जेटकिंग की उड़ान


जेटकिंग कम्प्यूटर हार्डवेयर के क्षेत्र में अग्रणी कम्पनी है। १९९० में जब सबी सॉफ्टवेयर की ओर आकर्षित हो रहे थे उस समय जेटकिंग ने हार्डवेयर के क्षेत्र में अपना व्यवसाय फैलाया। उसकी अब तक की यात्रा और शुरुआती दिनों में किए गए संघर्षों के सम्बंध में नन्दु भारवानी से हिंदी विवेक से हुई बातचीत के कुछ प्रमुख अंश।

प्यूटर हार्डवेयर और नेटवर्किंग क्षेत्र में जेटकिंग के अग्रणी बनने के सफर के बारे में हमें बताएं।

वर्ष १९९० तक, सॉफ्टवेयर प्रोग्रामिंग की काफी मांग हो रही थी। कई सारी कंपनियां सॉफ्टवेयर क्षेत्र में अपनी जगह बनाने के लिए मेहनत कर रही थीं, लेकिन कंप्यूटर हार्डवेयर विषय पर किसी का ध्यान नहीं था। हमारा साधारण सा तर्क था सॉफ्टवेयर को तो हमेशा किसी ना किसी प्रकार के हार्डवेयर यूनिट में ही रहना है। बस, इसी जरूरत को ध्यान में रखते हुए जेटकिंग ने एक नया रूप धारण किया।

हमने मुंबई में अपना पहला सेंटर स्थापित किया और यहां छात्रों को कंप्यूटर असेम्बलिंग और ट्रबलशूटिंग का प्रशिक्षण देना शुरू किया। इस सेंटर को मिली भारी सफलता के बाद, देश भर के छात्रों द्वारा हमारे पास जानकारी मांगी जाने लगी। ये छात्र हमारे कोर्स में दाखिला लेना चाहते थे लेकिन मुंबई आने और यहां रहने का खर्च उठाने में सक्षम नहीं थे। फिर हमने अपने संचालन में विस्तार करने का फैसला किया। सभी जेटकिंग सेंटर्स पर एक स्टैंडर्ड डिजाइन और क्वालिटी कंट्रोल बनाए रखना भी जरूरी था। हमने अपने सहयोगी नेटवर्क का काम संभालने और यहां जेटकिंग प्रबंधन द्वारा निश्चित दिशा-निर्देशों को लागू करने के लिए सुशिक्षित बिजनेस पार्टनर नियुक्त किए। इस बात का खास ध्यान रखा गया कि कोई छात्र किसी भी जेटकिंग सेंटर में जाए, वहां का माहौल और बनावट उसे एक समान नज़र आए।

सहायता के मामले में, एक एफिलियेट सेंटर (सहयोगी सेंटर) जेटकिंग से क्या उम्मीद कर सकता है?

जेटकिंग सेंटर एक फूड रीटेल चेन जैसे कि मेकडॉनल्ड्स की संचालन पद्धति को अपनाते हैं। हमारे सेंटर्स में नवीनतम उपकरण और साधन मौजूद हैं ताकि प्रत्येक सहयोगी सेंटर अपने व्यवसाय को कुशलतापूर्वक संचालित कर सके। प्रत्येक नए सेंटर के लिए, हम प्रशिक्षक नियुक्त करने में मदद करते हैं और कर्मचारियों को गहन प्रशिक्षण प्रदान करते हैं ताकि हर जगह छात्रों को एक समान ट्रेनिंग मिल सके। हमारे पाठ्यक्रम उद्योग जगत की बदलती जरूरतों के हिसाब से और नौकरी देने वाली कंपनी की मौजूदा आवश्यकता को ध्यान में रखकर उपलब्ध कराए जाते हैं। इसके अलावा, हमारी क्वालिटी कंट्रोल टीम समय-समय पर सभी सेंटर्स का ऑडिट करती है, जो कि विभिन्न मापदंडों को ध्यान में रखकर किया जाता है। वहीं, छात्रों की परीक्षा एवं उनके आंकलन की प्रक्रिया के तहत कड़ी निगरानी में केंद्रीकृत परीक्षाएं संचालित की जाती हैं।

जेटकिंग को अपने शुरुआती वर्षों में किन बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा था?

सबसे बड़ी मुश्किल थी छात्रों को नौकरी दिलाना। जब अभिभावक अपने बच्चों के साथ हमारे सेंटर में आते थे, तब अक्सर उन्हें अपने ही बच्चे पर विश्वास नहीं होता था। मुझे याद है कि एक बार एक अभिभावक ने कहा था कि मेरा बेटा किसी काम का नहीं है। मैंने उनकी बात में सुधार करते हुए कहा ऐसा नहीं कि यह किसी काम का नहीं है, बल्कि इससे कम काम लिया गया (यानि सिखाया नहीं गया) है। अभिभावकों ने अपने बच्चों के भविष्य के लिए हम पर भरोसा किया और हम नौकरी की १००% गारंटी के अपने वादे पर खरे उतरे, जिसके लिए जेटकिंग को पहचाना जाता रहा है। हम सिर्फ नौकरी दिलाने में मदद करने का वादा नहीं करते बल्कि अच्छी नौकरी दिलाते हैं। जेटकिंग में हमारा उद्देश्य है भारत और विदेश में १ करोड़ लोगों को आर्थिक आज़ादी प्रदान करना। आज तक, हमने लगभग ७ लाख छात्रों को सफल आईटी प्रोफेशनल और उद्यमी बनने के लिए ट्रेनिंग दी है।
नेटवर्किंग क्षेत्र में जेटकिंग के प्रवेश के बारे में हमें बताएं।

हार्डवेयर में सफल पारी के बाद, हमने नेटवर्किंग क्षेत्र में हो रही प्रगति को देखा और अपने पाठ्यक्रम में नेटवर्किंग को शामिल किया। हमने नोवेल के साथ भागीदारी की और छएअझ (नोवेल एजुकेशन अकेडमिक पार्टनर) का दर्जा प्राप्त किया। इसके बाद हमने पूरे भारत में अपने कर्मचारियों को नोवेल के साथ मिलकर प्रशिक्षित किया। इस भागीदारी से भारत में नेटवर्किंग के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण का जन्म हुआ और प्रशिक्षित नेटवर्किंग प्रोफेशनल्स तैयार होने लगे। समय के साथ-साथ नई तकनीकें आने लगीं और हमने अपने पाठ्यक्रम में माइक्रोसॉफ्ट, रेडहैट, लिनक्स, सिस्को, राउटर्स और स्विचेस को भी शामिल किया। इसके साथ हमने छात्रों को एक्सपर्ट हार्डवेयर एंड नेटवर्किंग इंजीनियर बनने के लिए तैयार किया और उन्हें आईटी, मैन्युफैक्चरिंग, नेटवर्किंग आदि उद्योगों में रोज़गार हासिल करने की क्षमता प्रदान की।

कुछ ही सालों में, हमने १०० केंद्रों का जादुई आंकड़ा हासिल कर लिया और फिर भारत के कोने-कोने में अपनी उपस्थिति बढ़ाई। साथ ही, वियतनाम और नेपाल जैसे देशों में अपने अंतरराष्ट्रीय संचालन की भी शरूआत की।

एक विशाल युवा जनंसख्या होने के बावजूद, भारत अब भी बेरोज़गार युवाओं की बड़ी चुनौती से जूझ रहा है। क्या आपको लगता है कि स्किल इंडिया जैसे अभियान कुशल कर्मचारियों के इस रिक्त स्थान को भर पाएंगे?

भारत में इस वक्त प्रतिभाओं का विरोधाभास बना हुआ है। एक तरफ जहां हम विश्व में सबसे अधिक युवा आबादी वाला देश हैं और दूसरी तरफ रोजगार योग्यता की कमी तलवार की तरह लटक रही है। योग्य एवं शिक्षित युवाओं की मौजूदगी के बावजूद, आखिर क्यों नौकरी देने वाली कंपनियां लगातार नौकरी के लायक कर्मचारियों की कमी होने की बात कह रही हैं? यहां तक कि योग्य इंजीनियरों के मामले में भी यही सच्चाई है। इसका जवाब शिक्षा के वर्तमान स्तर में मौजूद है। यह वक्त की जरूरत है कि छात्रों को नवीनतम पाठ्यक्रमों के हिसाब से प्रशिक्षण दिया जाए। साथ ही, छात्रों को पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रमों में उद्योग जगत की वर्तमान ज़रूरतों के हिसाब से बदलाव होने चाहिए और इनमें सिर्फ रट कर पढ़ाई करने के बजाय अनुभव हासिल करने की प्रक्रिया होनी चाहिए। स्किल इंडिया जैसे सरकारी प्रयास भारतीय कार्यरत समूह में कौशल विकास को वास्तविकता बनाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। हमें अपने छात्रों को प्रासंगिक एवं कौशल-आधारित प्रशिक्षण, आधुनिक पाठ्यक्रम और अनुभवी शिक्षकों के जरिये तथा ऋण योजनाओं की मदद देकर विकसित करना होगा। इसके लिए पेशेवर प्रशिक्षण उद्योग व भारतीय कंपनियों के साथ गहरा तालमेल बनाना बेहद ज़रूरी है।

भविष्य के लिए जेटकिंग के क्या लक्ष्य हैं?

जेटकिंग में हम सिखाने एवं सीखने के अनुभव को पूरी तरह बदलने में सफल हुए हैं और हमें इसकी खुशी है। इसके लिए हमनें शिक्षण सामग्री और प्रशिक्षण पद्धतियों में भी नए तरीके शामिल किए हैं। छात्रों को अब कभी भी, कहीं भी प्रशिक्षण हासिल करने का अनुभव मिलने लगा है और उनके लिए बेहतर एवं अनुकरणीय सामग्री ऑनलाइन उपलब्ध है। हम हायब्रिड लर्निंग को एक कदम आगे ले जा रहे हैं ताकि छात्रों को ऑनलाइन एवं ऑफलाइन कक्षाओं का सबसे अच्छा फायदा मिले और तेज़ी से सीखने का अनुभव प्राप्त हो। डिजिटल इंडिया और स्मार्ट सिटी जैसे अभियानों के कारण कुशल आईटी प्रोफेशनल्स की लगातार बढ़ती मांग को देखते हुए, हमारी ट्रेनिंग एक युवा भारत के भविष्य को सुदृढ़ बनाने पर केंद्रित है।

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