ऑपरेशन सिंदूर अभी समाप्त नहीं हुआ है। विगत दिनों भारतीय वायुसेना प्रमुख का वक्तव्य आया कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के पांच फाइटर जेट लड़ाकू विमानों को मार गिराया था। थलसेना प्रमुख ने भी जल्द एक युद्ध होने और आगामी युद्ध दो देशों के बीच नही अपितु कई मोर्चों पर होगा कहकर हड़कंप मचा दिया है। कर्नाटक की रैली में कांग्रेस नेताओं के समक्ष ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का उल्लेख कर दिया जिससे पाकिस्तान का तिलमिला जाना स्वाभाविक ही है।
उधर आजकल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर से प्यार हो गया है और वह दो बार वाशिंगटन यात्रा कर आया है इससे जनरल मुनीर का दिलो दिमाग खराब होना तय है। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद जब जनरल मुनीर ने व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बिरयानी का स्वाद चखा और फिर नोबेल शांति पुरस्कार के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति का नाम नामित किया, भारत तभी से इस मित्रता से प्रति सतर्क हो गया है।
जून 2025 के बाद आसिम मुनीर दो महीने में दूसरी बार अमेरिका की यात्रा कर आए हैं। मुनीर ने अमेरिकी सेंट्रल कमांड के कमांडर जनरल माइकल कुरिला के विदाई समारोह में भाग लिया और नये कमांडर एडमिरल ब्रैड कूपर को बधाई दी। इसमें महत्वपूर्ण पक्ष यह है कि अमेरिका की ओर से जो बयान दिए जा रहे हैं उसमें वह पाकिस्तान को ही आतंकवाद से पीड़ित राष्ट्र मान रहा है वह भी तब अमेरिका का सबसे बड़ा गुनाहगार पाकिस्तान में ही पाया गया था और आज भी वहां पर 126 प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के नेता खुलेआम घूम रहे हैं। अमेरिका ने जिस तरह बलूचिस्तान में स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ रहे संगठनों को आतंकी संगठन घोषित करते हुए उन्हें प्रतिबंधित किया है, उससे मुनीर की बांछें खिलना तय है।
अमेरिका में हो रही पाकिस्तानी हितों की सुरक्षा से उत्साहित पाक सेना प्रमुख ने अमेरिकी धरती से भारत पर परमाणु हमला करने की धमकी दे डाली और उसके बाद अन्य पाक नेताओ के भी वैसे ही बयां आने लगे आने लग गये। इन नेताओं में पूर्व विदेशमंत्री बिलावल भुट्टो व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी हैं।
भारत-अमेरिका संबंधों के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि अमेरिकी धरती से भारत को परमाणु धमकी मिली है। रक्षा विश्लेषक अनुमान लगा रहे हैं कि मुनीर को यह ताकत अमेरिकी नीतियों के कारण ही मिल रही है। इसके पीछे एक बात यह भी हो सकती है कि अमेरिका भारत पर लगतार टैरिफ पर टैरिफ लगाने की धमकियां दे रहा है किंतु भारत पर अमेरिकी धमकियों का कोई असर नहीं पड़ रहा है। भारत किसी दबाव के आगे बिना झुके अपने विकास के संकल्पों के साथ लगातार आगे बढ़ता जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप बार -बार यह बयान दे रहे हैं कि उनकी वजह से ही भारत-पाकिस्तान के मध्य संघर्ष विराम हुआ किंतु भारत उनकी इस थ्योरी को बार-बार खारिज कर रहा है कि भारत -पाक के मध्य संघर्ष विराम अमेरिका की मध्यस्थता के कारण हुआ। यही बात अमेरिकी राष्ट्रपति को बुरी लग रही है और वे पाकिस्तान से गलबहियां करते दिख रहे हैं।
मुनीर ने अमेरिका की धरती से भारत पर परमाणु हमले की धमकी दी और भारत के खिलाफ जमकर जहर उगला। मुनीर की बातो में परमाणु शक्ति संपन्न होने का अहंकार स्पष्ट दिख रहा है। उसने कहा कि जब हमें लगा कि हम डूब रहे हैं तो हम आधी दुनिया को अपने साथ ले डूबेंगे। इसमें सबसे बड़ा सवाल यह भी उठ रहा है कि एक तरफ अमेरिका और इजरायल-ईरान को परमाणु हथियार नहीं बनाने देने के लिए उस पर हमला कर रहे हैं और ईरान को तबाह करने के लिए तैयार हैं, दूसरी तरफ पाकिस्तान उसकी धरती पर ही आधी दुनिया को मिटाने की बात कह रहा है। मुनीर के बयान ने दक्षिण एशिया और वैश्विक मंच पर तनाव बढ़ा दिया है। मुनीर सिंधु जल संधि को लेकर भी धमकी दे रहा है कि अगर भारत बांध बनाएगा उसे पाकिस्तान 10 मिसाइलों से नष्ट कर देगा। मुनीर को ऐसा क्यों लगता है कि भारत के पास मिसाइलें हैं ही नहीं या पाक से मिसाइलें आने पर भारत हाथ पर हाथ धर के बैठा रहेगा?
भारत के लिए परमाणु धमकी का अब कोई मतलब नहीं रह गया है और भारत कई बार स्पष्ट कर चुका है कि परमाणु ब्लैकमेलिंग अब नहीं चलने वाली है। भारत स्वयं एक जिम्मेदार और परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र है। पाकिस्तान को यह भी समझना होगा कि उनके परमाणु हथियार तो भारत पहुंचने से पहले ही नष्ट कर दिए जाएंगे किन्तु जब भारत पलटवार करेगा तब पाकिस्तान का एक कोना भी नहीं बचेगा।
पाक सेना प्रमुख जनरल मुनीर के बयान के बाद अमेरिका से ही उसके खिलाफ कड़ी आवाज उठने लगी है। अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन के पूर्व अधिकारी माइकल रूबिन ने पाक सेना प्रमुख मुनीर की ओर से अमेरिकी धरती से दी गई धमकी की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि फील्ड मार्शल आसिम मुनीर सेना की वर्दी में आतंकी सरगना ओसामा बिन लादेन है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का व्यवहार पूरी तरह से अस्वीकार्य है। रूबिन ने अमेरिकी प्रशासन को सुझाव दिया है कि जनरल मुनीर को अवांछित व्यक्ति घोषित कर उनके अमेरिका वीजा पर तुरंत प्रतिबंध लगा देना चाहिए।
अमेरिका के प्रश्रय में पाकिस्तान “एक दुष्ट देश“ की तरह व्यवहार कर रहा है। पाकिस्तान एक तरफ आतंकवाद से लड़ने का दावा कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नामित आतंकी समूहों को समर्थन व संरक्षण दे रहा है। पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई ने ही तालिबान और अलकायदा को पैदा किया। पाकिस्तान की सेना ने शीतयुद्ध के दौर में ही अमेरिका से पैसा और राजनयिक संरक्षण हासिल किया है। उसने इन सबका प्रयोग पाकिस्तान के नागरिकों की भलाई करने के लिए नहीं अपितु अपने संकीर्ण और विनाशक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए किया। पाकिस्तान में ही लश्कर-ए -तैयबा व जैश जैसे संगठन फल फूल रहे हैं।
पाक सेना प्रमुख मुनीर एक खतरनाक जिहादी मानसिकता का व्यक्ति है। पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड मुनीर ही है और उस मुनीर के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति का बिरयानी खाना भारत की सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है किन्तु भारत अत्यंत सवाधनी से आगे बढ़ रहा है।
पाकिस्तान इस समय इतनी नीचता पर उतर आया है कि उसने नापाक हरकत करते हुए इस्लामाबाद में भारतीय राजनायिकों के घरों में मिनरल वाटर, गैस और अखबार की आपूर्ति रोक दी है। भारत ने भी जवाबी कार्रवाई की है और राजधानी दिल्ली स्थित पाक दूतावास में अखबार देना बंद कर दिया गया है। पाकिस्तान एक निकृष्ट शत्रु राष्ट्र है और वह उसी भाषा में समझाने लायक है।
-मृत्युंजय दीक्षित