भविष्य का भारत हमारे युवाओं की कौशल क्षमता पर निर्भर है। युवाओं की ऊर्जा, नवाचार और परिश्रम ये तीनों बातें भारत को विकसित राष्ट्रों की दौड़ में सबसे आगे ले जाने की शक्ति रखते हैं, परंतु इस क्षमता को सही दिशा देने के लिए हमारी नीतियों में स्वदेशी विचारों का समावेश होना आवश्यक है। इसी कारण मुख्य मंत्री देवेंद्र फडणवीसजी के नेतृत्व में कौशल विकास विभाग ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है कि अब कौशल क्षेत्र से संबंधित अनुसंधान, नीति निर्माण और परामर्श की भूमिका केवल भारतीय कंसल्टेंसी कंपनियां ही निभाएँगी। यह निर्णय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदीजी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने और ‘विकसित भारत 2047’ की संकल्पना को बल देनेवाला कदम साबित होगा।
आज मैं कौशल विकास विभाग का मंत्री होकर नहीं, बल्कि एक जागरूक नागरिक बनकर आपसे संवाद कर रहा हूँ। क्योंकि यह विषय केवल सरकार के एक विभाग तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे राष्ट्र को आगे ले जानेवाला और आत्मनिर्भरता की ओर मार्गदर्शन करनेवाला निर्णय है।
भारत के युवाओं के पास आज विश्व को दिशा देने की क्षमता है। उनकी ऊर्जा, ज्ञान और कार्यक्षमता किसी भी देश से मुकाबला कर सकती है, परंतु इस क्षमता को सही दिशा देने के लिए हमारी कौशल विकास नीतियों और पद्धतियों में भारतीय मूल्य, भारतीय विचार और भारतीय दृष्टिकोण झलकना अनिवार्य है। इसी कारण हमने निश्चय किया है कि महाराष्ट्र के कौशल विकास विभाग की सभी संस्थाओं में अनुसंधान और परामर्श की भूमिका अब केवल स्वदेशी कंसल्टेंसी कंपनियां ही निभाएँगी।
विदेशी कंपनियों पर निर्भर रहने के बजाय अब स्वदेशी कंसल्टेंसी कंपनियां कौशल विभाग से जुड़ेंगी। इस निर्णय से भारतीय युवाओं को रोजगार और कौशल विकास के लिए स्वदेशी परामर्श कंपनियों का प्रत्यक्ष योगदान मिलेगा। महाराष्ट्र के सभी आईटीआई में रोजगार से संबंधित अनुसंधान, नीति निर्माण, पाठ्यक्रमों की रूपरेखा और कार्यशालाओं की योजना इन सभी में भारतीय कंपनियों की भागीदारी होगी। यह बदलाव हमारे युवाओं के भविष्य को स्वदेशी दृष्टिकोण से देखने का दृढ़ संकल्प है।
‘आत्मनिर्भर भारत’ का मंत्र, जो प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदीजी ने दिया, अब ‘स्किल इंडिया’ की यात्रा को नई दिशा दिखा रहा है। भारतीय स्टार्टअप संस्कृति और कंसल्टेंसी कंपनियों ने बीते कुछ वर्षों में जिस गुणवत्ता का परिचय दिया है, उसके चलते यह निर्णय और भी सशक्त बनता है। आनेवाले समय में प्रधानमंत्रीजी की ‘आत्मनिर्भर भारत’ संकल्पना को शक्ति मिलेगी और इस माध्यम से ‘विकसित भारत 2047’ के राष्ट्रीय स्वप्न की ओर हमारी गति और तेज होगी, इस पर मेरा पूरा विश्वास है।
मुख्य मंत्री देवेंद्रजी फडणवीस के मार्गदर्शन में राज्य में कौशल क्षेत्र का आधुनिकीकरण और अत्याधुनिक बदलाव किए जा रहे हैं, पर इन बदलावों की यात्रा में भारतीय मूल्य संरक्षित रहना चाहिए। इसलिए स्वदेशी कंपनियों की भागीदारी हमारा दृढ़ निश्चय है। कौशल विकास विभाग द्वारा लिया गया यह निर्णय रतन टाटा महाराष्ट्र कौशल विश्वविद्यालय, महाराष्ट्र राज्य इनोवेशन सोसायटी, विभिन्न रोजगार सेवा योजना कार्यालयों और कौशल विकास विभाग की अन्य सभी संस्थाओं में लागू किया जाएगा।
आज हमें केवल रोजगार सृजन ही नहीं करना है, बल्कि उत्कृष्ट, प्रतिस्पर्धी और नैतिक मूल्यों से संपन्न ऐसे कुशल कारीगर तैयार करने हैं जो वैश्विक बाजार में भारत का प्रतिनिधित्व करें। इसलिए स्वदेशी कंसल्टेंसी कंपनियों की भागीदारी केवल एक प्रशासनिक निर्णय नहीं है, बल्कि राष्ट्र निर्माण की दिशा में उठाया गया ऐतिहासिक कदम है।
इस निर्णय से हमारे युवाओं को केवल कौशल ही नहीं, बल्कि आत्मविश्वास भी मिलेगा। “हम भी दुनिया को कुछ दे सकते हैं” यह भावना उनके मन में अंकुरित होगी। इससे न केवल रोजगार की समस्या दूर होगी, बल्कि नवाचार, अनुसंधान और प्रौद्योगिकी में भारतीय युवा अपनी अलग पहचान बनाने को तैयार होंगे। हमारे राज्य के कुशल कारीगरों के हाथों की कला, हमारे इंजीनियरों का अनुसंधान, हमारे स्टार्टअप्स का साहस ये सब स्वदेशी कंसल्टेंसी के मार्गदर्शन से और प्रभावशाली बनेंगे। गांव-गांव, शहर-शहर कौशल विकास के नए ऊर्जा केंद्र खड़े होंगे। महिलाएं, युवा और वंचित वर्ग जैसे सभी को इस नए दृष्टिकोण का लाभ मिलेगा।
आज हम जो निर्णय ले रहे हैं, वह आनेवाली पीढ़ियों के सपनों को सशक्त बनानेवाला है। स्वदेशी संकल्पना के माध्यम से हम केवल आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर नहीं बढ़ रहे हैं, बल्कि अपनी संस्कृति, अपने विचारों और अपने गौरव की धरोहर को आनेवाली पीढ़ियों तक पहुँचा रहे हैं।
मेरा दृढ़ विश्वास है कि जब भारतीय युवा स्वदेशी कंसल्टेंसी के मार्गदर्शन में कौशल संपन्न होंगे, तब आत्मनिर्भर भारत, ‘मेक इन इंडिया’ से लेकर ‘स्किल इंडिया’ तक की यात्रा दुनिया को एक नया संदेश देगी। आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर भारत विकसित होकर विश्वगुरु के रूप में खड़ा होगा।
– मंगल प्रभात लोढा
मंत्री, कौशल विकास, रोजगार एवं उद्यमिता विभाग, महाराष्ट्र शासन