युवा अपने परिवार और कार्य के साथ ही प्रतिदिन यदि एक या दो घंटे का समय निकाल कर सामाजिक कार्यीं में देने लगे तो देश में एक बड़ा परिवर्तन दिखाई देने लगेगा। देश की सारी समस्या और चुनौती का एक ही समाधान है, सशक्त, संगठित, जागरुक और सक्रिय समाज।
युवा यानी की असम्भव को सम्भव कर दिखाने की शक्ति और साहस का नाम है। युवा शक्ति, किसी भी देश के विकास का इंजन होती है। आज हमारा भारत युवाओं की ऊर्जा से ओत-प्रोत है। भारत भूमि पर युवा रूपी अनंत ऊर्जा भंडार है। युवाओं की कल्पना शक्ति, असीमित क्षमता, भरपूर ऊर्जा और नवीन विचारों से युक्त भारत एक विकसित राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर है। यह गौरवान्वित करने वाली बात है कि आज देश की लगभग 65% जनसंख्या 35 वर्ष से कम आयु की है। यह युवा न केवल देश का भविष्य हैं बल्कि वर्तमान में भी नित-नए नवाचार कर हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए सामाजिक क्षेत्र में अपनी महती भूमिका निभा रहे हैं।
आध्यात्मिक संत, महान विचारक और युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद जी का युवा शक्ति के लिए कथन है कि “उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए।” वे कहते थे युवा उस ऊर्जा का स्रोत हैं, जो समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकता है। वास्तव में भारत की बढ़ती शक्ति और वैभव का पुंज है देश की युवा शक्ति। आज भारत का युवा अपने योग्यता और कौशल से हर क्षेत्र में नित-नए प्रतिमान स्थापित कर रहा है। तकनीक हो या फिर सामाजिक कार्य, राजनैतिक क्षेत्र हो या फिर सेवा और समर्पण का भाव, खेल का मैदान हो या फिर उद्यमिता के संकल्प से आगे बढ़ने का लक्ष्य, राष्ट्र की उन्नति और सामाजिक प्रगति के लिए युवा शक्ति बढ़-चढ़ कर अपनी सहभागिता निभा रही है।
आज भारतीय युवा तकनीकी क्षेत्र में क्रांति कर रहे हैं, स्टार्टअप्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, तकनीकी लर्निंग जैसे क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं। सामाजिक क्षेत्र में भी मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने और समाधान खोजने में युवा महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। हाल ही के उदाहरण देखें तो राष्ट्र और समाज हित में स्वच्छ भारत मिशन, महिला सशक्तिकरण, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों के प्रमुख अभियानों में युवाओं ने जन जागृति की एक नई अलख जगाने का काम किया है।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में देश अपनी क्षमताओं के प्रति आश्वस्त होकर ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र को चरितार्थ करते हुए वर्ष 2047 के विकसित भारत के लक्ष्य की ओर तेजी से गतिमान है। भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित है और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। सशक्त, समृद्ध और विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए युवाओं की सामाजिक सहभागिता आवश्यक है। इसी उद्देश्य से भारत सरकार युवाओं के सशक्तिकरण और उनकी सामाजिक सहभागिता के लिए अनेक नवाचार कर रही है। परिणाम स्वरूप राष्ट्र और समाजहित योगदान में युवाओं की निरंतर बढ़ती भागीदारी सराहनीय है।
सरकार द्वारा स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम्स, स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत बनाना, युवाओं की राजनीति में भागीदारी जैसे कई सराहनीय कदम उठाए जा रहे हैं। विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से सामाजिक संस्थाओं और व्यक्तिगत रूप से भी देश के युवा अपनी सक्रिय भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने गत वर्ष “युवाओं की आवाज” पहल का शुभारम्भ करते हुए कहा था कि भारत को स्वाधीनता के 100वें वर्ष 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाना है। इस दृष्टिकोण में विकास के विभिन्न पहलुओं को सम्मिलित किया गया है। जिनमें आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति, पर्यावरणीय स्थिरता और सुशासन शामिल हैं ताकि देश की राष्ट्रीय योजनाओं, प्राथमिकताओं और लक्ष्यों के निर्माण में देश के युवाओं की सक्रिय रूप से सहभागिता हो।
युवाओं को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि व्यक्ति निर्माण से ही राष्ट्र निर्माण होता है। भारत के इतिहास का यह वह दौर है जब देश लम्बी छलांग लगाने जा रहा है। हमें एक ऐसी युवा पीढ़ी तैयार करनी है जो देश को नेतृत्व दे और राष्ट्रहित को प्राथमिकता दे। पूरी दुनिया की दृष्टि भारत के युवाओं पर हैं। युवा शक्ति परिवर्तन का वाहक भी है और परिवर्तन का लाभार्थी भी। युवाओं के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रधान मंत्री मोदी ने कहा था कि स्वतंत्रता के आंदोलन में युवा पीढ़ी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। आज हर व्यक्ति, हर संस्था और हर संगठन को इस प्रण के साथ आगे बढ़ना है कि मैं जो कुछ भी करूंगा वो विकसित भारत के लिए होना चाहिए। देश के नागरिक जब देश के हित की सोचेंगे, तभी एक सशक्त समाज का निर्माण होगा।
आधुनिकता की दौड़ में जिस तेजी के साथ सामाजिक और नैतिक विकृतियों ने स्थान बनाया है तो वहीं मानव जीवन का आधार जल और पर्यावरण सम्बंधी समस्याएं भी विकराल रूप धारण कर चुकी हैं। व्यक्ति अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति तो करता है, परंतु अपने मानवीय कर्तव्यों को भूल जाता है। आज की आवश्यकता है देश की सबसे ऊर्जावान युवा शक्ति को और अधिक प्रयासों के साथ समाज और राष्ट्रहित में योगदान देने के लिए तत्पर रहे। यह भी गर्व की बात है कि देश में असंख्य युवा, सामाजिक गतिविधियों में अपनी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
किसी ने सच ही कहा है कि
युवाओं के कंधों पर
युग की कहानी चलती है,
इतिहास उधर मुड़ जाता है,
जिस ओर ये जवानी चलती है।
जब युवा उच्च आदर्शों, उद्देश्य की भावना और व्यापक ज्ञान से परिपूर्ण होते हैं तो वे राष्ट्र की भलाई और समाज के कल्याण के लिए एक अजेय शक्ति बन जाते हैं। आज सामाजिक क्षेत्र में जिस तरह की चुनौतियां हैं, उनका निदान भी हमें ही खोजना होगा और इस दिशा में भारत की युवा शक्ति प्रेरक के रूप से काम कर रही है।
देश के युवा विभिन्न क्षेत्रों में अपनी क्षमता और योग्यता अनुसार योगदान देकर सामाजिक कर्तव्य का निर्वहन कर रहे हैं। शिक्षित युवा अपने ज्ञान के माध्यम से शिक्षा से वंचित बच्चों को शिक्षित करने का काम कर सकते हैं। युवा सृजनात्मक होते हैं उनके नए विचारों और उत्पादों को विकसित करके अर्थात नवाचार के माध्यम से भी देश लाभान्वित हो रहा है।
– आलोक शर्मा