देवभूमि उत्तराखंड में संघ विस्तार

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना 1925 में हुई। गत  नौ दशकों में संघ का कार्य भारत के साथ विश्व के सभी देशों तक अपना विस्तार कर चुका हैं। इनमे राष्ट्र कार्य से लेकर सेवा कार्यों तक के विभिन्न आयाम सक्रीय है। उत्तराखंड राज्य में 1940 से लेकर सात दशकों में संघ ने अपने विभिन्न आयामों के साथ राज्य के सर्व स्तरीय विकास में अपना योगदान दिया है।

समाज बंधुओं के लिए सदैव तत्पर रहूंगा– आर. एन. सिंह

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अपने परिवार और गांव को छोड़कर मुंबई आने वाले लोगों में अधिकांश लोग उत्तर प्रदेश के ही हैं। मुंबई की चमक-दमक, यहां मिलने वाली सुविधाएं और आजीविका के साधनों से आकर्षित होकर कई लोग अपनी किस्मत आजमाने यहां आते हैं। कुछ लोगों के सपने साकार होते हैं, कुछ लोगों के नहीं, परन्तु कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जिनके सपने स्वयं के साथ-साथ समाज कल्याण से भी जुड़े होते हैं। ऐसी ही एक सख्सियत हैं आर.एन. सिंह। सुरक्षा से सम्बन्धित व्यवसाय करने वाले आर.एन. सिंह सामाजिक और लोक-कल्याण के कार्यों के लिए अधिक प्रसिद्ध हैं। प्रस्तुत है इसी सन्दर्भ में उनसे हुई बातचीत के प्रमुख अंश-

जैन धर्म के लिए परम पवित्र है अयोध्या

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अयोध्या श्रीराम जन्मभूमि भूमिपूजन के शुभ अवसर पर करोड़ों हिंदुओं के साथ जैन धर्म बंधुओं ने भी दिल खोलकर अपनी खुशी का इजहार किया। प्रभु रामचंद्र जी और अयोध्या धाम से जैन धर्म का भी पुराना नाता रहा है। जैन धर्म के लिए अयोध्या धाम एक परम पवित्र तीर्थ स्थल है।

सीएए विरोध की वास्तविकता?

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भारत के अलावा दुनिया में कौन सा देश ऐसा है जो इन्हें शरण देगा? मुसलमानों के लिए तो घोषित रूप से दुनिया में 50 से अधिक देश है, जहाँ उन्हें शरण मिल जाएगी। लेकिन इन हिन्दू, सिख, बौद्ध, और जैनों के लिए तो एकमात्र भारत ही आखिरी उम्मीद है।

प्रकृति की रक्षा हमारी सुरक्षा

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यदि हम प्रकृति (पर्यावरण) की रक्षा करेंगे तो प्रकृति भी हमारी रक्षा करेगी। धर्मों रक्षति रक्षित: अर्थात पर्यावरण प्रकृति की रक्षा ही हमारा धर्म है।

तपस्या से समर्पण की ओर

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बिना किसी आधार या सहायता के सामाजिक समस्याओं से सरोकार एवं उनके निवारण के लिये कार्य करने वाली संस्थाओं एवं उनके कार्यकर्ताओं की जानकारी देनेवाली मालिका याने “तपस्या”। जिनके पास न पैसा है न ही नाम  परंतु समाज के लिये कुछ अच्छा कार्य कर रहे हैं, ऐसी संस्थाओं को समाज के सामने लाकर लोगों तक उनकी जानकारी पहुंचाना याने “तपस्या”।

प्राणिमात्र की सेवा

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बढ़ते तापमान, सिमटते जंगलों, सूखते जल स्रोतों तथा बढ़ते शहरीकरण के कारण आज असंख्य पक्षी आवासविहीन हो गए हैं। यहां तक कि उन्हें पेयजल भी नहीं मिल पाता, जिस कारण आकाश में उड़ते हुए पक्षी बेहोश होकर जमीन पर गिर पडते हैं। ऐसी स्थिति में पक्षियों को पेयजल उपलब्ध कराने हेतु राजस्थान में ‘अपना संस्थान’ के माध्यम से अनेक गांवों एवं शहरों में प्रेरक प्रयास हुए हैं।

भारतमाला परियोजना ‘न्यू इंडिया’ की दिशा में बढ़ते कदम

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भारतमाला परियोजना के अंतर्गत देश भर में अनेक नई सड़कों का जाल बिछाने की योजना है। पहले चरण में कोई 24,800 कि.मी. सड़कों के निर्माण का कार्य चल रहा है। किसी राष्ट्र का विकास उसके परिवहन नेटवर्क और उसके रखरखाव के तौर-तरीकों पर निर्भर करता है। यही बात भारत जैसे…

पी ले रे तू ओ मतवाला…

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१९३२ में 'मोहब्बत के आंसू' से अपना फ़िल्मी कैरियर शुरू करने वाले सहगल साहब को बड़ी पहचान मिली १९३५ में देवदास से. शरत बाबू के उपन्यास पर बनी यह फिल्म कुंदनजी की पहली बड़ी सुपरहिट फिल्म थी. फिर तो अगले ग्यारह साल के सुपरस्टार थे, सहगल बाबू. वैसे १९३४ में ही 'पूरन भगत' और चंडीदास' से ही लोगों को लग गया था कि बन्दे में पोटेंशियल है

भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड की मिटींग में मुख्य मंत्री आदीत्यनाथ योगी

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मुख्य मंत्री आदीत्यनाथ योगी

रा.स्व.संघ प्रतिनिधि सभा का प्रस्ताव भारतीय भाषाओं के संरक्षण एवं संवर्द्धन की आवश्यकता

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अ. भा. प्रतिनिधि सभा बहुविध ज्ञान को अर्जित करने हेतु विश्व की विभिन्न भाषाओं को सीखने की समर्थक है। लेकिन, प्रतिनिधि सभा भारत जैसे बहुभाषी देश में हमारी संस्कृति की संवाहिका, सभी भाषाओं के संरक्षण एवं संवर्द्धन को परम आवश्यक मानती है।

इस्लामी धर्मग्रंथों की जानकारी

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डॉ. प्रमोद पाठक की हाल में प्रकाशित मराठी किताब ‘इस्लामी धर्मग्रंथांची ओळख’ (इस्लामी धर्मग्रंथों का परिचय) इस्लामी धर्मग्रंथों की जानकारी पाने के लिए उपयोगी प्रतीत होती है। इसमें आरंभ में ही पवित्र कुरान और हदीस (मुहम्मद पैगंबर की जीवनकथा और उनकी यादों का संकलन) में समाहित विविध विषयों का विस्तार से विवेचन, स्पष्टीकरण

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