वास्तुशास्त्र के माध्यम सेसमाजसेवा
कई आये कई गये, पर इनके जैसे ये ही’ यह वाक्यांशडॉ. रविराज अहिरराव पर बिलकुल सटीक बैठता है। भारतीय पारंपरिक...
कई आये कई गये, पर इनके जैसे ये ही’ यह वाक्यांशडॉ. रविराज अहिरराव पर बिलकुल सटीक बैठता है। भारतीय पारंपरिक...
शुभ कार्यों में घर के दरवाजे के पास बजने वाली शहनाई लोक वाद्य को शास्त्रीय संगीत के केंद्र में लाकर...
कलाकार के चेहरे से जब रंग उतर जाता है तब यथार्थ आगे आ जाता है। उसका सामना करने का साहस...
“नई पीढ़ी को शास्त्रीय संगीत समझने में भी कुछ समय लगेगा। जो अच्छा और मौलिक होगा वह जरूर टिका रहेगा।...
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