हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result
कर्नाटक में कांग्रेस का नाटक

कर्नाटक में कांग्रेस का नाटक

by प्रवीण गुगनानी
in सामाजिक
0

कर्नाटक में जो चल रहा है वह कतई आश्चर्य का विषय नहीं है. जेडीएस और कांग्रेस के बचे विधायक मंत्री भी कतई न टिकते यदि उनके सामने गत लोकसभा में भाजपा द्वारा  २८ में २५ लोकसभा सीटें जीतने का भयावह आंकड़ा नहीं होता. यदि विस भंग हुई तो सत्ता में लौटना असंभव होगा अतः वे सत्ता के मोह में सांप छछूंदर की गति में भी जीने को और प्रतिदिन मरने को भी तैयार हैं. इस परिस्थिति में जो कुछ वर्तमान में बंगलुरु में चल रहा है वह तो अवश्यम्भावी ही था. कुमारस्वामी सरकार केवल नंबर गेम की शिकार नही है, इस सरकार के प्रमुख घटक कांग्रेस द्वारा कर्नाटक में किये सामाजिक पाप भी इस सरकार हेतु बोझ बने हुए हैं. लिंगायतों को हिंदुओं से अलग करने  के पाप का फल अभी कांग्रेस व जद एस को बड़े स्तर पर भुगतना होगा. भारत में हिन्दुओं को अल्पसंख्यक बनाने के प्रयासों की श्रंखला में ही कांग्रेस ने यहां पिछले विस चुनावों में लिंगायतों को अल्पसंख्यक घोषित करने का विभाजनकारी कार्ड खेला था. कांग्रेस के केन्द्रीय नेतृत्व ने ही पूर्व में हिंदुओं से जैन व सिक्ख समुदाय को अलग करने का विभाजनकारी कार्य किया गया था. कृतज्ञ हैं हम सभी भारतीय कि जैन व सिक्ख समुदायों को वैधानिक रूप से हिंदुओं से अलग कर दिए जाने के बाद भी उन्होंने सामाजिक स्तर पर कभी भी स्वयं को हिंदुओ से अलग नहीं समझा. पिछले विस चुनाव में तब भाजपा के कर्णधार नरेंद्र मोदी व अमित शाह ने ऐसा करने से स्पष्ट मना कर दिया था और कहा था कि हिंदू विभाजन के विरुद्ध वे ऐसी सौ सरकारें कुर्बान करने को तैयार रहेंगे. मुझे स्मरण है कि कर्नाटक के इस २०% जनसंख्या वाले लिंगायत समुदाय ने इसके बाद भी कांग्रेस को वैसा समर्थन नहीं दिया था जैसी की उसे आशा थी. इस घृणित सामाजिक दुष्कृत्य  का पापी यह  बेमेल गठबंधन राजनैतिक दृष्टि से भी पापपूर्ण ही है. एक दुसरे के दो धुर विरोधी दल मात्र सत्ता की मलाई हेतु साथ आ गए थे जिनमें मतभेद और टकराव ही नहीं सर फुटौवल होना भी अवश्यम्भावी था. पिछले तेरह महीनों में जद एस व कांग्रेस में पच्चीसों बार तकरार हुई है. एक बार कांग्रेस के रोशन बेग ने यहां तक कह दिया था कि अगर जरूरत पड़ी तो मुस्लिम अपना समर्थन भाजपा को भी दे सकते हैं. बाद में उन्हें कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया था, जिस पर बेग कहते हैं कि मुझे सच बोलने की सजा मिली. बाद में रोशन बेग का कांग्रेस में पुनः प्रवेश कराया गया था किंतु हाल ही के घटनाक्रम में इस मुस्लिम विधायक ने पुनः कांग्रेस व विधायक पद से त्यागपत्र दे दिया है. इस सरकार के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी दसियों बार यानि लगभग हर डेढ़ महीने में एक बार के अनुपात में मुख्यमंत्री के पद से त्यागपत्र की बात कह चुकें हैं.

मुख्यमंत्री के पद पर कुमारस्वामी, सिद्धारमैया और मल्लिकार्जुन खड्गे के नाम सुबह दोपहर शाम बारी-बारी से चल रहें हैं. सीतारमैया ने तो एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कह दिया था कि आवश्यकता हुई तो वे पुनः मुख्यमंत्री पद संभालेंगे. कृषि मंत्री शिवशंकर रेड्डी ने इसकी योजना भी सार्वजनिक की थी. एक बार मुख्यमंत्री सार्वजनिक मंच से रोते और आंसू बहाते हुए बोले थे कि कर्नाटक में प्रतिदिन मेरे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर मेरा आखिरी दिन बताया जाता है. कल्पना करके मन डर जाता है कि ऐसे मुख्यमंत्री से दबाव में नेताओं व नौकरशाहों ने किस किस निर्णय पर दबाव में हस्ताक्षर करा लिए होंगे. ऐसे ही घातक दबाव में कुमारस्वामी ने एक बार कहा था कि “मैं विषकांत बन गया हूं, आप खुश हैं किंतु मैं खुश नहीं हूं.” एक बार कुमारस्वामी ने कांग्रेस नेताओं से कहा था कि कांग्रेस के नेता जेडीएस के विधायकों से चपरासी जैसा व्यवहार करते हैं.

         कर्नाटक में पहले 14 विधायकों के त्यागपत्र होने के बाद कुमारस्वामी ने अपनी पार्टी के बागी विधायकों को मंत्रीपद का ऑफर दिया और वापस पार्टी में शामिल होने की अपील की. अभी कर्नाटक की सियासत से एक मुसीबत खत्म भी नहीं हुई थी कि कांग्रेस के सभी मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया. फिर क्या था, कुछ ही देर बार जेडीएस के भी सभी मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया. अब हो सकता है कि दोबारा से कैबिनेट का गठन हो. वहीं दूसरी ओर, डर ये भी है कि सरकार ना गिर जाए, जिसकी आशाएं कुछ अधिक ही लग रही हैं. इस नाटक में डैमेज कंट्रोल के लिए कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल बेंगलुरु पहुंचे तो वहां पर भी सिद्धारमैया ने कहा कि जेडीएस से संबंध तोड़ लिया जाए. उन्होंने ये भी कहा कि ये बात आलाकमान को भी बता दी गई है और ऐसे स्थिति में सरकार को बचाया नहीं जा सकता. अब स्थिति यह है कि कांग्रेस अपने केंद्रीय नेतृत्व से कोई आशा नहीं रख पा रही क्योंकि वहां तो उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष ही अपना त्यागपत्र हाथ में लिए घूम रहें हैं और समूची कांग्रेस को कोई नया अध्यक्ष मिल ही नहीं रहा है. कर्नाटक के सारे कांग्रेसी विधायक, मंत्री और नेता होटलों में या बंधक पड़े हैं या दूसरों को बंधक बनाने के लोकतांत्रिक पाप करने में सतत लगे हुए हैं.

मुझे स्मरण है अब भी कि किस प्रकार कुमारस्वामी का शपथग्रहण विपक्षी एकता का मंच बन गया था. इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए राहुल गांधी, मायावती, अखिलेश यादव, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, चंद्रबाबू नायडू, शरद पंवार  और विपक्ष के तमाम दिग्गज पहुंचे थे. तथाकथित बुआ भतीजे के गठबंधन की नीवं भी कर्नाटक के इस मंच पर ही पड़ी थी.

२२४ सीटों वाली कर्नाटक विस में ७८ पर कांग्रेस, ३७ पर जेडीएस, बसपा १, निर्दलीय १ और भाजपा १०५ पर काबिज है. सत्ताधारी गठबंधन का दावा था कि उसे ११८ विधायको का समर्थन प्राप्त है. १४ विधायकों के त्यागपत्र के बाद अब बहुमत के लिए १०६ विधायकों का समर्थन चाहिए होगा और भाजपा के पास १०५ का नंबर है किंतु वह अब तक चुप्पी रखे हुए है. कर्नाटक की भाजपा इकाई अपने केंद्रीय नेतृत्व के संकेत पर मर्यादित किंतु सचेत है व केंद्रीय नेतृत्व किसी भी प्रकार से कोई जल्दीबाजी या गैर प्रजातांत्रिक रास्ते पर चलने के मूड में नहीं दिख रहा है.

 

Share this:

  • Twitter
  • Facebook
  • LinkedIn
  • Telegram
  • WhatsApp

प्रवीण गुगनानी

[email protected]

Next Post
तेनाली की मुनादी 

तेनाली की मुनादी 

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण

© 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

0