इचलकरंजी का माहेश्वरी समाज
5०-6० साल पहले इचलकरंजी एक छोटासा गांव था। ३०- ४० हजार बस्ती का यह गांव साड़ी के लिए मशहूर था। हैन्डलूम तथा पावरलूम का एक मशहूर स्थान था। इचलकरंजी के अधिपति स्व. श्री नारायणरावजी घोरपडे ने इस गांव के विकास का सपना देखा और उद्योग करने वाले अनेक व्यक्तियों को प्रोत्साहित किया।