हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result
अनूठी ‘प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना’

अनूठी ‘प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना’

by विशेष प्रतिनिधि
in अप्रैल -२०१६, सामाजिक
0

‘प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना’ गरीब तबके की महिलाओं के लिए अनूठी एवं ऐतिहासिक है। इस योजना के अंतर्गत बीपीएल परिवारों की महिलाओं को रसोई गैस के कनेक्शन दिए जाएंगे। इससे रसोई की मशक्कत और श्रम की बचत होगी। चूल्हे के धुएं से होने वाले प्रदूषण एवं बीमारियों से उनकी रक्षा होगी। एलपीजी की वितरण व्यवस्था कायम की जाएगी, जिससे ग्रामीण इलाकों में रोजगार का सृजन भी होगा।

अगले तीन वर्षों में 5 करोड़ गरीब परिवारों के लिए स्वस्थ एवं स्वच्छ रसोई गैस की आपूर्ति के लिए केंद्र सरकार ने ‘प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना’ की ऐतिहासिक घोषणा की है। इस योजना के लिए 8,000 करोड़ रु. की विशाल राशि का प्रावधान किया है। स्वाधीनता के बाद पहली बार गरीबों की, विशेष रूप से महिलाओं की, सहायता के लिए इस तरह की राष्ट्रीय स्तर की पहल की गई है। फिलहाल महिलाएं उपलों, जलाऊ लकड़ी, केरोसिन जैसे जीवाश्म ईंधन पर निर्भर हैं और प्रति दिन 400 सिगरेटों जितना धुआं निगलने के लिए मजबूर हैं। इस योजना के अंतर्गत गरीबी रेखा के नीचे (बीपीएल) वाले पात्र परिवारों की पहचान राज्य सरकारों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की सलाह से की जाएगी। इस योजना पर अमल वित्त वर्ष 2016-17, 2017-18 एवं 2018-19 इस तरह तीन वर्षों में किया जाएगा। योजना के प्रथम वर्ष अर्थात वर्ष 2016-17 के लिए ही रु.2000/- करोड़ रु. का बजट में प्रावधान किया गया है। इस योजना के अंतर्गत बीपीएल परिवारों की करीब 1.5 करोड़ महिलाओं को बिना किसी डिपॉजिट के रसोई गैस के कनेक्शन दिए जाएंगे।

देश के इतिहास में पहली बार पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय गरीब से गरीब परिवारों की करोड़ों महिलाओं के कल्याण के लिए इस तरह की योजना पर अमल कर रहा है। यह योजना महिलाओं के स्वास्थ्य एवं पर्यावरण दोनों से जुड़ी हुई है। मंत्रालय की यह योजना देश के इतिहास में पहली और अनोखी है, जिसमें करोड़ों गरीब परिवार लाभान्वित होंगे।
इस योजना के स्वास्थ्य पक्ष पर गौर करें। वर्तमान में जीवाश्म ईंधन के जलाए जाने से स्वास्थ्य का भारी नुकसान होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) का अनुमान है कि भारत में अस्वच्छ रसोई ईंधन के कारण प्रति वर्ष लगभग 5 लाख मौतें होती हैं। ये अधिकांश बेमौत मौतें दिल की बीमारियों, हृदयाघात, सांस की बीमारियों और फेफड़ों के कैंसर जैसी असंक्रमित बीमारियों से होती हैं। युवा बच्चों में सांस लेने में दिक्कत पैदा करने वाली गंभीर बीमारियां भी घरेलू प्रदूषण के कारण होती हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार, रसोई घर में जलता चूल्हा प्रति घंटा 400 सिगरेट जलाने जैसा प्रदूषण फैलाता है। इस योजना के कारण रसोई की मशक्कत और श्रम की बचत होगी और रसोई गैस की आपूर्ति के लिए श्रृंखला कायम की जाने से ग्रामीण युवकों को रोजगार भी उपलब्ध होगा। इससे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की देश के महिलाओं के सशक्तिकरण और गंभीर बीमारियों से उनकी रक्षा करने की दूरदृष्टि प्रदर्शित होती है और इससे देश के गरीब नागरिकों (बीपीएल परिवार) की जीवनशैली में सुधार होने में सहायता प्राप्त होगी।

पर्यावरण के पक्ष पर गौर करें तो दिखाई देगा कि जीवाश्म ईंधनों का रसोई के लिए उपयोग करने से पर्यावरण को होने वाली हानि से पूरे विश्व में चिंता है। इस स्थिति में भारत सरकार द्वारा उठाए गए इन कदमों से पर्यावरण की रक्षा भी होगी। भारत में वर्तमान में जीवाश्म ईंधन को जलाए जाने से भारी प्रदूषण हो रहा है, जो चिंता का विषय है।

खनिज तेल एवं गैस पर नई पारदर्शी नीति

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने खनिज तेल की खोज एवं उत्पादन के लिए 10 मार्च 2016 को नई लाइसेंसिंग नीति को मंजूरी दी है। इसे हाइड्रोकार्बन एक्सप्लोरेशन एण्ड लाइसेसिंग पॉलिसी (एचईएलपी- हेल्प) नाम दिया गया है। इस नीति के दिशानिर्देशक तत्व हैं- तेल एवं गैस के स्वदेशी उत्पादन को बढ़ाना, इस सेक्टर में पर्याप्त निवेश को आकर्षित करना, रोजगार का सृजन करना, पारदर्शिता लाना और प्रशासकीय हस्तक्षेप को कम करना।

इस नीति के तहत एकक लाइसेंस, खुला क्षेत्र, राजस्व हिस्सेदारी माडल और विपणन एवं मूल्य-निर्धारण की स्वतंत्रता उपलब्ध होगी। तेल खोज एवं उत्पादन के लिए एकक लाइसेंस परम्परागत एवं गैर-परम्परागत दोनों क्षेत्रों के लिए होगा। खुले क्षेत्र के अंतर्गत औपचारिक नीलामी की राह देखे बगैर खुदाई के ब्लाक के चयन करने का विकल्प होगा। राजस्व हिस्सेदारी आसान होगी और आपरेटर को परिचालन की स्वतंत्रता प्राप्त होगी। मूल्य एवं विपणन की स्वतंत्रता से इस क्षेत्र में निवेश को अधिक बढ़ावा मिलेगा। वर्तमान एनईएलपी व्यवस्था की अपेक्षा नई एवईएलपी व्यवस्था में रायल्टी दरें कम होगी, जिससे खोज एवं उत्पादन को अधिक बढ़ावा मिलेगा।

नई व्यवस्था के अंतर्गत प्रसंविदा के दौरान विवादों की संभावनाओं को खत्म कर दिया गया है जैसे कि लागत वापसी से सम्बंधित मामले, आईएम की गणना, अधूरे काम की लागत, समय-सीमा की कठोरता, उपलब्धता से सम्बंधित मामले, एफडीपी को लागू करने में विलम्ब तथा रायल्टी, अंकेक्षण, अन्य पीएससी प्रावधानों को पूरा करना आदि मामले।
केंद्र सरकार की नई नीति से तेल खोज एवं उत्पादन के क्षेत्र में पहली बार बड़े पैमाने पर प्रोत्साहन मिलेगा।
——–

‘उज्ज्वला’ योजना को समझने के लिए हमें सरकार द्वारा गरीबों के सशक्तिकरण एवं करोड़ों लोगों के जीवन को सुकर बनाने के लिए किए जा रहे प्रयास के रूप में देखना होगा। वास्तव में गरीबों को करोड़ों गैस कनेक्शन देने के लिए सरकार ने अमीरों एवं खाते-पिते लोगों से ‘सब्सिडी छोड़ने’ जैसा अभियान चलाकर सहायता की अपील की है। देश में चलाए जा रहे अन्य अभियानों की तरह ही इस अभियान के लिए भी जनसाधारण से समर्थन की अपील की गई है और भारी संख्या में लोग प्रधान मंत्री तथा उनकी टीम के समर्थन में आ रहे हैं। अब तक कोई 80 लाख लोगों ने अपने एलपीजी कनेक्शन की सब्सिडी त्याग दी है और जरूरतमंद गरीब लोगों को सरकार की ओर से उसे आबंटित किया जा रहा है। अब तक ऐसे 60 लाख कनेक्शन आबंटित किए जा चुके हैं। सरकार और जनता के बीच यह भावनात्मक जुड़ाव है।

योजना की विशेषता यह है कि गैस कनेक्शन केवल परिवार की महिला सदस्य के नाम से ही दिया जाएगा। गैस की सिगड़ी एवं रिफील के लिए किश्तों में रकम अदायगी की सुविधा भी दी जाएगी।

वर्ष 2015 में 1.50 करोड़ नए गैस कनेक्शन दिए गए हैं। 50 लाख कनेक्शन बीपीएल परिवारों को दिए गए हैं। देश के इतिहास में पहली बार इतने अधिक कनेक्शन दिए गए हैं। अगले तीन वर्षों में 10 करोड़ नए गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है। इनमें से आधे अर्थात 5 करोड़ कनेक्शन बीपीएल परिवारों को दिए जाएंगे। ग्रामीण इलाकों में 10,000 नए एलपीजी वितरक नियुक्त किए जाएंगे, जिससे इन इलाकों में रोजगार का सृजन होगा। राष्ट्रीय औसत से कम वाले 14 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों पर अधिक ध्यान दिया जाएगा।

विशेष प्रतिनिधि

Next Post
हिंदू अध्यात्म एवं सेवा -मई २०१६

हिंदू अध्यात्म एवं सेवा -मई २०१६

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण

© 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

0