वेब सीरीज का हंगामा
वेब सीरीज अच्छाइयों के साथ बुराइयों को भी खूब परोस रही है और नई पीढ़ी इसके व्यावसायिक शिकंजे में फंसती जा रही है। वेब और टीवी सीरियलों पर फिल्मों जैसा कोई सेंसर नहीं है। टीवी तो घरेलू के चक्कर में अपने को संयमित करने की कोशिश करता है, लेकिन वेब का ऐसा नहीं है और इससे एक अपसंस्कृति भी पैदा हो रही है।