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सोशल मीडिया का मसखरा मिजाज

सोशल मीडिया का मसखरा मिजाज

by निहारिका पोल
in जनवरी २०१७, सामाजिक
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जबसे यह व्हाट्सएप आया है, दुनिया में होने वाली हर घटना       पर कोई ना कोई विनोद, कोई ना कोई जोक सामने आता ही है| वैसे तो दुनिया में कितनी भी बड़ी घटना क्यूं ना हो जाए, कुछ खुशमिजाज लोग हर हाल में ही खुश रहते हैं, और अपने तरह-तरह के जोक्स से दुनिया को भी खुश रखने का काम करते हैं| लेकिन कई बार घटनाएं इतनी अलग और बड़ी होती हैं, कि उन पर आए ये जोक्स पढ़ कर हम हंसे या रोएं यह समझ ही नहीं आता| इसी तरह की कुछ घटनाएं पिछले कई दिनों में हुई हैं, फिर चाहे वह सर्जिकल स्ट्राइक हो, नोटबंदी का फैसला हो या तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता की मृत्यु| इन सभी घटनाओं पर आने वाले मैसेजेस, जोक्स काफी कुछ बयां कर जाते हैं|

 सर्जिकल स्ट्राइक

भारत और पाकिस्तान के संबंध शुरू से ही मैत्रीपूर्ण नहीं थे, लेकिन भारत ने हमेशा मैत्री का हाथ आगे बढ़ाया है| इसी बात का गलत फायदा उठा कर पाकिस्तान ने हमें ऊरी और पठानकोट जैसी घटनाएं भेंट दीं| लेकिन भारत ने भी इस बात का करारा जवाब देते हुए पाकव्याप्त कश्मीर में घुस कर सर्जिकल स्ट्राइक की| दुश्मन के छक्के छुड़ा दिए| जैसे ही ये खबर सामने आई प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ५६ इंच के सीने के अनेक फोटो और पाकिस्तान का मजाक उड़ाने वाले अनेक मैसेजेस सामने आए| देश के लिए यह एक महत्वपूर्ण और गर्व की घटना थी ही| लेकिन देशवासियों ने भी पाकिस्तान का मजाक उड़ाते हुए इस घटना को जोरशोर से मनाया|

सन्नी देओल: भाई तू पहले हैंडपंप तो वापस ले के दिखा फिर कश्मीर की बात करते हैं| (संदर्भ : गदर : एक प्रेम कहानी सिनेमा)

अटल बिहारी वाजपेयी: दूध मांगोगे तो खीर देंगे, कश्मीर मांगोगे तो चीर देंगे|

नरेंद्र मोदी: अब तो न दूध देंगे न खीर देंगे कश्मीर मांगोगे, लाहौर भी छीन लेंगें|

पत्नी अपने पति से: अजी बाजार से जरा आलू मटर याद से ले आइएगा, नहीं तो घर आकर आपकी सर्जिकल स्ट्राइक हो जाएगी|

इन सभी जोक्स की संख्या तो तब और बढ़ गई जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सर्जिकल स्ट्राइक के अस्तित्व पर संदेह किया| सर्जिकल स्ट्राइक होने के सबूत मांगे| वैसे तो भारतवासी किसी भी पार्टी को कभी भी देश से बढ़ कर समझते ही नहीं, लेकिन जहां बात कश्मीर और पाकिस्तान की आती है, वहां तो देश की सारी पार्टियां भी एक हो जाती हैं| लेकिन अरविंद केजरीवाल ने यह प्रश्न उपस्थित करते ही, सोशल मीडिया पर उनका भी मजाक बन गया|

      उदा: १. अब तो मोदी क्या सर्जिकल स्ट्राइक में मारा गया पाकिस्तानी सैनिक भी कब्र से उठ कर बता देगा| हां भाई हमें मोदी के जवानों ने ही  मारा है|

      २. सर्जिकल स्ट्राइक पर राजनीतिक पार्टियां यह कह कर राजनीति कर रहीं हैं कि सर्जिकल स्ट्राइक पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए|

      ३. केजरीवाल जी किसी भी वक्त कह सकते हैं, मेरी पत्रकार वार्ता से ध्यान हटाने के लिए मोदी जी ने सर्जिकल स्ट्राइक कर दी|

इन सभी तरह के मैसेजेस ने उन कुछ दिनों के लिए सोशल मीडिया को हिला कर रख दिया था| लेकिन इससे यह एक बात भी साफ हो गई की देशवासी बहुत की कल्पनाशील और रचनात्मक है| घटना हुए १ घंटा नहीं हुआ कि सोशल मीडिया पर मैसेजेस आना शुरू हो जाते हैं| इससे यह एक बात भी सिद्ध होती है, की देश की महत्वपूर्ण घटनाओं में आम आदमी भी पूरी तरह से सहभागी होता है|

 नोटबंदी का फैसला

देश की जनता की रचनात्मकता सब से अधिक तब देखने को मिली जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने ८ नवम्बर २०१६ को ५०० और १ हजार के नोट बंद कर दिए| यह घोषणा रात को ८ बजे की गई लेकिन कुछ रचनात्मक भारतवासियों ने एक घंटे से भी कम समय में नोटबंदी पर बने जोक, फोटोज, इमेजेज और काफी कुछ सोशल मीडिया पर डाल कर सोशल मीडिया पर सुनामी ले आए| देश के लिए यह एक बहुत ऐतिहासिक निर्णय था| साथ ही यह निर्णय प्रधान मंत्री मोदी ने लिया था इस कारण विरोधियों ने भी इस निर्णय का भरसक विरोध किया| लेकिन जनता जनार्दन तो फेसबुक और व्हॉट्सएप के मैसेजेस में ही खुश थी|

      उदा : १. कंप्यूटर भी फॉरमेट करो तो २-३ घंटे लगते हैं, यहां तो पूरा देश फॉरमेट हो रहा है वायरस तो बिलबिलाएंगे ही भाई|

      २. जनता दंगे और नेता शांति की अपील कर रहे हैं, ऐसी परिस्थिति तो कई बार देखी है, लेकिन जनता शांति बनाए रखे और नेता दंगों की अपेक्षा करें यह तो पहली बार हुआ है|

      ३. दो दिन से मानो ऐसा लग रहा है, इंडियन करंसी ले कर मैं फॉरेन घूम रहा हूं|

      ४. २ हजार की नोट पर चिप लगी होने की अफवाह पर: हा भाई चिप लगी है, और अगर भ्रष्टाचार करो तो यह सब देख लेती है, और अगर आप तब भी ना डरो तो गांधी जी खुद बाहर आकर थप्पड़ लगाते हैं, दूसरा गाल आगे करना मत भूलना|

      ५. लड़की की शादी तय हो गई है, दहेज में लड़के वाले ५ बैंक अकाउंट ० बैलेंस वाले मांग रहे हैं|

      ६. अब तो मेरे प्यारे देश वासियों यह अलार्म लगा कर ही सोता हूं, मां कसम एक बार में नींद खुल जाती है|

इस तरह के अनेक फनी जोक्स ने पिछले लगभग १ महीने से सोशल मीडिया को भर के रखा है| देश के इस ऐतिहासिक फैसले पर मजाक बन रहा है ऐसी बात नहीं लेकिन सामान्य लोग एक मजाकिया तरीके से अपनी भावनाएं एक दूसरे के साथ बांट रहे हैं| आखिरकार यह फैसला सामान्य जनता के लिए है, और इस बारे में उसे क्या लगता है, और वह कैसे बताना है यह निश्चित करने का उन्हें पूरा अधिकार है|

 तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता की मृत्यु:

पिछले कुछ दिनों में सब से अधिक दु:खद घटना कोई हुई है तो वह है तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता की मृत्यु| लगभग ७६ दिनों तक अपोलो अस्पताल में रहने के पश्चात आखिर ५ दिसम्बर २०१६ को उन्होंने आखिरी सांस ली| हालांकि यह एक अत्यंत दु:खद घटना थी| लेकिन फिर भी उनकी मृत्यु पश्चात सोशल मीडिया पर कई तरह के जोक्स भी चले, जो कि अत्यंत गलत था| देश ने एक अमूल्य हीरा खोया था ऐसी स्थिति में इस तरह के मसखरे मैसेजेस यानी लोगों की भावनाओं से खेलना हुआ| यह बहुत ही गलत था| साथ ही बीबीसी के साथ की एक बातचीत में अम्मा ने जिस तरह से पत्रकार को जवाब दिया, जिस तरह से वह कठोर रहीं उस पर भी अनेक मैसेजेस आए| कुछ मैसेजेस उनकी तारीफ करने वाले थे, जिनमें बुराई नहीं| लेकिन ऐसी परिस्थिति में मसखरे मैसेज फेसबुक और व्हॉट्सएप पर डालना निश्चित ही गलत है|

ये घटनाएं तो केवल उदाहरण मात्र थीं| ऐसी कई घटनाएं पिछले तीन-चार सालों में हुई हैं, जिनका असर फेसबुस, ट्विटर और व्हॉट्सएप जैसे सोशल मीडिया के मंच पर देखा जा सकता है| फिर वह ‘असहिष्णुता’ का मुद्दा हो, दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सत्ता या आप का उद्गम हो, पाकिस्तानी कलाकारों का भारतीय सिनेमा में काम करने को लेकर उठा विवाद हो, या सबसे बड़ी घटना याने की २०१४ में भारत में हुआ सत्ता परिवर्तन हो| देश की जनता नें हमेशा ही देश की बड़ी घटनाओं में सहभाग लिया है| और अपने तरीके से अपनी भावनाओं को दुनिया के सामने रखा है| शायद मुश्किल भाषा में समझाने पर घटना क्या है, और उसका महत्व क्या है यह समझ ना आए, लेकिन सरल, सीधी और मसखरी भाषा में यदि समझाया जाए तो जनता का सहभाग इन घटनाओं में और अधिक रहेगा, इसमें कोई दोमत नहीं|

 

निहारिका पोल

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