शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत मनपा द्वारा सिर्फ एक ही स्कूल पर कार्रवाई की गई। कुल 290 स्कूल हैं, 8 स्कूलों को बाहर रखा गया।
मुंबई मनपा ने गरीब और निम्न आय वर्ग के छात्रों को अंग्रेजी के माध्यम से सीखने में सक्षम बनाने के लिए शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू किया है। प्रवेश देने से इंकार करनेवाले सिर्फ एक ही स्कूल पर कार्रवाई करने की जानकारी शिक्षणाधिकारी कार्यालय द्वारा आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को दी गई हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने शिक्षणाधिकारी कार्यालय से शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत विभिन्न जानकारी मांगी थी। अनिल गलगली को शिक्षणाधिकारी कार्यालय में निजी प्राथमिक विद्यालय के विभाग निरीक्षक द्वारा 13 पेज की जानकारी उपलब्ध कराई गई। इस जानकारी में कुल 290 स्कूल शामिल हैं जिन पर शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू है। पिछले 5 साल में सिर्फ एक स्कूल के खिलाफ कार्रवाई हुई है। अंधेरी वेस्ट स्थित राजरानी मल्होत्रा स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की गई है। सरकार से प्रतिपूर्ति राशि नहीं मिलने के कारण स्कूल ने प्रवेश से इनकार कर दिया था। सुनवाई के बाद स्कूल में दाखिले का आदेश दिया गया। उसके बाद स्कूल ने स्कूल स्तर पर प्रवेश देकर छात्र की ऑनलाइन शिक्षा शुरू की।
8 स्कूलों को शिक्षा का अधिकार अधिनियम से छूट मिली हुई है। समता विद्यामंदिर का पुनर्विकास किया जा रहा है जबकि हैंडमिड्स स्कूल को बंद कर दिया गया है। अन्य 6 स्कूल जिन्हें अल्पसंख्यक प्रमाणपत्रों के कारण बाहर रखा गया है, वे हैं वनिता विश्राम, जेडी भरदा, सेंट मैरी, सेंट लुइस, केआर मकेचा, अफाक इंग्लिश स्कूल।
अनिल गलगली के मुताबिक, शिक्षा का अधिकार कानून अभी भी शत-प्रतिशत लागू नहीं हुआ है और विभाग स्तर पर अचानक निरीक्षण की जरूरत है क्योंकि माता-पिता शिकायत नहीं करते क्योंकि उन्हें नहीं पता कि शिकायत कहां करनी चाहिए। इसके लिए गलगली ने राय व्यक्त की है कि वार्ड स्तर पर शिकायतों की सुनवाई जरूरी है।
-अनिल गलगली