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ब्लॉकचेन से लेनदेन में सर्वाधिक सुरक्षा

ब्लॉकचेन से लेनदेन में सर्वाधिक सुरक्षा

by ममता सक्सेना
in अगस्त २०१९
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ब्लॉकचेन तकनीक लेनदेन के लिए बहुत क्रांतिकारी, सहज और सुरक्षित साबित हो सकती है। फिलहाल इसका उपयोग बिटकॉइन क्रिप्टोकरेंसी में हुआ है और जीवन के हर क्षेत्र में वह अपने पैर तेजी से जमा रही है।

वर्तमान संदर्भ में ब्लॉकचेन तकनीक एक गेम चेंजर साबित हो सकती है बशर्ते इसके महत्व और क्षमताओं की पहचान कर ली जाए तथा इससे जुड़ी चिंताओं पर विचार कर इसके समाधान पर कार्य किया जाए। ब्लॉकचेन तकनीक एक ऐसी तकनीक है जिसमें क्रेता और विक्रेता के मध्य सीधा ही पैसे का स्थानांतरण किया जाता है। इस ट्रांजैक्शन में किसी भी विचार की आवश्यकता नहीं होती है। वर्तमान में दो लोगों के मध्य पैसों का स्थानांतरण तीसरे पक्ष के माध्यम से ही होता है। यह तीसरा पक्ष है बैंक मनी ट्रांसफर आदि। हमें इस लेनदेन के लिए सेवा शुल्क अधिक देना होता है जबकि ब्लॉकचेन में तीसरे पक्ष की आवश्यकता नहीं होती है। इसके अलावा ब्लॉकचेन पूर्ण रूप से सुरक्षित है। भारत में हैकिंग रोकने और साइबर सिक्योरिटी को बढ़ावा देने के लिए ब्लॉकचेन तकनीक लागू करने वाला आंध्र प्रदेश पहला राज्य है। कोई भी अपना ब्लॉकचेन अकाउंट http://blockchaininfo वेबसाइट पर बना सकता है।

मई 2008-2009 बिटकॉइन टेक्नोलॉजी द्वारा लांच की गई  तकनीक बेहद जटिल है।  इसे हैक करना मुश्किल समझा जाता है और यह कभी भी हुए सभी ट्रांजैक्शन का ब्यौरा रखती है। साइबर क्राइम और हैकिंग को रोकने के लिए ब्लॉकचेन तकनीक को फुल प्रूफ सिस्टम के तौर पर जाना जाता है। ब्लॉकचेन एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जिसे फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड करने के लिए प्रोग्राम किया गया है। यह एक डिजिटल सिस्टम है जिसमें एक इंटरनेट टेक्नोलॉजी की अंतर्निहित मजबूती है, जो अपने नेटवर्क पर समान जानकारी के ब्लॉक को संग्रहित कर सकता है। ब्लॉकचेन डिजिटल जानकारी (डेटाबेस) को वितरित करने की क्षमता रखता है अर्थात यह डिस्ट्रीब्यूटर नेटवर्क की तरह कार्य करता है। डेटाबेस के सभी रिकॉर्ड एक कंप्यूटर में स्टोर नहीं होते बल्कि 1000 कंप्यूटर या लाखों कंप्यूटर्स में वितरित होते हैं। ब्लॉकचेन का हर कंप्यूटर हर रिकॉर्ड के पूरे इतिहास का वर्णन कर सकता है। यह डेटाबेस एंट्रीटेड है और गोपनीय तरीके से दर्ज किया गया है। ब्लॉकचेन सिस्टम में यदि एक कंप्यूटर खराब भी हो जाता है तो यह सिस्टम काम करता रहता है। इसमें कोई भी नए समझौते या रिकॉर्ड्स को दर्ज करना हो तो इसके लिए कई साझेदारी  (कंप्यूटर की स्वीकृती) की जरूरत पड़ती है। इसलिए हैक करना बहुत ही मुश्किल है, क्योंकि हैकर को एकसाथ हजारों कंप्यूटर को हैक करने पड़ेंगे। यही कारण है कि ब्लॉकचेन तकनीक एक सुरक्षित और सरल तकनीक है। यदि कोई गरीब आदमी सरकारी भुगतान चाहता है तो सरकार उसे ब्लॉकचेन के जरिए उसके मोबाइल पर भेज सकती है। आपदा की स्थिति में जिन लोगों के मकान आदि नष्ट हो जाते हैं और सरकार उनकी सहायता करना चाहती है तो ब्लाकचेन द्वारा सरकार सहायता राशि सीधे उनके मोबाइल पर भेज सकती है। इससे भ्रष्टाचार कम होगा। ब्लॉकचेन का प्रयोग शिक्षा में भी हो सकता है। छात्रों को कागजी डिग्री की बजाय ब्लॉकचेन निर्मित डिग्री दी जा सकती है। इससे फर्जी डिग्री की समस्या का समाधान हो सकता है। ब्लॉकचेन डिजिटल लेनदेन को उन पार्टियों के बीच होने देता है जो एक दूसरे पर भरोसा नहीं करते हैं। इस सब का रिकॉर्ड एक केंद्रीकृत लेजर के रूप में उपलब्ध रहता है। यह संभावित डिजिटल लेनदेन की एक विशाल रेंज की सुविधा प्रदान करता है। ब्लॉकचेन बाजार में प्रतिस्पर्धा को बढ़ाता है, प्रवेश के लिए बाधाओं को कम करके सभी प्रतिभागियों पर अधिक कुशल बनने के लिए दबाव डालता है।

यह एक पारंपरिक एकल कंप्यूटर की तुलना में गणना को बहुत धीमा और अधिक महंगा बनाता है। ब्लॉकचेन नेटवर्क को चलाने के लिए नोट्स की आवश्यकता होती है। लेकिन जितने भी नेटवर्क हैं, नए हैं उनमें व्यापक उपयोग की सुविधा के लिए नोट्स की कमी है। संसाधन में लागत को कम किया जा सकता है।

ब्लॉकचेन का प्रयोग कहां पर किया जा सकता है?

बैंकिंग सेक्टर – इस सेक्टर में ब्लॉकचेन टेक्नोलाजी बहुत बड़ा बदलाव कर सकती है। बैंकिंग सेक्टर में अमूमन आइडेंडिटी चोरी, कॉस्ट एफिशिएंशी जैसी तमाम चीजें दिखती हैं और इन सब का बैंकिंग में बहुत ज्यादा खतरा भी बना रहता है। ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से ये सुरक्षित औऱ कम लागत वाली हो सकती है।

क्लॉउड स्टोरेज- यह एक ओपन सोर्स प्रोग्राम है, जो ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित है। जहां आप अपना एक्स्ट्रा हार्ड ड्राइव स्पेस बेच सकते हैं। क्लाउड स्टोरज के क्षेत्र में भी ब्लॉकचेन फायदे की साबित हो सकती है।

सरकारी रिकॉर्ड- सरकार के पास कई सारे रिकॉर्ड हैं जो फाइलों में बंद पड़े हैं। अक्सर इनके खोने या किसी कारण नष्ट होने के चलते सरकार के लिए इनकी सुरक्षा निश्चित कर पाना कठिन हो जाता है। इस लिहाज से ब्लॉकचेन इसके लिए एक बड़ा समाधान बन सकती है। सरकार डाटा को एनकोड करके डिजिटल लेजर पर अपलोड कर सकती है।

भूमि सौदे- ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके भूमि के सौदों को सरल बनाया जा सकता है। इस दौरान होने वाले दस्तावेजों के काम को सुरक्षित और आसान बनाने के लिए ब्लॉकचेन बड़ी मददगार साबित हो सकती है। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश भूमि के सौदों के लिए इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।

शिक्षा – शिक्षा के क्षेत्र में भी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी बहुत ज्यादा फायदेमंद हो सकती है। आजकल एजुकेशन में फ्रॉड और पेपर लीक जैसे मामले बहुत ज्यादा होते हैं। ऐसे में ब्लॉकचेन का इस्तेमाल करके इसको रोका जा सकता है।

प्रोडक्ट कवरेज- यह टेक्नोलॉजी, पैसों से जुड़े लेनदेनों के अलावा कई अन्य जगहों पर इस्तेमाल हो सकती है। इंश्योरेंस, निवेश आदि जैसे अन्य डिजिटल उत्पादों से निपटने के लिए इसका प्रयोग किया जा सकता है। इससे सिर्फ डेटा की सुरक्षा बढ़ाने में ही मदद नहीं मिलेगी बल्कि यह लागत भी कम कर सकती है और प्रोसेसिंग में समय भी बच सकता है।

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के फायदे –

ब्लॉकचेन के उपयोग के लाभ सभी लेन-देनों के लिए भिन्न-भिन्न होंगे। आजकल इंटरनेट पर धोखाधड़ी बहुत ज्यादा बढ़ रही है। ब्लॉकचेन से इंटरनेट सिक्योरिटी को बढ़ावा दिया जा सकता है। साथ ही हैकिंग जैसी घटनाओं को इसके माध्यम से काफी हद तक कम किया जा सकता है। इसके माध्यम से आसानी से रिकॉर्ड और ट्रांसफर ऑफ एसेट्स का ध्यान रखा जा सकता है। जिससे ट्रांजेक्शन स्पीड में बढ़ोतरी होती है। यह ब्लॉकचेन हमारे स्मार्ट डिवाइस को एक-दूसरे के साथ कम्युनिकेट करने में सहायता प्रदान करती है जिससे कि वे बेहतर ढंग से बातचीत कर सकें। ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में स्टोर किया गया डाटा कभी करप्ट नहीं होता है, क्योंकि यह किसी एक कंप्यूटर में नहीं बल्कि लाखों कंप्यूटर्स में स्टोर होता है। इसको कभी भी एक्सेस किया जा सकता है और पर्सनल डाटा को ब्लॉकचेन टेक्नोलाजी के माध्यम से लम्बे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है।

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के नुकसान –

ब्लॉकचेन के ऑपरेशन में बहुत ज्यादा कम्प्यूटिंग पॉवर चाहिए होता है जिससे बिजली की जरूरत बहुत ज्यादा होती है। यदि हम आज की परिस्थिति को देखें तब किसी भी विकसित देश में यह इतना आसान नहीं है। क्योंकि खुद की भी बहुत जरूरतें होती हैं, इसलिए यह विकसित देशों के लिए सही है। निजी व्यवहारों की सुरक्षा हमेशा गोपनीय होनी चाहिए। यदि इनके विषय के बारे में तीसरे पक्ष को पता चल जाए तो इसका मतलब यह है कि आपने अपने सारे डिजिटल (बिटकॉइन) का नियंत्रण उनके हाथों में दे दिया है। इसमें खतरा है। धन एक बार किसी ने उड़ा लिया तो उसे कोई रिकवर नहीं कर पाएगा। इसके अलावा ट्रांजेक्शन स्पीड भी एक समस्या बन सकती है।

और अंत में-

ब्लॉकचेन टेक्नालाजी तेजी से लोकप्रिय होने और इसके बहुत सारे फायदों को देखते हुए हम कह सकते हैं कि ब्लॉकचेन भारत में जल्दी ही बहुत से सेक्टर्स में उपयोग में ली जा सकती है। बहरहाल अभी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी बिटकॉइन के लेनदेन के लिए सबसे अधिक इस्तेमाल में ली जाती है और यह कहना गलत नहीं होगा कि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का विकास भी बिटकॉइन क्रिप्टोकरेंसी की वजह से ही हुआ है और यह टेक्नोलाजी दुनिया भर में बहुत ज्यादा प्रसिद्ध हो रही है। भारत के कुछ सेक्टर्स में ब्लॉकचेन टेक्नोलाजी का प्रयोग किया जा सकता है और इसके माध्यम से लेनदेन को और ज्यादा बेहतर बनाया जा सकता है।

 

 

ममता सक्सेना

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