कानून निर्माण में महिलाओं का योगदान
वैदिक काल से लेकर आज तक महिलाओं ने अपने-अपने क्षेत्रों में अभूतपूर्व काम किया है। सामाजिक प्रश्नों पर आंदोलनों के साथ-राजनीति में भी वे अगुवा रहीं। वे महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा के उपाय लागू करने और कानून बनाने में सहायक रही हैं। भारतीय संस्कृति की उदारता के कारण यह संभव हो पाया है।