4.0 में दिल्लीवासियो को कितनी राहत, बीजेपी ने किसे बताया डेथ वारंट?

  • केजरीवाल ने राजधानी के लिए जारी किए निर्देश 
  • मुख्यमंत्री ने ज्यादातर चीजों से हटायी पाबंदी
  • हमें कोरोना के साथ जीने की आदत डालनी होगी-केजरीवाल
  • गौतम गंभीर ने केजरीवाल के फैसले को बताया गलत 
प्रधानमंत्री के लॉक डाउन 4 के ऐलान के साथ ही सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने नए नियमों की घोषणा शुरू कर दी है। सोमवार को राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नए दिशानिर्देशों की घोषणा की, हालांकि इस दौरान बाकी राज्यों की अपेक्षा केजरीवाल ने लॉक डाउन को ज्यादा से ज्यादा खत्म कर दिया। केजरीवाल की नई गाइडलाइन के अनुसार दिल्ली में सरकारी और प्राइवेट ऑफिस खोले जाएंगे लेकिन प्राइवेट ऑफिस में काम करने वालों की संख्या कम होगी। केजरीवाल ने कहा कि जितने लोग घरों से काम कर सकते हैं वह घर से ही काम करें। इस दौरान लोगों की जरुरतों को देखते हुए ऑटो. ई-रिक्शा. टैक्सी और कैब को चलाने की इजाजत दे दी गई लेकिन इसके लिए कड़ा नियम भी बनाया गया है। ऑटो और ई रिक्शा को एक यात्री के साथ चलने की अनुमति है जबकि टैक्सी और कैब में 2 यात्रियों के बैठने की सुविधा दी गयी है जबकि कार पुलिंग के लिए अनुमति नहीं दी गई है।

केजरीवाल के नए नियमों के ऐलान के साथ ही कुछ नेताओं ने इसका विरोध किया है। बीजेपी के सांसद और पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर ने इसकी कड़ी आलोचना की है। गौतम गंभीर ने कहा कि केजरीवाल का यह फैसला दिल्ली की जनता के लिए डेथ वारंट जैसा है। एक साथ इतनी सारी चीजों से पाबंदी हटाना राज्य के लिए ठीक नहीं है। इससे बड़ी संख्या में लोग बाहर निकल सकते हैं जिससे संक्रमण फैल सकता है। पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर ने इसे लेकर ट्वीट भी किया और लिखा, ज्यादातर चीजों को एक साथ खोल देने का फैसला दिल्ली वासियों के लिए डेथ वारंट जैसा होगा। मैं दिल्ली सरकार से बार-बार अपील करता हूं कि वह फिर से इस पर विचार करें क्योंकि एक गलत कदम और सब कुछ खत्म हो जाएगा।

केजरीवाल ने कहा कि मेट्रो, स्कूल, कॉलेज, शॉपिंग मॉल, स्विमिंग पूल, पार्क, थिएटर, बार, ऑडिटोरियम, सलून, स्पा, हॉल और धार्मिक स्थल बंद रहेंगे। इसके साथ ही किसी भी भीड़भाड़ वाले समारोह को भी अनुमति नहीं दी जाएगी। शहर में किसी भी तरह के राजनीतिक समारोह को भी परमिशन नही है। शाम 7:00 बजे से लेकर सुबह 7:00 बजे तक बेहद ही जरूरी सेवाओं को छोड़कर अन्य किसी काम से बाहर निकलने पर पाबंदी रहेगी। 65 साल से ज्यादा और 10 साल से कम उम्र के लोगों को बाहर निकलने पर रोक है। इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं और किसी भी बीमारी से ग्रसित लोगों को भी घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है।
केजरीवाल ने खेल जगत के लिए राहत भरा फैसला सुनाते हुए कहा कि अब स्टेडियम खोले जाएंगे लेकिन उसमें दर्शकों के आने की अनुमति नहीं होगी यानी खेल को डिजिटल के माध्यम से देखा जाएगा जबकि किसी भी सूरत में दर्शकों को स्टेडियम में आने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

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