ममता

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आज अम्मा बेहद खुश हैं। उनके बेटे की चिट्ठी आई है कि वह दादी बनने वाली हैं। कितने वर्षों से ये सुनने के लिए उनके कान तरस रहे थे। कितने पत्थर पूजे थे। कितनी मनौतियां मानी थीं, तब कहीं जाकर आज ये दिन आया है। अम्मा दौड़ -दौड़ कर सबको ये समाचार सुना रही हैं

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