पालघर आरोपियों के नाम हुए सार्वजनिक, CID ने किया घटना स्थल का निरीक्षण

  • गृहमंत्री ने पालघर हत्या के आरोपियों के नाम किये सार्वजनिक
  • गृहमंत्री अनिल देशमुख ने पालघर मामले पर दी सफाई
  • बुधवार को CID ने ड्रोन से किया मौके का निरिक्षण 
  • साधुओं का संगठन मई में पहुंचेगा मुंबई 
पालघर मॉब लिंचिंग अब पूरे देश के लिए चर्चा का विषय बन चुका है। केंद्र सरकार से लेकर बाकी राज्य भी इस पर चर्चा कर रहे है और महाराष्ट्र सरकार से इस पर सभी बात भी कर रहे है। वहीं महाराष्ट्र सरकार की तरफ से लगातार इस बात की सफाई दी जा रही है कि यह सिर्फ एक दुर्घटना मात्र है और कुछ नहीं। महाराष्ट्र सरकार ने इसे साम्प्रादायिक रंग देने वालो को भी आड़े हाथों लिया है। राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने बुधवार को एक विडियो कांफ्रेसिंग के जरिए मिडिया और लोगों से रुबरु हुए और कहा कि इस मामले को राजनीतिक तूल दिया जा रहा है जबकि यह सिर्फ एक दुर्घटना है और इस मामले में कुल 110 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
इस घटना में एक खास बात यह थी कि वायरल विडियो में एक आवाज आती है “शोयब बस” जिसे सुनकर लोग इस मामले को लेकर आक्रोशित है कि साधुओं को जानबूझ कर मारा गया है और इसे मारने वाले मुस्लिम समुदाय के लोग है क्योंकि जब पुलिस मौके पर पहुंच गयी तब फिर हमला करना ठीक नही था। किसी भी तरह के अपराध के लिए पुलिस होती है और वह जरुरी कानूनी कार्रवाई करती है। लेकिन पुलिस के सामने किसी की हत्या करना यह निश्चित करता है कि उनका इरादा पहले से ही तय था कि साधुओं की हत्या करना है। वहीं महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने इस बात पर एक नया ही तर्क दिया और कहा कि विडियो मे लोग “शोयब बस” नहीं बोल रहे है बल्कि “ओए बस” बोल रहे है।
महाराष्ट्र के गृह मंत्री ने अपने ट्विटर हैंडल पर पालघर के सभी आरोपियों की लिस्ट जारी कर दी और यह सफाई दी कि गिरफ्तार किये गये आरोपियों में एक भी मुस्लिम नही है। कुल मिलाकर महाराष्ट्र सरकार लगातार इस बात पर जोर दे रही है कि इस घटना में एक भी मुस्लिम शामिल नही है। गृहमंत्री द्वारा ट्वीटर पर आरोपीयों की लिस्ट भी सार्वजनिक करने के पीछे यही वजह है जबकि इससे पहले बिना कोर्ट के फैसले से पहले कोई भी किसी आरोपी की लिस्ट सार्वजनिक नहीं कर सकता। गृह मंत्री ने ट्वीटर पर लिखा कि यह सभी पालघर हत्या के आरोपी है और इसे इसलिए सार्वजनिक किया जा रहा है कि ताकी लोग इस घटना को साम्प्रादायिकता का रुप ना दे सकें।

पालघर हत्या में तमाम दावे है लेकिन अभी तक सरकार या पुलिस किसी आखिरी चरण पर नहीं पहुंची है। अब इस मामले को CID को सौंप दिया गया है। बुधवार को सीआईडी की टीम मौके पर भी गयी थी और ड्रोन के द्वारा इलाके का जायजा लिया। वहीं पूरे देश से साधुओं का दल लॉक डाउन खत्म होने के बाद महाराष्ट्र के लिए निकल सकता है क्योंकि उनका आरोप है कि साधुओं की हत्या जानबूझकर की गयी है। वहीं सवाल यह भी है कि क्या सरकार जो कह रही है वह सही है या फिर कुछ और भी सच्चाई है जिसे सरकार वोट बैंक की राजनीति के लिए छिपाना चाहती है।

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