हिंदी विवेक पंजीयन शुल्क वार्षिक - 500 रु, त्रैवार्षिक - 1200 रु, पंचवार्षिक - 1800 रु, वार्षिक विदेशी सदस्यता - 5000 रु, आजीवन - 20,000 रु
हिंदी विवेक पंजीयन शुल्क वार्षिक - 500 रु, त्रैवार्षिक - 1200 रु, पंचवार्षिक - 1800 रु, वार्षिक विदेशी सदस्यता - 5000 रु, आजीवन - 20,000 रु
भारत में भी हाल ही के वर्षों में मध्यमवर्गीय परिवारों की संख्या में भारी वृद्धि दर्ज हुई है। परंतु, मुद्रा...
मिथिला संस्कृति, भाषा, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में शुभसीता फाउंडेशन उल्लेखनीय कार्य कर रही है और अन्य...
मिथिला में सड़क, रेलवे, हवाई अड्डे और जलमार्ग के द्वारा यातायात-परिवहन की सीमित सुविधा है, इसलिए इन सुविधाओं को बढ़ाने...
भारत का इतिहास वैभवशाली रहा है एवं पूरे विश्व के आर्थिक पटल पर भारत का डंका बजा करता था। एक...
आजीविका और समृद्ध जीवनशैली की आस में निकले प्रवासी मैथिली देश-दुनिया में रच-बस गए है, लेकिन आज भी उन्होंने मिथिला...
वर्तमान समय में जलवायु परिवर्तन पूरे विश्व के लिए चिंता और चर्चा का विषय बना हुआ है, लेकिन इस संदर्भ...
खेती के तकनीक में एक और बड़ा परिवर्तन आया और वैज्ञानिकों ने बीज के बजाय पौधे के पत्ते या तनों...
आणंद कृषि विद्यापीठ ने लगभग पौने तीन करोड़ खर्च करके ‘सॉइल हेल्थ कार्ड’ का सॉफ्टवेयर तैयार किया। किसानों ने केवल...
सन 2015 के अंतिम महीनों की बात है शायद सितम्बर या अक्टूबर रहा होगा। मैं उन दिनों भोपाल में ही...
Read moreकैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसमें शरीर के किसी अंग की कोशिकाएं अनियंत्रित और अनियमित रूप से बढ़ने लगती हैं...
अपनी किसी एक इंद्रिय के साथ वर्तमान क्षण में रहें:दृष्टि, गंध, ध्वनि और स्वाद – आप आश्चर्यचकित होंगे कि जब...
बच्चे को जन्म देने का सौभाग्य केवल नारीशक्ति को ईश्वर ने प्रदान किया है। लेकिन डिलीवरी के दौरान होनेवाले भयानक...
मुंबई से सटे पालघर जिले के जनजातीय क्षेत्र में कुपोषण एक गम्भीर समस्या है। इसका सर्वप्रमुख कारण महिलाओं को गर्भावस्था...
देवी अहिल्याबाई ने देशभर में कई प्रसिद्ध तीर्थस्थलों पर मंदिरों, घाटों, कुओं और बावड़ियों का निर्माण कराया। इतनी ही नहीं,...
देवी अहिल्याबाई के प्रति समस्त देशवासियों की अपूर्व श्रद्धा रही है। सब उन्हें अपनी स्नेहमयी माता और अलौकिक गुणों व...
देवताओं के दिव्य दूत और संचार के अग्रणी साधक माने जाते रहे देवर्षि नारद लोकमंडल के पहले दिव्य संवाददाता हैं,...
सनातन धर्म संस्कृति जिसमें सदैव सत्य की अनुभूति, खोज तथा उसका वैयक्तिक और सामूहिक तौर पर अनुसन्धान, परिष्करण और परिमार्जन...
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