हमने क्या खो दिया इस बदलाव को पाते-पाते.….

बहनें 200 से 1500/- की राखियां खरीद कर भाइयों को बांधती हैं ! जबकि राखी एक तीन रंग की माेली धागे से प्रारम्भ हुआ त्यौहार था, जिसको राखियां बनाने वाले उत्पादक 2000/- की राखी तक ले गये हैं !
आप हम देखते हैं कि यह एक भावनाओं का त्योहार हैं !
बहनें लम्बी दूरी से भाई को राखी बांधने व सम्मान पाने व भाई के परिवार को खुशियां देने आती हैं !
राखी बांधने का मतलब है भाई, तुम दीर्घायु हों और मेरी बुरे समय में रक्षा करना !
परन्तु आज के दौर में बहनें भी इस होड में लगी हैं कि मेरी राखी सब से महंगी हो ताकि उसकी भाभीयां ये ताना ना मारें कि ननद बाईसा तो इसी राखी लावे सफा ही की पूछो मत, पर क्या वह महंगी राखी दिखावा बनकर नहीं रह गई ?
क्या हमने बहन को नीचा दिखाने के लिए घर बुलाया है या उसे यह अहसास दिलवाने कि अभी तेरा भाई है, तू फिक्र ना कर बहना !
रक्षाबंधन पर भाई भी अपनी बहनों को उपहार रूप में कोई चीज व नगद देते हैं !
लेकिन आजकल 50% ऐसा हाेता हमने देखा हैं कि बहन की राखी लागत ही उपहार में नहीं निकलती हैं ! इसलिए हम कुछ ज़्यादा बहन को देने की सोचते हैं, हमने इस चकाचौंध की जीवनशैली के कारण भाई-बहन के प्यार को पैसे के तराजू मे ही रख दिया !
सभी भाइयों को प्रण करना चाहिये कि हम सिर्फ बहन सें माेली धागा ही बंधवायेगें और मिठाई में सिर्फ गुड ! और जो देना है बहन को वह देते रहेंगे !
आप हम देखते हैं, कि राखियाँ हम सब 2-4 घंटे या सायं तक ही बांधे रख पा रहे हैं और बहन का सैकडों रूपया उस राखी पर लगा धन था ! जो कुछ ही घंटे में स्क्रेप हो गया !
कृपया सुधार करके अपने पुराने माेली धागा या रेशम की सुन्दर गूँथी राखी बांधे ताे आपका बीरा (भाई ) साल भर भी बांधे रखेगा !
और यह बहन के लिए गर्व की बात होगी कि मेरा बिरा मेरे रक्षा के सूत्र को सदा बांधे रखता है ।
वहीं भाई को भी सदा बहन का स्मरण रहेगा कि मेरी बहन है मुझे सदा प्यार व दुलार बरसाने वाली…
निवेदन – इसको सकारात्मक लेंवे और युद्ध स्तर पर इसको समाज में प्रचलन में लाकर इसका परिवार सहित पालन करें, वहीं भाई बहन के प्यार को पैसे के तराजू में ना तोलें…।
रक्षा बंधन की शुभकामनाएं ….

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