‘नया भारत विशेषांक’ का लोकार्पण संपन्न

जनभागीदारी से हो रहा देश में परिवर्तन – अनिरुद्ध देशपांडे (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ)

संवाददाता/मुंबई. हिंदी विवेक मासिक पत्रिका द्वारा प्रकाशित ‘नया भारत विशेषांक’ का विमोचन एवं लोकार्पण हिंदी विवेक तथा एच.जे.दोशी घाटकोपर हिन्दू सभा हॉस्पिटल के संयुक्त तत्वाधान में वरली स्थित सास्मिरा कॉलेज के सभागृह में हर्षो उल्लास के साथ संपन्न हुआ. प्रमुख अतिथियों ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की. इसके बाद १० वर्षीय बालिका कुमारी मुद्रा देवगीरिकर ने श्री गणेश पञ्चस्तोत्र का गायन कर सभा को भक्ति के रंग में रंग दिया.

हिंदी विवेक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमोल पेडणेकर ने अपने संबोधन में बदलते भारत की तस्वीर को सकारात्मक रूप से प्रस्तुत किया और ‘नया भारत विशेषांक’ की प्रासंगिकता, उपलब्धियों एवं बीते ६ वर्षो से भारत में हो रहे आमूलचूल परिवर्तन का उल्लेख किया. इसके साथ ही उन्होंने हिंदी विवेक के दशकपूर्ति वर्ष के उपलक्ष्य में राष्ट्रीयता से ओत प्रोत हिंदी विवेक की सकारात्मक पत्रकारिता का भी जिक्र किया. इसके अलावा महात्मा गांधी के १५० जयंती के निमित्त हिंदी विवेक द्वारा प्रकाशित ‘महात्मा गांधी – एक सोच’ ग्रन्थ की उपयोगिता के बारे में संक्षेप में जानकारी दी.

आध्यात्मिक प्रवचनकार वीरेन्द्र याज्ञिक ने भारतीय संस्कृति, सभ्यता, भारतीय मूल्यों व विचारों के संदर्भ में अपनी बात रखी. उन्होंने आगाह किया कि भारतीय परम्पराओं एवं संवेदनशीलता का त्याग कर हम नए भारत का निर्माण नहीं कर सकते. यदि हम विकास की अंधी दौड़ में अपनी संस्कृति, सभ्यता व संस्कारों को बचा पाए तो निश्चित रूप से भारत विश्वगुरु बनेगा और असल मायने में नए भारत का निर्माण होगा.

विवेक समूह के प्रबंध संपादक एवं महाराष्ट्र राज्य मराठी विश्वकोश निर्मिती मंडल के अध्यक्ष दिलीप करंबेलकर ने नेहरू की गुटनिरपेक्ष नीति और मोदी की विश्वनीति का उल्लेख करते हुए कहा कि नेहरू के समय हमारे साथ कोई भी देश कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा नहीं होता था. लेकिन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्व नीति से पूरी दुनिया भारत के साथ मजबूती से खड़ी है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि क्या किसी ने सोचा था कि अमेरिका में राष्ट्रपति ट्रंप मोदी का भाषण एक घंटे तक श्रोताओं की भांति सुनेंगे ? यह सब हो रहा है. यह नए भारत के निर्माण का शंखनाद है. भारतवंशी अब एक वैश्विक ताकत बन चुके है. प्रवासी भारतीयों ने ही अमेरिका की सोच, पूर्वाग्रह व नीति को बदलने में अहम भूमिका निभाई है.

एच.जे.दोशी घाटकोपर हिन्दू सभा हॉस्पिटल के अध्यक्ष मगनलाल हरिलाल दोशी ने महात्मा गाँधी के सपनों का भारत विषय पर प्रकाश डाला. इसे जानने समझने के लिए उन्होंने गांधीजी की लिखी पुस्तक ‘हिन्द स्वराज’ पढ़ने की सलाह दी. उन्होंने आगे कहा कि मोदी राज में भारत पर लगे कलंक की सफाई हो रही है और गाँधी के सपनों का भारत निर्माण हो रहा है.

एस एफ सी एनवायर्नमेंटल टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमेन आसोलकर ने अपने भाषण में ‘जल संरक्षण व उसका पुनर्प्रयोग’ विषय पर कहा कि कोई भी पानी कभी गन्दा नहीं होता, यहाँ तक कि सीवेज के पानी में केवल ०.५ फीसदी ही गंदगी पाई जाती है, शेष पानी अच्छा होता है. जल शुद्धीकरण द्वारा उसका पुनर्प्रयोग किया जा सकता है.

प्रमुख अतिथि के रूप में उपस्थित रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल तथा फिन्स के अध्यक्ष डॉ. दत्तात्रेय शेकटकर ने भारत की सैन्य शक्ति (सामरिक शक्ति) के संदर्भ में प्रकाश डाला और सिंहगर्जना की कि भारतीय सेना पाकिस्तान के केवल चार टुकड़े नहीं हजार टुकड़े करने में सक्षम है. लेकिन इसके साथ ही उन्होंने यह हिदायत भी दी कि पाकिस्तान के टुकड़े करना तो आसान है लेकिन उसमें से एक टुकड़ा भी हमारे अन्दर आ गया तो हमारे लिए गंभीर खतरा भी बन सकता है. क्योंकि भारत की आबादी तेजी से बढ़ रही है. इसके अलावा उन्होंने युवाशक्ति, महिलाओं, बच्चों सहित शिक्षा के विषय पर भी जोर दिया.

सबसे अंत में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख अनिरुद्ध देशपांडे ने अपने संबोधन में कहा कि भारत तो चिर पुरातन है लेकिन इसकी विशेषता है कि यह नित्य नूतन होता रहता है. समय के साथ परिवर्तन होता रहता है. उन्होंने आगे कहा कि देश में हो रहे बदलाव का केंद्र बिंदु समाज है जनता है. जनभागीदारी से ही देश में तेजी के साथ परिवर्तन हो रहा है. जातिवाद को खत्म करने के लिए सामाजिक समरसता का भान रखना आवश्यक है. कुटुंब प्रबोधन का कार्य संघ कर रहा है क्योंकि आधुनिक युग में विदेशी संस्कृति के प्रभाव में हमारे परिवार भी नष्ट हो रहे है. भारत की विरासत के आधार पर ही यह देश खड़ा है. इसलिए हमें अपनी विरासत को संजोये रखना होगा. संघ के बारे में उन्होंने कहा कि संघ ही समाज है और समाज ही संघ है. समाज से सम्बंधित कार्य ही संघ कार्य है. इसके अलावा मोबाईल के दुष्परिणाम, प्रकृति, पर्यावरण, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि विषयों पर भी उन्होंने सारगर्भित व्याख्यान दिया.

इसके पूर्व मंच पर उपस्थित समारोह अध्यक्ष अनिरुद्ध देशपांडे एवं प्रमुख अतिथि ले.ज.डॉ. दत्तात्रेय शेकटकर के करकमलों द्वारा सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय भूमिका निभानेवाले मगनलाल दोशी, संदीप आसोलकर व गिरीश भाई शहा का पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया.

 

इसके साथ ही विरेन्द्र याज्ञिक और दिलीप करंबेलकर का गणमान्य जनों के हाथों पुष्पगुच्छ तथा स्मृति चिह्न देकर सम्मान किया गया. इसके अलावा आर्थिक रूप से हमेशा सहयोग व हिंदी विवेक का विस्तार करने वाले हिंदी विवेक के प्रतिनिधि विलास मेस्त्री, नितिन बिबिकर एवं दत्तात्रय ताम्हणकर का विशेष सम्मान अनिरुद्ध देशपांडे एवं प्रमुख अतिथि ले.ज.डॉ. दत्तात्रेय शेकटकर के करकमलों द्वारा स्मृति चिन्ह व पुष्पगुच्छ देकर किया गया. सूत्र संचालन हिंदी विवेक की कार्यकारी संपादक पल्लवी अनवेकर ने किया और आभार प्रदर्शन प्रशांत मानकुमरे ने किया. वन्दे मातरम गीत के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया. इस कार्यक्रम में सैकड़ो की संख्या में महिलाये और गणमान्य जन उपस्थित थे. कार्यक्रम को सफल बनाने में हिंदी विवेक की पूरी टीम और हिन्दू सभा हॉस्पिटल की टीम का अहम योगदान रहा.

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