गृहमंत्री अमित शाह की तस्वीर के साथ रंगीन कवर पृष्ठ की साज सज्जा रोमांचकारी है. जिसे देख कर पाठक सहर्ष ही अन्दर के पृष्ठ देखने के लिए उत्सुक होंगे. सीएए पर मचे बवाल का पर्दाफाश करती ‘भूतकाल की भड़ास,भविष्य की चिंता’ में सच का आइना दिखाया गया है. ‘खतरनाक राह पर चल पड़ा है असम’ नामक आलेख में जनता की भेड़चाल का उत्तम नमूना पेश किया गया है. इसमें बताया गया है कि कैसे किसी कानून को बिना जाने ही उसका विरोध किया जा रहा है. ‘नकारात्मक राजनीति की पराकाष्ठा’ विपक्षी पार्टियों पर करारा प्रहार करती है. महाराष्ट्र की राजनीति में ‘आवश्यकता है महाराष्ट्र मोदी की’ नामक लेख सटीक बैठता है. ‘यह स्थिति स्वीकार्य नहीं’ तथा ‘एक हादसा और पूरी जिन्दगी का दर्द’ नामक आलेख में देश में हो रहीं जघन्य बलात्कार की घटनाओं का मनोवैज्ञानिक रूप से मार्मिक विश्लेषण किया गया है. इसके अलावा ‘संकल्प से सिद्धि तक’ और ‘ग्रामोदय से भारत उदय’ में भारत के पुनरुत्थान को दर्शाया गया है. ‘डर इसे कहते है’ नामक आलेख में लेखक ने देश में कुप्रचारित किये जा रहे डर के माहौल का पर्दाफाश किया है और असली डर का माहौल क्या होता है इसका वास्तविक दर्शन कराया है.
यह अक बहुत ही अच्छा लगा आज ऐसी ही राष्ट्रीय भक्त चाहिए इस अकमे डर इसे कहते हैं लेख बहुत ही अच्छा लगा थनयवाद