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समाज सेवा को १०० साल से समर्पित संस्था  बान्द्रा हिंदू असोसिएशन

समाज सेवा को १०० साल से समर्पित संस्था बान्द्रा हिंदू असोसिएशन

by मिलिंद खैरे
in मार्च २०१८, सामाजिक
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बान्द्रा हिन्दू असोसिएशन आज मुंबई की सर्वोच्च सेवा संस्था के रूप में प्रतिष्ठा प्राप्त कर रही है| इसके सचिव श्री अजित मन्याल के नेतृत्व में यह संस्था बहुमुखी सेवा कार्य की ओर सतत् अग्रसर है| संस्था अगली १९ अप्रैल को अपनी स्थापना और जनसेवा कार्यों के १०० वर्ष पूरे कर रही है| शुभ शताब्दी!

भारत वर्ष में स्वतंत्रता प्राप्त होने के पहले से ही अनेक स्वयंसेवी संस्थाएं समाज सेवा का व्रत लेकर नि:स्वार्थ भाव से कार्य कर रही हैं| इनमें बहुत सारी ऐसी संस्थाएं हैं जो किसी राजनीतिक दल से नहीं जुड़ीं और न किसी प्रकार की सरकारी सहायता ही प्राप्त करती हैं| समाज के सक्षम और दानशील व्यक्तियों से सहायता लेकर समाज के ही निर्बल और जरूरतमंद लोगों की सहायता करना इन संस्थाओं का ध्येय है| ऐसी ही संस्था मुंबई के बान्द्रा में विगत् दस दशकों से कार्य कर रही है| इस संस्था को ‘बान्द्रा हिंदू असोसिएशन’ नाम से ख्याति प्राप्त है|

देश के बहुमुखी विकास और चतुर्दिक उन्नति में जितना योगदान उद्योग जगत, राजनैतिक क्षेत्र और प्रशासन का होता है, उतना ही महत्वपूर्ण सहयोग स्वयंसेवी संगठनों का भी होता है| अनेक संगठन ऐसे भी हैं जो केंद्र और राज्य सरकारों से भी एक कदम आगे बढ़ कर गरीबों, वंचितों और ग्रामीण-वनवासी लोगों की सेवा कर रहे हैं| बान्द्रा हिंदू असोसिएशन इसी कोटि की संस्था है|

बान्द्रा हिंदू असोसिएशन मुंबई का एक जागरूक, सक्रिय और निरंतर प्रयत्नशील संगठन है| इसकी स्थापना मुंबई के दूरदर्शी नागरिकों द्वारा दि. १९ अप्रैल, सन् १९१८ ई. को की गई| असोसिएशन के कार्यालय के लिए उस समय बान्द्रा के ही निवासी उदारमना डॉ. वी. रघुनाथ ने अपनी बहुमूल्य भूमि दान में दे दी| उसी जगह पर आज बान्द्रा असोसिएशन का भव्य तीन मंजली भवन निर्मित है|

बान्द्रा हिन्दू असोसिएशन के सभी पदाधिकारी तथा सदस्य-कार्यकर्ता निस्वार्थ भाव से कार्य करने वाले राष्ट्रवादी विचार के अनुयायी हैं| वे दीन-हीन की सेवा करते हुए भारत माता की सेवा का भाव धारण किए रहते हैं|

 प्रशंसनीय सेवा कार्य

डॉ. केशव बलीराम हेडगेवार द्वारा दिया गया महामंत्र- ‘‘देश के लिए जियो’’ और स्वामी विवेकानंद द्वारा दिखाया मार्ग-‘‘नर सेवा, नारायण सेवा’’ को असोसिएशन ने अपना मूलमंत्र स्वीकार करते हुए कार्य शुरू किया और नए-नए उपक्रमों, विविध कार्यक्रमों और अनवरत् चलने वाले सेवा कार्यों की लम्बी शृ्रंखला तैयार की है| इसका सेवा कार्य अविरत चलता ही रहता है|

अपने यहां मान्यता है कि हर दिन पर्व होता है| इसी प्रकार बान्द्रा हिन्दू असोसिएशन का हर दिन किसी न किसी कार्य की शुरूआत का दिन होता है| प्रत्येक सेवा कार्य पूरी तैयारी और लगन से किया जाता है, इसलिए उस कार्य का सुफल भी सुखदायक होता है| विगत् दो दशकों से संस्था ने अनेक ऐसे कार्य किए हैं, जिससे इसकी चर्चा पूरे महानगर में हुई|

बान्द्रा हिन्दू असोसिएशन द्वारा समय-समय पर रक्तदान शिविर, स्वच्छता अभियान, व्यसन मुक्ति आंदोलन, विद्यार्थी मार्गदर्शन शिविर, सामाजिक कार्यकर्ता प्रशिक्षण वर्ग, महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा सत्र, राष्ट्रीय मुद्दों पर चिंतन बैठक, भारत माता पूजन कार्यक्रम, प्रबोधन वर्ग, सहचिंतन वर्ग, सहभोजन व्यवस्था, योगासन प्रशिक्षण शिविर, व्यक्तित्व विकास शिविर, कला प्रशिक्षण, उद्यम स्थापना प्रशिक्षण, कमांडो प्रशिक्षण, रंगोली सजावट प्रशिक्षण शिविर, ज्योतिष शास्त्र का वैज्ञानिक प्रशिक्षण शिविर, कम्प्यूटर प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जाता रहता है, जिसमें हर वर्ग, हर समुदाय और हर क्षेत्र के अभ्यर्थी भाग लेते हैं|

संस्था द्वारा आर्थिक रूप से निर्बल और मध्यम वर्गीय समाज हेतु पूर्व प्राथमिक, प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय का संचालन किया जाता है| इन विद्यालयों में बहुत कम शुल्क लिया जाता है| इन विद्यालयों में लगभग चार सौ विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त करने के साथ ही देशभक्ति और समाज नेतृत्व, समाज सेवा का प्रशिक्षण भी प्राप्त करते हैं| ये सभी विद्यालय किसी प्रकार की सरकारी सहायता प्राप्त किए बिना ही चलाए जा रहे हैं|

बान्द्रा हिन्दू असोसिएशन अपनी स्थापना के समय से ही अद्वितीय समाज सेवा कार्य के लिए ख्याति प्राप्त है| स्वतंत्रता से पूर्व सन् १९१९ ई. में जब मुंबई में इन्फ्लुएंजा का प्रकोप फैला था और जिसमें हजारों लोगें की जान गई थी, तब इस संस्था द्वारा भोजन, दवाइयां, गर्म कपड़े बड़ी मात्रा में वितरित किए गए थे| इसी तरह सन् १९२३ ई. में चिकित्सा प्रदाता संस्थानों के माध्यम से बैग, बिस्तर, बर्तन, थर्मामीटर, स्ट्रेचर, व्हीलचेअर इत्यादि दान दिए थे| प्रथम महायुद्ध के उपरांत जब देश में उपभोक्ता वस्तुओं का सर्वथा अभाव हो गया था, तब बान्द्रा हिन्दू असोसिएशन ने सस्ते दर की दुकान खोल कर नागरिकों को भोजन सामग्री-दाल, चावल, गुड़, तेल, गेहूं, ज्वार सस्ते मूल्य पर उपलब्ध कराया था| महायुद्ध के दौरान संस्था ने प्राथमिक उपचार केन्द्र खोले थे, जिसमें घरेलू महिलाओं को मरीजों और घायलों की सेवा-सुश्रुषा के लिए प्रेरित किया था| यह वह समय था जब महिलाएं घर के बाहर कार्य करने हेतु निकलती तक नहीं थीं| सुनामी, गुजरात और महाराष्ट्र के भूकम्प, मुंबई में भीषण बाढ़, बिहार में कोशी नदी की बाढ़ इत्यादि प्राकृतिक आपदा के समय बान्द्रा हिन्दू असोसिएशन ने अग्रपंक्ति में रह कर सहायता और सेवा कार्य किया|

 सामाजिक नेतृत्व

सेवा कार्यों के साथ ही बान्द्रा हिन्दू असोसिएशन द्वारा समाज के विभिन्न वर्गों का अनेक उपक्रमों, आंदोलनों तथा कार्यक्रमों में नेतृत्व व मार्गदर्शन भी किया जाता रहा है| ऐतिहासिक ‘एकात्मता यात्रा’, ‘विश्वमंगल गो-ग्राम यात्रा’, ‘सिन्धु दर्शन- लेह-लद्दाख यात्रा’, ‘अमरनाथ यात्रा’ इत्यादि के माध्यम से असोसिएशन ने नागरिकों में विश्व बंधुत्व और एकात्मता का भाव जगाया|

संस्था द्वारा ‘राष्ट्रहित सर्वोपरि’ का भाव नागरिकों में जगाने हेतु सभी पंथों, सम्प्रदायों, धार्मिक आस्थाओं एवं मतावलम्बियों में सर्व धर्म समभाव के दृष्टिकोण ‘सर्व धर्म प्रार्थना सभा’ का आयोजन नियमित रूप से किया जाता है| असोसिएशन के भवन में विभिन्न संगठनों विशेषकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ी संस्थाओं की बैठकें, उत्सव, कार्यक्रम, शिविर हमेशा आयोजित होते रहते हैं|

किसी भी राजनीतिक दल से जुड़ी न होने वाली यह संस्था सभी राजनैतिक दलों के साथ सामाजिक कार्यों को पूरा करती है| समाज की सेवा ही ध्येय मान कर चलने वाले कार्यकर्ता बिना किसी भेदभाव के निष्ठापूर्वक सेवा कार्य करते हैं|

  समाज के हर वर्ग का सहयोग

बान्द्रा हिन्दू असोसिएशन मुंबई की एक प्रसिद्ध संस्था है| अपने लगभग सौ वर्ष लम्बे कालखण्ड में इसने अनेक प्रसिद्ध व ऐतिहासिक महत्व के गुणी लोगों का नेतृत्व प्राप्त किया है| इसके भवन में देश-विदेश से अनेक गणमान्य, संघ के प्रचारक-पदाधिकारी, विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी, राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय ख्याति के साधु-संत-महात्मा-आध्यात्मिक गुरु, कलाकार, समाजसेवक आदि ने समय-समय पर अपनी उपस्थिति से उपकृत किया है| सब ने संस्था के कार्यों और क्रियाशीलता की मुक्त कंठ से प्रशंसा की है|

इस संस्था को ज्येष्ठ नागरिकों, व्यवसायियों, उद्यमियों, विद्वानों, श्रेष्ठ कलाकारों, अध्यापकों, अधिवक्ताओं, विद्यार्थियों, गृहणियों, नौकरीपेशा लोगों, बच्चों और उनके अभिभावकों का सदैव सहयोग मिलता रहता है| समाज के प्रति उत्तरदायी इस संस्था को समय-समय पर समाज का प्रत्येक वर्ग मदद करता रहता है|

 सब की सहयोगी संस्था

यह बात जरूर है कि इसका नाम एक हिन्दू संस्था के रूप में है, किन्तु संस्था के कार्यों में किसी प्रकार का पांथिक या जातिगत भेदभाव नहीं होता| भारतीय संविधान की मूल भावना के अनुरूप समस्त मानव जाति के कल्याण के लिए यह संस्था कार्य करती है| संस्था द्वारा संचालित विद्यालयों में सभी धर्मों के विद्यार्थी अध्ययन करते हैं| मार्गदर्शन और प्रशिक्षण शिविरों में सभी वर्गों के प्रशिक्षार्थी भाग लेते हैं| आवश्यक वस्तुओं और दवाइयों-वस्त्रों इत्यादि के वितरण के समय संस्था द्वारा किसी के प्रति कोई भेद नहीं किया जाता| संस्था के इस कार्य की महानगर की सभी संस्थाओं ने प्रशंसा की है|

बांद्रा हिन्दू असोसिएशन की सहायता से महाराष्ट्र के ग्रामीण भागो में सेवाभावी उपक्रम भी चलते हैं | रायगढ़ जिले के पनवेल तालुका के कोपरोली गांव में ५० कर्णबधिर और मंतिमंद बच्चों के विद्यालय को सुचारु रूप से चलाने हेतु वर्षभर सभी प्रकार की सहायता करते हैं| इसी प्रकार रायगढ़ जिले की ही पेण तहसील में वनवासी युवक और युवतियों को मोटार वाहन प्रशिक्षण उपक्रम दिया जा रहा है|

ये सभी उपक्रम बांद्रा हिन्दू असोसिएशन के मा. विश्वस्त-  श्री. हसानंद सचदेव, श्री. बी. एल. गंगवानी तथा अध्यक्ष – श्री. अजित मन्याल, चेयरमैन – श्री. महेश तेजवानी, जॉईंट सेक्रेटरी – ऍड. यतीन शहा, श्री. ए. जी. पाठक, कोषाध्यक्ष – मोहन मोटवानी और उनके सभी सहयोगियों की सहायता से बांद्रा हिन्दू असोसिएशन आगामी शतकपूर्ति वर्ष में विविध उपक्रमों का आयोजन करनेवाला है|

 सांताक्रुज शाखा

सन् १९८० ई. से ‘ट्रस्ट एक्ट-१९८०’ के अंतर्गत पंजीकृत इस संस्था की एक शाखा सांताक्रुज में वाकोला गांव रोड पर कदमवाड़ी में भी है, जहां अनेक कल्याणकारी कार्य सम्पन्न किए जाते हैं| एक गैर सरकारी संगठन के रूप में एम्बूलेंस सेवा, फिजियोथेरपी, कलर थेरपी, महिलाओं के लिए व्यावसायिक पाठ्यक्रम चलाए जाते हैं|

बान्द्रा हिन्दू असोसिएशन आज मुंबई की सर्वोच्च सेवा संस्था के रूप में प्रतिष्ठा प्राप्त कर रही है| इसके सचिव श्री अजित मन्याल के नेतृत्व में यह संस्था बहुमुखी सेवा कार्य की ओर सतत् अग्रसर है|

 

 

मिलिंद खैरे

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