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मुझे मतदाताओं की अपेक्षा पर खरा उतरना है- गोपाल शेट्टी

मुझे मतदाताओं की अपेक्षा पर खरा उतरना है- गोपाल शेट्टी

by अमोल पेडणेकर
in दिसंबर -२०१४, साक्षात्कार
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“लोगों ने मुझ पर जो विश्वास दिखाया है उससे मेरी जिम्मेदारी बढ़ गई है। हमें लोगों तक पहुंचना है, उनकी समस्याओें को समझना हैं यही भावना हमेशा मेरे मन में रहती है। लोगों ने मन में कई अपेक्षाएं रख कर मुझे चुना है मुझे उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरना है।”

एक सामान्य कार्यकर्ता से सांसद तक का आपका राजनैतिक प्रवास रहा है। कार्यकर्ता से सांसद बनने पर अब आपके मन में क्या भावनाएं हैं?
जो कार्यकर्ता होता है वही भविष्य मेंं विधायक, मंत्री या सांसद बनता है। प्रधान मंत्री भी बन सकता हैं। नरेंद्र मोदी जी इस बात का उदाहरण है। नरेंद्र मोदी जी ने अपने आपको प्रधान सेवक के रूप में देश के सामने प्रस्तुत किया है। पहले वे भी एक कार्यकर्ता के रूप में ही समाज से संपर्क स्थापित करते थे। आज देश के प्रधान मंत्री के नाते देश की सेवा कर रहे हैं। फिर भी उनके मन में भावना एक कार्यकर्ता की ही है।
जब मैं एक सामान्य कार्यकर्ता के रूप में बोरीवली के पोइसर विभाग में कार्यरत था, तब भी लोग समस्या लेकर आते थे। आज सांसद हो जाने के बाद भी लोगों की समस्याएं सुनता हूं तो मन में पीड़ा होती है। भारत को स्वतंत्र हुए 68 वर्ष बीत जाने के बाद भी लोगों को छोटी-छोटी समस्याओं के समाधान के लिए किसी के पास जाना पड़ता है। देश में सामान्य लोगों के लिए जो व्यवस्था है, जो योजनाएं हैं उनका लाभ उन्हें नहीं मिल पाता है या वे योजनाएं उन तक नहीं पहुंचती हैं।

जब मैं लोकसभा चुनाव के समय लोगों से रूबरू होता था तब उन्हें कहता था कि सरकार बदलने से ये समस्याएं दूर हो सकती हैं। आज मोदी सरकार उन समस्याओं के समाधान हेतु कार्य कर रही हैे। मोदी सरकार ने समाज की समस्याओं को दूर करने के लिए कार्य करना प्रारंभ किया हैे। उनका असर दिखाई देने लगा है। लोग भी सरकार पर विश्वास जताने लगे हैं। मेरे मन में यह विश्वास हैे कि आनेवाले समय में समाज को अपनी रोजमर्रा की छोटी-छोटी समस्याओं से मुक्ति जरूर मिल जाएगी।

आपके चुनाव क्षेत्र की प्रमुख समस्याएं कौन सी हैं?

बोरीवली विधान सभा क्षेत्र और मेरे लोकसभा चुनाव क्षेत्र के लिऐ मैं यह दावा नहीं कर सकता कि यहां की सभी समस्याएं समाप्त हो गई हैंं। फिर भी ज्यादातर समस्याओं का समाधान निकाला जा चुका है। मालाड जैसे विभाग में बहुत समस्याएं हैं। सरकारी जमीन पर अनधिकृत झुग्गी-झोपडियों का अतिक्रमण हो गया है। प्रशासन नाम की कोई चीज ही नहीं है। प्रशासन के अधिकारी ही इन बातों में सम्मिलित हैैंं। आज भी शौचालय, बिजली, पानी जैसी आधारभूत सुविधाओं के लिए लोगों को संघर्ष करना पड़ता है। यह बहुत बड़ी समस्या है। किसी गरीब को अगर अपने घर की मरम्मत करनी हो तो प्रशासन से जूझना पड़ता है। परंतु सरकारी भूखंडों पर सरेआम धनी लोगों का अनधिकृत कब्जा होता है। यह दोहरी स्थिति वहां दिखाई दे रही है। प्रशासन जैसा वहां कुछ भी महसूस नहीं हो रहा है।

आपके मतदान क्षेत्र में ज्यादातर लोग लोकल ट्रेन की समस्याओं से परेशान हैं? उन समस्याओं से आप कैसे निबटेंगे?

मेरे चुनाव क्षेत्र में लोकल ट्रेन की बड़ी समस्या है। हर वर्ष 3500 से ज्यादातर लोग सिर्फ दहिसर से गोरेगांव के बीच होनेवाली रेल्वे दुर्घटनाओं का शिकार होते हैं। यहां की जनसंख्या के मुकाबले गाड़ियों की संख्या कम है। मोदी सरकार के पहले रेल बजट में रेल मंत्रालय ने आश्वासन दिया था कि डोअर क्लोजर लगाएंगे। उस दिशा में प्रयास शुरू हो गए हैं। जनवरी महीने में महिला रेलगाड़ी को डोअर क्लोजर लगाने का काम प्रायोगिक स्तर पर शुरू हो रहा है। यह हमारे लिए आनंद की बात है। डोअर क्लोजर लगाने का यह प्रयोग अगर सफल होता है तो भविष्य में कई दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है।

रेलवे क्रॉसिंग भी एक बड़ी समस्या है। आज ज्यादातर जगहों पर फुटओवर ब्रिज उपलब्ध हैं। भूतल आवागमन के लिए मार्ग बनाए गए हैं। फिर भी लोग उन सुविधाओं का उपयोग नहीं करते हैं। इनसे भी यह साफ जाहिर होता है कि लोग भी बेपरवाह हैं। इस बात पर समाज का उचित प्रबोधन करने का प्रयास भी हम कर रहे हैं।

प्रधान मंत्री मा. नरेंद्र मोदी जी ने ‘स्वच्छ भारत अभियान’ का नारा दिया हैं। आपका कार्यक्षेत्र में इस अभियान के अंतर्गत कौन से प्रयास किए जा रहे हैं?

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी ने जो स्वच्छ भारत अभियान का नारा दिया है जिसे अत्यंत गंभीरता से हम अपने क्षेत्र में लागू कर रहे हैं। मालवणी, मड जैसे स्थान जो मुंबई के एक किनारे पर बसे हैं, जहां प्रशासन जल्दी नहीं पहुंच पाता ऐसी जगहों पर हम अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। वहां के लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरुकता लाने का प्रयास कर रहे हैं। जन सहभागिता से ही हम इस अभियान को आगे ले जा रहे हैं। मोदी जी के इस आह्वोन के बाद प्रशासन भी हरकत में आ गया है। उनका भी सकारात्मक सहयोग इस अभियान हमें में मिल रहा है।
स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से भारत को संबोधित करते हुए प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने सभी सांसदों को ‘गांव दत्तक योजना’ में सहभागी होकर ‘आदर्श गांव’ के निर्माण का आवाहन किया है। आप अपने क्षेत्र में इस उपक्रम को किस प्रकार से पूरा करेंगे?

मेरे चुनाव क्षेत्र में चार ऐसे गांव हैं जिन्हें गांव दत्तक योजना की जरूरत हैं। मेरे मन में एक विचार आता है, जब मैं पूरे चुनाव क्षेत्र का सांसद हूं तो मैं सिर्फ एक गांव दत्तक लेकर कार्य क्यों करूं? अन्य जगहों पर भी तो कुछ ना कुछ समस्याएं हैं ही। अत: मेरे चुनाव क्षेत्र में जितने भी गांव स्वरूप क्षेत्र हैं उन सभी को मैं आदर्श गांव में विकसित करने का प्रयास करनेवाला हूं। इसके बाद भी अगर प्रधान मंत्री मुझे कहते हैं कि एक गांव दत्तक लेना है तो मैं एक गांव दत्तक ले लूंगा। मैं उन सभी की समस्याओं को सुलझाना चाहता हूं जिन्होंने मुझे चुना है। मेरे मतदान क्षेत्र में जितनी भी बस्तियां हैं, गांव हैं, जहां आधारभूत सुविधाओं की जरूरत है, मैं उन क्षेत्रों का विकास करना चाहता हूं।

आपने महानगरपालिका, विधान सभा और अब संसद तक लोक प्रतिनिधि के रूप में कार्य किया दिया है। इस पूरी यात्रा में आपका अनुभव कैसा रहा?

महानगरपालिका का अनुभव बहुत अच्छा रहा। वहां कार्य का केंद्र समाज के निम्न वर्ग की समस्याएं होती हैं। महानगरपालिका में काम करते समय बहुत उत्साह होता है। वहां के अधिकारी वर्ग से सीधे संपर्क होता हैं। जिन्हें समाजहित के कार्य करने हैं उन्हें वहां अपनी योग्यता दिखाने का मौका मिलता है। लोग मिलते हैं, अपनी बात रखते हैं, अधिकारियों से सीधे संपर्क होता है। सकारात्मक कार्य भी होता है।
विधान सभा में मैं दस साल विधायक था। कांग्रेस शासन के समय मैं संतोषजनक कार्य नहीं कर पाया जो मुझे अपने आप से अपेक्षित था। महानगरपालिका का अच्छा अनुभव था। उसी के आधार पर मैंने कार्य किया है जिससे लोग प्रसन्न हैं। फिर भी मुझे संतोष नहीं है। केंद्र में सांसद के रूप में कार्य करते हुए मुझे 6 महीने ही हुए हैं। इस कार्यकाल में एक अधिवेशन और दो चुनाव हो चुके हैं। उन दोनों में मैंने अच्छा प्रदर्शन दिया हैं। मन में एक विश्वास जगा है कि अच्छे दिन आएंगे। देश, समाज, व्यक्ति सुखी होगा। इस केंद्र सरकार ने मूलभूत सुविधाओं का कार्य प्रारंभ किया है। लोगों की पानी, बिजली, मकान, शौचालय जैसी आधारभूत आवश्यकताओं की ओर ध्यान देने का कार्य प्रारंभ किया है। जो काम हमें करने हैं उन बातों को प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संचालित किये जाने से समाज और प्रशासन में गति आ गई है।

आप अपने चुनाव क्षेत्र में गत 35 सालों से कार्यरत हैं, आज इस मकाम पर पहुंचने पर आपअपने कार्यक्षेत्र के विकास को लेकर क्या सोचते हैं?

मेरी काम करने का तरीका थोड़ा निराला है। जब से मैंने इस क्षेत्र में समाजहित का कार्य प्रारंभ किया तभी से समाज के सबसे निम्न तबके के व्यक्ति को सुख देने के उद्देश से ही कार्य किया हैं। मैंने प्रारंभ से ही महिला विकास को लेकर अनेक प्रकल्प प्रारंभ किए हैं। बोरीवली में महिला भवन का निर्माण किया हैं। इस विभाग कीमहिलाओं के सर्वांगीण विकास का कार्य उस महिला भवन से संपन्न हो रहा है। अब राज्य और केंद्र में भाजपा सरकार स्थापित हुई हैं। अत: निश्चित रूप से मेरे कार्य में गति आएगी। जिस तरह बोरीवली में महिला भवन की स्थापना हुई है उसी तरह दहिसर, कांदिवली, मालाड में भी शुरू करने के लिये भी मैं प्रयासरत हूं। मोदी जी ने स्किल डेवलपमेंट का नारा दिया है। हमारे निर्वाचने क्षेत्र में आय. आय. टी. यूनिट है। अभी उसे मैं अन्य छह निर्वाचन क्षेत्रों में स्थापित करने का प्रयास कर रहा हूं। जिससे समाज के सभी वर्ग के कारीगरों को प्रशिक्षण मिलेगा और रोजगार के नये द्वार खुलेंगे। आय. टी. आय के स्तर का भव्य प्रशिक्षण केंद्र मेरे कार्यक्षेत्र में प्रारंभ करने का मैं प्रयास कर रहा हूं।

मैंने अपने चुनाव प्रचार के दौरान लोगों का मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल निर्माण करने का वचन दिया है। दहिसर में 12 एकड़ भूखंड को हॉस्पिटल के लिए लेने का प्रयास महानगर पालिका के माध्यम से हो रहा हैं। इसी के साथ ही जहां झोपड़पट्टियां हैं वहां हम छोटे-छोटे हेल्थ केअर सेंटर प्रारंभ करनेवाले हैं। मुझे लोगों ने समाज का कार्य करने के लिए चुना है। जो भी काम सरकार के माध्यम से पूरे किये जा सकेंगे मैं उन्हें पूर्ण करने का प्रयास करुंगा। जो काम समाज के कॉर्पोरेट क्षेत्र से जुड़े उद्यमियों के माध्यम से हो सकते हैं वह उनकी सहभागीता से करने का प्रयास करुंगा।

राजनैतिक क्षेत्र की बात आती हैं तो नेताओं के गुट होते हैं। उन गुटों की अपनी-अपनी राजनीति होती है। उनका अच्छा बुरा असर भी होता हैं। पर आप किसी गुट से जुड़े नहीं हैं। आप अपनी कार्यपद्धति में मस्त होते हैं। यह आप किस प्रकार कर सकते हैं?

जो खुद कमजोर होते हैं वे सक्षम नेताओं को अपनी ढ़ाल बनाते हैं। मैं प्रारंभ से ही लोगों के साथ रहकर कार्य करने में व्यस्त रहा हूं। ईश्वर कृपा से जो कार्य सामने आया वह सफल होता गया। मेरा स्वभाव पहले भी ऐसा था, आज भी ऐसा ही है। मैं मंत्रालय में कम रहता हूं, लोगों के साथ ज्यादा रहता हूं। यह मेरी अब तक की स्टाइल रही है, आगे भी इसी स्टाइल से जन सेवा का कार्य करता रहूंगा। राजनीति में गुटबाजी होती रहती है। मेरी पार्टी में वह गुटबाजी बहुत कम है। अन्य दलों में 90% गुटबाजी है तो हमारी पार्टी में वह 10% है।

देशभर के सभी प्रत्याशियों में से नरेंद्र मोदी जी के बाद सबसे ज्यादा वोट प्राप्त करनेवाले आप ही हैं। आपके चुनाव क्षेत्र के मतदाताओं ने आपको जो सम्मान दिया है या जो विश्वास आपके प्रति व्यक्त किया है उस संदर्भ में आपके विचार स्पष्ट कीजिये?

मेरे चुनाव क्षेत्र में दस वर्ष पहले तक 2.40 लाख तक मत भाजपा को मिलते थे। इस चुनाव में यह आंकडा 6.75 लाख हो गया है। मोदी जी ने पूरे देश भर के मतदाताओं के मन में एक विश्वास निर्माण किया यह उसका ही परिणाम है। जब पार्टी ने इस चुनाव क्षेत्र से मुझे प्रत्याशी के रुप में खडा करने का निश्चय किया तभी यहां के लोगों के मन में एक विश्वास निर्माण हुआ था। मेरे 30 वर्षों के समाज कार्य को यहां के मतदाता देख रहे हैं। वे इस चुनाव में मतदान करने के लिए बडी संख्या में घर से बाहर आए। इसका जो परिणाम सामने आया वह सम्मानजनक था। लोगों ने मुझ पर जो विश्वास दिखाया है उससे मेरी जिम्मेदारी बढ़ गई है। हमें लोगों तक पहुंचना है, उनकी समस्याओें को समझना हैं यही भावना हमेशा मेरे मन में रहती है। लोगों ने मन में कई अपेक्षाएं रख कर मुझे चुना है मुझे उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरना है।
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अमोल पेडणेकर

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