मोदी के साहसिक फैसले

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय राजनीति के महानायक के रूप में उभरे हैं। उन्होंने एक के बाद एक जिस तरह के साहसिक फैसलें किए उससे उनका कद और ऊंचा हो गया।

मौजूदा राजनीति में नरेन्द्र मोदी एक महानायक बन गए हैं जो एक के बाद दूसरे राज्य में सुपर-डुपर हिट विजय पताका फ़हरा रहे हैं। देश की राजनीति में भाजपा कई दशक तक विपक्ष की भूमिका में रही है। लेकिन वर्तमान दौर भाजपा का स्वर्णयुग कहा जा सकता है। यूं कहें तो नरेन्द्र मोदी अजेय हैं, जिनके टक्कर का दूसरा नेता कोई है ही नहीं। भाजपा को 2014 में नरेंद्र मोदी के रूप में करिश्माई नेता मिला। ’मोदी लहर’ के सहारे ही भाजपा बहुमत के साथ देश की सत्ता में वापसी कर पाई और फिर एक के बाद एक राज्यों में विजय पताका फहराती जा रही है। देश ही नहीं विदेश में भी मोदी के नाम का डंका बज रहा है और नरेंद्र मोदी एक बड़े ब्रांड बनकर उभरे हैं। इस ब्रांड की बदौलत ही भाजपा ने देश के 70 फीसदी हिस्से में भगवा रंग चढ़ा दिया है।

इस्लामिक रीति-रिवाज में तीन तलाक के जरिए कोई भी मुस्लिम शख्स अपनी पत्नी से छुटकारा पा सकता है। आम तौर पर यह देखा जाता रहा है कि तीन तलाक के कारण मुस्लिम औरतें भय के साए में जीती रही हैं। इस संबंध में मुस्लिम महिलाओं की तरफ से यह आवाज उठती थी कि इसे समाप्त कर या संशोधित कर महिलाओं को उस दहशत से दूर किया जाए। इस संबंध में मुस्लिम समुदाय की महिलाओं की अपील पर केंद्र सरकार ने अपनी राय रखी। केंद्र सरकार की तरफ से यह दलील दी गई कि आधुनिक भारत में किसी ऐसे व्यवस्था की कल्पना नहीं की जा सकती है जो किसी समुदाय की आधी आबादी को डर के साए में जीने को मजबूर करे। सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को गैरकानूनी ठहराते हुए अवैध करार दिया।

कानून व्यवस्था का एक और पहलू जो मजबूती से उभरकर आया वह था, रेप की घटनाओं में वृद्धि जिसे सरकार ने गम्भीरता से लिया। पास्को एक्ट के तहत पहले 12 साल तक की बच्ची से रेप करने वालों को कम से कम सात साल और अधिकतम उम्र कैद की सजा मिलती थी। लेकिन नए कानून के तहत कम से कम 20 साल और अधिकतम फांसी की सजा का प्रावधान कर दिया गया है। पहले 13 से 16 साल तक की बच्ची के साथ रेप करने वालों को कम से कम 10 साल और अधिकतम उम्र कैद की सजा मिलती थी। अब नए कानून के तहत कम से कम 20 साल और अधिकतम उम्र कैद की सजा का प्रावधान है। पहले किसी महिला के साथ रेप करने वालों को कम से कम 7 साल और अधिकतम उम्र कैद मिलती थी। अब कम से कम 10 साल और अधिकतम उम्र कैद की सजा का प्रावधान किया गया है।

रियल इस्टेट में रेरा कानून बनने से बिल्डरों पर लगाम लगाया गया। यह कानून मोदी सरकार की एक बड़ी उपलब्धियों में से एक थी। जिस तरह बिल्डरों द्वारा आम जनता के खून पसीने की कमाई को चूसा जाता था वह रेरा कानून के बाद बंद हो जाएगा।

मोटर वेहिकल एक्ट कानून संशोधन कर मोदी सरकार ने लालफीताशाही के रुतबे को बौना कर दिया। जिससे देश भर में वी.आई.पी. लाल बत्ती का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। केंद्र सरकार ने हाल में कैबिनेट बैठक में यह फैसला किया है। यह नियम प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और भारत के चीफ जस्टिस के वाहनों पर भी लागू होगा लेकिन एम्बुलेंस और फायर सर्विस की गाड़ियों, पुलिस और सेना के वाहन नीली बत्ती का प्रयोग कर सकेंगे। केंद्र सरकार इसके लिए मोटर वेहिकल एक्ट में संशोधन करेगी।

मोदी सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए पिछले कई दशकों से चले आ रहे 1159 पुराने कानूनों को बंद कर दिया। जिससे न्यायिक मामलों में लम्बित होते फैसले अब सहजता से आ सकेंगे। जो कानून बन तो गए थे लेकिन प्रभाव में नहीं थे ऐसे कानूनों को मोदी सरकार ने बंद कर दिया जिसकी तारीफ़ विपक्ष ने भी की।

प्रधानमंत्री की फैसलें लेने की बौद्धिक शक्ति की बात करें तो पीएम नरेंद्र मोदी के शासन काल में ही 29 सितंबर 2016 को सर्जिकल स्ट्राइक का फैसला लिया गया। इस दौरान भारतीय सेना ने पड़ोसी पाकिस्तान की हरकतों का जवाब देते हुए उसी के इलाके में घुसकर सबक सिखाया था। डीजीएमओ ने इस बात की पुष्टि भी की थी। ऐसे में इस फैसले से देश में खुशी की लहर दौड़ गई। जनता इतने बड़े फैसले को लेकर काफी गर्व महसूस कर रही थी।

अगर नोटबंदी की बात करें तो जनता को हैरान करने वाले फैसलो में एक नोटबंदी भी शामिल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक से 8 नवंबर 2016 को 500 और 1000 रुपये के नोट बंद किए जाने का ऐलान कर दिया था। रात में लिए गए इस फैसले के बाद लोगों की महीनों तक नींद उड़ दी थी। काले धन पर लगाम लगाने के लिए उठाए गए इस कदम का जनता ने समर्थन किया। इसके बाद से डिजिटल ट्रांजैक्शन बढ़ गया था।

गुड्स एंड सर्विसिज टैक्स (जीएसटी) को लागू करने का बड़ा फैसला भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही लिया। अचानक से लिए गए उनके इस फैसले ने भी देश की जनता को हैरान कर दिया था। इसकी वजह यह थी कि पिछली सरकारें लंबी जद्दोजहद के बाद भी जीएसटी को लागू नहीं कर पाई थीं। 1 जुलाई 2017 से लागू हुए जीएसटी से देश की जनता को अलग-अलग तरह के करों से मुक्ति मिली। मोदी सरकार के कड़े फैसले ने ही भाजपा को देश के हर कोने मे हर घर तक लोकप्रियता के शीर्ष पर पहुंचा दिया है।

 

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