पर्यटन नहीं तीर्थाटन
जिस प्रकार मक्का या वैटिकन सिटी पूरे विश्व में अकेले हैं, उसी प्रकार श्री बद्रीनाथ केदारनाथ धाम व हिन्दू धर्म के अन्य धाम भी अपनी तरह के अकेले हैं, जिनका कोई अन्य विकल्प नहीं है। इनको स्विट्जरलैड, थाईलैंड बनाकर सैकेंडरी बना कर यहां पश्चिमी पर्यटन पनपाकर इनकी मोनोपली को क्यों तोड़ें? और सैकेंडरी क्यों बने?