जनजातियों के राम
आज भी वनवासियों के ह्रदय में राम बसते हैं और जब तक संसार का अस्तित्व ही मानवता का अस्तित्व ही बनवासी जन अपने राम को हृदय में बसाए रखेंगे। छत्तीसगढ़ में तो राम का अधिकांश समय बीता है, इसलिए राज्य के वनवासियों आदर्श और आराध्य राम ही हैं।