- चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र चुनाव का किया ऐलान
- महाराष्ट्र में 21 मई को होंगे चुनाव
- 11 मई नामांकन, 14 मई नामांकन वापसी
- 9 सीटों पर होगा 21 मई को चुनाव
महाराष्ट्र का सियासी पारा थोड़ा कम होता नजर आ रहा है क्योकि चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के चुनाव की तारीख का ऐलान कर दिया। राज्यपाल के पास पास फंसा पेंच गुरुवार को राज्यपाल के पत्र के साथ ही निकल गया और शुक्रवार को चुनाव आयोग ने बैठक कर यह निश्चित कर दिया कि आने वाली 21 मई को महाराष्ट्र में चुनाव करवाये जायेंगे। उद्धव ठाकरे को नियम के मुताबिक 27 मई तक किसी भी सदन का सदस्य बनना जरुरी है वरना उन्हे अपने पद से इस्तीफा देना होगा। वहीं सरकार की तरफ से 17 मई तक के लिए लॉक डाउन भी बढ़ा दिया गया है यानी लॉक डाउन खत्म होने के तुरंत बाद महाराष्ट्र में चुनाव होगा।
Election Commission of India announces schedule to conduct Biennial Election for 9 vacant seats of Maharashtra Legislative Council, by the Members of Legislative Assembly (MLAs).
Polling to be held on May 21, 2020.
Details here: https://t.co/004PRQGXX3#ECI
— Election Commission of India (@ECISVEEP) May 1, 2020
चुनाव आयोग के इस ऐलान के बाद अब उद्धव ठाकरे के विधायक बनने का रास्ता साफ हो गया है अगर वह चुनाव में विजयी होते है तो वह मुख्यमंत्री पद पर बने रहेगें। चुनाव आयोग के नियमानुसार 11 मई को नामांकन पत्र दाखिल किया जायेगा 14 मई तक इसे वापस ले सकते है और फिर 21 मई को राज्य में चुनाव होगा। वहीं सूत्रों की मानें तो सभी सीटों पर निर्विरोध चुनाव भी हो सकता है जिससे महाअघाड़ी के खाते में 5 सीट और भाजपा के खाते में 4 सीट आयेगी।
उद्धव मंत्रिमंडल के निवेदन के बाद भी राज्यपाल ने उद्धव ठाकरे को सदन का सदस्य मनोनीत नहीं किया था बल्कि गुरुवार को चुनाव आयोग को एक पत्र लिखकर चुनाव कराने की सलाह दी थी जिस पर शुक्रवार को चुनाव आयोग ने फैसला ले लिया। महाराष्ट्र में 9 सीटे खाली है जिस पर 21 मई को चुनाव होगा उद्धव ठाकरे अभी तक किसी भी सदन के सदस्य नहीं है और उन्हे 27 मई से पहले किसी भी सदन का सदस्य बनना अनिवार्य है। आप को बतादें कि इससे पहले 24 अप्रैल को महाराष्ट्र की 9 सीटों पर चुनाव होना था जिसके लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने तैयारी भी की थी लेकिन महामारी की वजह से चुनाव आयोग को चुनाव निरस्त करना पड़ा था।
इससे पहले उद्धव ठाकरे चाहते थे कि राज्यपाल उनके अधिकार के तहत आने वाली दो सीटों पर उन्हे मनोनीत करें और इसके लिए उद्धव मंत्रिमंडल की तरफ से दो बार राज्यपाल के पास सिफारिश भी की गयी थी लेकिन राज्यपाल ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया और यह कहते हुए मना कर दिया कि मनोनीत के लिए शिक्षा, विज्ञान, खेल, मनोरंजन, लेखन और कला आदि क्षेत्रो से आना चाहिए जिसमें उद्धव ठाकरे किसी भी क्षेत्र से नहीं आते इसलिए उन्हे मनोनीत नहीं किया जा सकता।