बीते दिनों दिव्यांग कल्याणकारी संस्था के भोजन कक्ष में जनकल्याण समिति के वरिष्ठ कार्यकर्ता विनायकराव डम्बीर एवं प्रांत सह सेवा प्रमुख महेश राव करपे के हाथों स्व. नाना कचरे और स्व. बालासाहेब कचरे की प्रतिमा का अनावरण किया गया. इस दौरान विनायकराव डम्बीर और महेश राव करपे ने स्व. नाना साहेब कचरे और स्व. बालासाहेब कचरे के योगदान को रेखांकित किया. उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि बहुत ही प्रतिकूल परिस्थिति में संघ कार्य जिन्होंने किया, उसमें वानवडी के स्व. नानासाहेब अग्रणी थे. दिव्यांग कल्याणकारी संस्था के निर्माण में भी उनका बड़ा योगदान था.
विनायकराव ने अपने वक्तव्य में कहा कि बालासाहेब मृदुल भाषी और सौम्य स्वभाव के थे. अनेक लोगों की परेशानी और समस्याओं को पहले वे ध्यानपूर्वक सुनते थे और फिर यथासंभव सहायता देते थे. स्व. नाना साहेब कचरे और स्व. बालासाहेब कचरे ने अपना महत्वपूर्व सहयोग, सहायता और उचित मार्गदर्शन देकर अनेक पारिवारों को स्वावलंबी व आत्मनिर्भर बनाया. ऐसे दो महान प्रेरणादायी विभूतियों के प्रतिमा का अनावरण करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है और मुझे आत्मिक आनंद की अनुभूति हो रही है. इसके अलावा महेश राव करपे ने भी स्व. नाना साहेब कचरे और स्व. बालासाहेब कचरे के संस्मरणों को ताजा किया.
कार्यक्रम का शुभारम्भ कल्याण मंत्र से हुआ और कार्यक्रम की प्रस्तावना संस्था के कार्याध्यक्ष एड. मुरलीधर कचरे ने रखी. कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए वस्तीगृह की अध्यक्ष धनश्री बेके एवं अन्य सभी शिक्षकों, डॉक्टरों ने अथक परिश्रम किया.
इस कार्यक्राम में समस्त कचरे परिवार, जनकल्याण समिति के प्रांत संगठन मंत्री कंगले, दिव्यांग कल्याणकारी संस्था के सह सचिव शंकर राव जाधव, ट्रस्टी राजाभाऊ कदम और संस्था के सभी पदाधिकारी, सदस्य, शुभचिंतक, नागरिक, छात्र एवं परिसर के स्थानीय संघ के वरिष्ठ स्वयंसेवक, नगर कार्यवाह, महानगर कार्यकर्ता आदि बड़ी संख्या में उपस्थित थे.