मोदी के विरुद्ध लड़ाई लड़ते हुए राहुल गांधी और इंडी गठबंधन भारत के खिलाफ भी खड़ा हो गया है। यह बात विमर्श में सतही रूप से सुनी जाती रही है और इसे बढ़ाने वाले लोगों को लेफ्ट इकोसिस्टम की ट्रोलिंग का सामना करना पड़ता था। लेकिन आज राहुल गांधी ने इस विमर्श को खुद ही सार्वजनिक रूप से स्थापित कर दिया है कि उनकी लड़ाई अब मोदी, भाजपा, संघ से आगे निकलकर “भारत”के विरुद्ध है।
नए कांग्रेस मुख्यालय के उदघाटन समारोह में राहुल गांधी ने जो कुछ कहा है उसे महज राजनीतिक बयान भर नही समझा जा सकता है। वे संघ ,सावरकर, हिंदुत्व, राममंदिर जैसे मामलों पर तो अक्सर आधारहीन बातें करते ही रहते हैं लेकिन आज उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई इंडियन स्टेट से है। यह बोल और भाव आपको डीप स्टेट की थियरी चलाने वाले भारत के शत्रु जॉर्ज सोरोस की पाठशाला में भी स्पष्ट रूप से सुनाई दे सकते हैं। ऐसे में सवाल यही है कि क्या राहुल गांधी भारत विरोधी शक्तियों के इशारों पर देश को तोड़ने के षड्यंत्र में शामिल हैं? भारत के विरुद्ध युद्ध का आशय क्या है? लेफ्ट इकोसिस्टम के भांड इसे संघ, भाजपा, चुनाव आयोग जैसे सतही मुद्दों के साथ व्याख्यित करेंगे लेकिन यह देश के समक्ष एक गंभीरतम खतरा है कि विपक्ष का नेता जिसने संविधान की शपथ ली है, जो संविधान बचाने की कसमें खाता घूम रहा है ,वह उसी इंडियन स्टेट के विरुद्ध जंग का एलान कर रहा है।
राजनीतिविज्ञान में स्टेट यानी राज्य के विरोधी होने का सीधा मतलब है आपका लोकतंत्र में भरोसा नही है।आप राज्य का अंत कर अराजकता की स्थापना करना चाहते हैं । यही मार्क्स का सपना था। क्या राहुल इंडियन स्टेट के विरुद्ध जंग का एलान कर इस भारत राज्य को खत्म करना चाहते हैं?
ध्यान से देखें तो डीप स्टेट यानी अमेरिका में डेमोक्रेटस के भेष में सक्रिय अराजकतावादी कम्युनिस्ट लॉबी की भाषा ही राहुल गांधी की राजनीति का व्याकरण है।वह संपति के वितरण की बात करते हैं, भारत के फेयर स्टेट होने पर आरक्षण खत्म करने का दावा अमेरिका में करते हैं। उन्होंने दिल्ली में परसों ही कहा कि भारत से अरबपतियों को खत्म करने का समय आ गया है। वह लगातार चीन की भाषा बोलते हैं।संवैधानिक संस्थाओं के विरुद्ध वातावरण बनाते हैं। लोकसभा में 44 से 99 सीट जीतने पर जीत का जश्न मनाते हैं। लेकिन महाराष्ट्र में हारने पर आयोग को ही खारिज करते हैं। भारत के वैल्थ क्रियेटर के विरुद्ध उनका अभियान विदेशी एजेंसियों या थिंक टैंक के इर्दगिर्द घूमता रहता है।
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सच ही कहा कि यह कोई रहस्य नहीं है कि राहुल गांधी और उनके इकोसिस्टम के अर्बन नक्सलियों और डीप स्टेट एक्टर्स के साथ गहरे संबंध हैं। देश की जनता को ध्यान से राहुल गांधी के इस सपने और जंग के एलान को समझना होगा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी का यह नेता कैसे चुनावी शिकस्त का बदला लेने के चक्कर में भारत के विरुद्ध खड़ा है।इंडिया देट इज भारत संविधान की इस इबारत का साकार रूप ही इंडियन स्टेट है।संविधान की किताब लेकर घूमने वाले राहुल बताएं वे इस इंडियन स्टेट के विरुद्ध क्यों हैं?
-डॉ. अजय खेमरिया