सेवा की नई दिशा देता ‘वयम्’ आंदोलन

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‘वयम्’ यानी स्वयं के विकास का आंदोलन| यह पौधा सन २००८ में मिलिंद थत्ते, दीपाली गोगटे और उनके कुछ मित्रों ने लगाया| गांवों में इस आंदोलन ने सेवा की नई दिशा दी है| बच्चे और बालिग दोनों स्वयं सेवा का आदर्श अपना रहे हैं|

अध्यात्म और सेवा का अद्भुत संगम क्रियायोग फाउंडेशन

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गीता के क्रियायोग को जनता तक पहुंचाने का कार्य पिछले ५० वर्षों से सद्गुरु मंगेशदा क्रियायोग फाउंडेशन निरंतर कर रहा है। मानवी मन के इस तरह उपचार के साथ समाज के दीनदुखियों की सेवा का कार्य भी चल रहा है। इस तरह मन और शरीर दोनों की सेवा का अद्भुत कार्य फाउंडेशन कर रहा है। उसके कार्यों के बारे में पल्लवी अनवेकर से हुई बातचीत के महत्वपूर्ण अंश प्रस्तुत है।

होली और चैत्र नववर्ष

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होली रंगों और भाईचारे का त्योहार है| इसी समय चैत्र नवरात्र भी आती है, जो हिंदू नव वर्ष का आरंभ है| उसका अपना धार्मिक महत्व है|

व्हाट्सएप

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जान कॉप और ब्रायन एक्टन इन दो मित्रों ने २००९ में व्हाट्सएप का निर्माण किया| ‘याहू’ कम्पनी की नौकरी छोड़ कर इन दोनों ने ‘फेसबुक’ में नौकरी हेतु आवेदन किया जो स्वीकार नहीं हुआ| नौकरी से मुक्त होने के कारण मुक्त विचारों के लिए आसमान खुला हो गया| ‘एपल’ कम्पनी नई-नई कल्पनाओं के साथ नए सॉफ्टवेयर एप बनाने वालों को प्रोत्साहन दे रही थी एवं इस कारण भविष्य में नए एप्स के लिए अच्छा बाजार मिलने की संभावना थी|

सेवा का संस्कार ही आमटे परिवार की थाती – अनिकेत आमटे

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सेवाव्रती बाबा आमटे से मिले समाज सेवा के व्रत के उनके पुत्रों प्रकाश और विकास ने तो सम्हाला ही, अब पौत्र  अनिकेत आमटे के रूप में तीसरी पीढ़ी सेवा के क्षेत्र में उतर गई हैं| समय के साथ सेवा के क्षेत्र बदले हैं और उनमें आधुनिकता के साथ गति भी आ गई है| वे अब हेमलकसा के पास के गांवों में शिक्षा, पर्यावरण रक्षा, जल संचयन आदि में जुटे हुए हैं| इस सम्बंध में श्री अनिकेत आमटे से हुई प्रदीर्घ बातचीत के कुछ महत्वपूर्ण अंश पेश हैं-

अवांछित एनजीओ और सरकारी सख्ती

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अगर इन चारों की विवेचना करें तो तीनों सजीव सेवा क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं| पर पुरनियों ने तीनों से ही संभल कर रहने की बात कही है| अर्थात् जीव सेवा के साथ ही साथ उन संक्रमणों से भी बचने की बात पर जोर दिया गया है जो समाज के मेरुदंड को तहस-नहस कर सकते हैं| दुनिया भर के धर्मशास्त्र व ऐतिहासिक तथा साहित्यिक रचनाकर्म बताते हैं कि मानव सेवा की परंपरा की ही तरह उसके नाम पर की जाने वाली धोखाधड़ी का इतिहास भी लगभग उतना ही पुरातन है|

सेवा का गोरखधंधा और मोदी सरकार की नकेल

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मोदी सरकार ने अवांछित कार्य में लगे स्वैच्छिक संगठनों (एनजीओ) और विदेश धन पाकर अपना उल्लू सीधा करने वालों के खिलाफ शिकंजा कसा है| कई अच्छे स्वैच्छिक संगठन हैं, जो जन-जन की सेवा में लगे हुए हैं और उन्हें प्रोत्साहन देने की जरूरत है| लेकिन, गलत काम करने वालों को कड़ाई से रोकना भी आवश्यक है|

समाज सेवा को १०० साल से समर्पित संस्था बान्द्रा हिंदू असोसिएशन

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बान्द्रा हिन्दू असोसिएशन आज मुंबई की सर्वोच्च सेवा संस्था के रूप में प्रतिष्ठा प्राप्त कर रही है| इसके सचिव श्री अजित मन्याल के नेतृत्व में यह संस्था बहुमुखी सेवा कार्य की ओर सतत् अग्रसर है| संस्था अगली १९ अप्रैल को अपनी स्थापना और जनसेवा कार्यों के १०० वर्ष पूरे कर रही है| शुभ शताब्दी!

सेवा अध्यात्म की फलश्रुति

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जब अंतःकरण की सभी वृत्तियां शुभ कार्य में लगती हैं, तो वे सेवा के रूप में प्रकट होती हैं| भारतीय मनीषा की सभी चराचर के प्रति यही भावना रही है, अध्यात्म की वास्तविक फलश्रुति भी यही है|

सेवा, भारतीय जीवन पद्धति का मूल आधार

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सेवा कार्य महान कार्य है जिसके माध्यम से जीवन का स्तर तो उन्नत होता ही है, सेवाव्र्रती का जीवन धन्य होता है तथा वह जीवन की सर्वोत्तम सफलता के उच्चतर शिखर को छू लेता है| भारतीय जीवन पद्धति का अनादि काल से आधार सेवा ही रहा है|

अगर जंग लाजिमी है तो जंग ही सही

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दोनों देशों के बीच बाकायदा औपचारिक राजनयिक सम्बंध होने के बावजूद पाकिस्तान जिस तरह सीमा रेखा पर लगातार तनाव बनाए रखना चाहता है उससे यह साबित होता है कि उसकी नीयत भारत को लगातार परेशान करने की है और उसी दहशतगर्दी को पनाह देने की राह पर चलने की है जिसे पूर्व फौजी हुक्मरान जनरल जियाउलहक ने ईजाद किया था कि भारत को हजार जख्म दो|

होली में होला

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शिव बूटी ने इतनी मेहरबानियां कर दीं कि होली का होला हो गया| पत्नी ने भंगेड़ी का खिताब दिया सो अलग| अब क्या था, मौन की मच्छरदानी ताने अगली होली की प्रतीक्षा में जुट गए|

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