सशस्त्र क्रांतिकारी व मानवकल्याण के विचारों के संवाहक महर्षि अरविंद
‘कारागार में मुझे एक संदेश प्राप्त हुआ है। ईश्वर ने मुझे यह बताया है कि सनातन धर्म की रक्षा और प्रचार-प्रसार के लिए मेरा जीवन है। मेरा आगे का जीवन स्वयं के लिए नहीं तो अपितु विश्व के कल्याण के लिए है। सनातन धर्म में चैतन्य निर्माण करने के लिए मेरा जीवन समर्पित करना है।’ -महर्षि अरविंद