….उसकी तस्वीर पर माला नहीं चढ़ाऊंगी!
“आशा (निर्भया की मां) ने ज्योति (निर्भया का असली नाम) की तस्वीर पर आज तक माला नहीं चढ़ाने दी। वह कहती है-मैं कुछ भी भूलना नहीं चाहती। मैं उस हादसे को जिंदा रखना चाहती हूं। मैं चाहती हूं कि मेरा ज़ख्म हमेशा रिसता रहे... नहीं तो मैं लड़ना भूल जाऊंगी। नहीं चाहती कि ऐसा भीषण बलात्कारी कांड किसी की बेटी के साथ फिर हो।”