महिमामंडित भारत में बिहार
वैदिक वाङ्मय में जिस समय ‘व्रात्य’ कहकर बिहार की निन्दा की गई थी, उस समय किसे पता था कि यह प्रदेश एक दिन मानव सभ्यता, संस्कृति, धर्म, विश्वबंधुत्व, सहिष्णुता और सह अस्तित्व जैसे चिर दुर्लभ एवं शाश्वत मानव मूल्यों का अमर संदेश देगा।