकों पर हमला किया जा रहा है। यहां के कुछ क्षेत्रों में महिलाओ पर अत्याचार का भी मामला प्रकाश में आ रहा है।

हिंदी विवेक प्रकाशित ‘रजनीगंधा’ पुस्तक का विमोचन

Continue Readingहिंदी विवेक प्रकाशित ‘रजनीगंधा’ पुस्तक का विमोचन

डॉ. मदन गोपाल वार्ष्णेय जी द्वारा लिखित और हिंदी विवेक द्वारा प्रकाशित ‘रजनीगंधा’ पुस्तक का विमोचन समारोह पुणे में संपन्न हुआ. रा. स्व. संघ के अ. भा. कार्यकारिणी सदस्य भैयाजी जोशी के करकमलों द्वारा इस पुस्तक का विमोचन किया गया. इस दौरान मंच पर पूर्व वाइस चांसलर जीबी यूनिवर्सिटी एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी के कुलपति डॉ. आदित्य कुमार मिश्रा, पश्चिम महाराष्ट्र प्रांत संघचालक प्राध्यापक नाना साहेब जाधव, हिंदी विवेक मासिक पत्रिका के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमोल पेडणेकर और डॉ. प्रवीण दबडघाव आदि उपस्थित थे।

स्वामी गोविंददेव गिरी द्वारा रविंद्र घाटपांडे सम्मानित

Continue Readingस्वामी गोविंददेव गिरी द्वारा रविंद्र घाटपांडे सम्मानित

महाराष्ट्र के पुणे में गीताभक्ति अमृत महोत्सव का भव्य-दिव्य आयोजन किया गया है, जिसमें राष्ट्र-धर्म के लिए उल्लेखनीय कार्य करने वाले ७५ गणमान्य जनों का सम्मान किया गया. इनमें स्नेहल प्रकाशन के संस्थापक रवीन्द्र घाटपांडे का नाम भी शामिल है, जिन्हें राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविन्द देव गिरी जी महाराज के करकमलों द्वारा गौरव पत्र और रामलला की प्रतिमा देकर सम्मानित किया गया. इस शुभ अवसर पर रवीन्द्र घाटपांडे ने अपने मनोभाव व्यक्त करते हुए कहा कि ‘यह मेरे जीवन का सबसे भाग्यशाली पल है और आलंदी में लगभग ५० हजार लोगों की उपस्थिति में हुए इस कार्यक्रम में सम्मानित होना मेरे लिए गौरवशाली क्षण है. इसे मैं अपने जीवन की सार्थकता मानता हूं. 

End of content

No more pages to load