हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result
संघ शताब्दी की गौरवमयी यात्रा का प्रतिबिम्ब है ‘दीपस्तम्भ’ ग्रंथ – नितिन गडकरी

संघ शताब्दी की गौरवमयी यात्रा का प्रतिबिम्ब है ‘दीपस्तम्भ’ ग्रंथ – नितिन गडकरी

by मुकेश गुप्ता
in संघ
0

हिंदी विवेक का ‘दीपस्तंभ’ ग्रंथ भविष्य की पीढ़ियों का करेगा मार्गदर्शन- नितिन गडकरी, केंद्रीय परिवहन मंत्री

हिंदी विवेक के ‘दीपस्तम्भ’ ग्रंथ का विमोचन सम्पन्न

हिंदी विवेक अपनी स्थापना से समाज एवं राष्ट्र को वैचारिक दिशा देने का कार्य कर रहा है. सामाजिक, राजनैतिक, शिक्षा, आर्थिक, आदि सर्वांगींण क्षेत्रों में संघ स्वयंसेवक संघ की प्रेरणा से उल्लेखनीय कार्य कर रहे हैं और अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं. इनके प्रेरणादायी कार्यों को समाज तक पहुंचाने हेतु हिंदी विवेक द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के अवसर पर ‘दीपस्तम्भ’ ग्रंथ प्रकाशित किया गया है. आनेवाली पीढ़ियों को भी यह ग्रंथ मार्गदर्शन करता रहेगा, ऐसा मेरा पूर्ण विश्वास है, यह वक्तव्य केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हिंदी विवेक के ‘दीपस्तम्भ’ ग्रंथ के विमोचन समारोह के दौरान दिया. वे नई दिल्ली स्थित न्यू महाराष्ट्र सदन में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर बोल रहे थे.

संघ और उसके आयाम राष्ट्र निर्माण में दे रहे उल्लेखनीय योगदान
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आगे कहा कि इतिहास किसी के लिए नहीं रुकता, इसलिए अपने अतीत से प्रेरणा और सीख लेनी चाहिए. हमारा राष्ट्र शाश्वत है, इसलिए हमारा देश पुनः महाशक्ति विश्वगुरु बने, इसकी प्रेरणा हमें अपनी संस्कृति-सभ्यता और धरोहर से मिलती है. हिंदू और हिंदुत्व शब्द को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया, ऐसे समय में संघ ने मजबूती से हिंदू धर्म और हिंदुत्व के संवाहक की भूमिका निभाई. आज सभी क्षेत्रों में संघ के आयाम भारतीय मजदूर संघ, एबीवीपी, विहिप, सहकार भारती, किसान संघ, वनवासी कल्याण आश्रम आदि अनेक संगठन जिनकी सूची बहुत लम्बी है, राष्ट्र निर्माण में अपना उल्लेखनीय योगदान दे रहे हैं.

‘दीपस्तंभ’ ग्रंथ सभी के लिए प्रेरणादायक
गडकरी ने आगे कहा कि जो सामान्य व्यक्ति को प्रेरणा दे सकता है, उस विचार को संकलित करके ‘दीपस्तंभ’ ग्रंथ के रूप में हमारे विचार परिवार के हिंदी विवेक ने इसका प्रकाशन किया है. यह ग्रंथ और इसमें आया हुआ हमारा गौरवशाली इतिहास भविष्य की पीढ़ी को प्रेरणा देगा और जो उद्देश्य डॉ. हेडगेवार ने संघ स्थापना के समय रखा था, उसे पूरा करने हेतु हम बहुत आगे आए हैं और हमें आगे जाने की आवश्यकता है, उस कार्य को आगे बढ़ाने में यह ग्रंथ सबको निश्चित रूप से प्रेरणा देगा, ऐसा मेरा विश्वास है.

हिंदी विवेक के वैचारिक योगदान की नितिन गडकरी ने की सराहना और प्रशंसा
नितिन गडकरी ने हिंदी विवेक के वैचारिक योगदान की सराहना और भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि हिंदी विवेक ने वैचारिक व्यासपीठ के रूप में बहुत ही अच्छा काम किया है. महाराष्ट्र में मराठी भाषा में बहुत अच्छे-अच्छे विचार विवेक ने हमारे समाज जीवन में हम सबको दिए हैं. ये बहुत अच्छी बात हुई कि हिंदी विवेक ने हिंदी क्षेत्र में भी कदम रखा, पर मैं उनसे अनुरोध करूंगा कि केवल मराठी-हिंदी पर्याप्त नहीं है, अब हिंदुस्थान के सभी रीजनल लैंग्वेज में हमारे विचार को प्रभावी रूप से पहुंचाना, यह हमारी जिम्मेदारी है. यदि हम नहीं पहुंचाएंगे तो, इस संबंध में एक बहुत अच्छी फिलोसोफी है कि – ‘यदि आप कनवेंस नहीं कर सकते तो कन्फ्यूजन करने की शुरुआत कर दो’ और ये जो कन्फ्यूजन करने वाली ताकते जो हैं, जब डॉ. हेडगेवार जी थे तब से और १९४७ के बाद, नाम लेना उचित नहीं होगा, लेकिन अनेक लोगों ने संघ को जितना बदनाम कर सके, उतनी करने की कोशिश की है और इसलिए ये विचारों का जो अमृत हैं, ये सभी रीजनल लैंग्वेज में समाज के आखिरी व्यक्ति तक प्रभावी रूप से पहुंचाकर वैचारिक संस्कार से उस व्यक्ति को सही बात समझाना, यह हमारा राष्ट्रीय परम कर्तव्य है. हिंदी विवेक ये काम बहुत अच्छे तरीके से कर रहा है. मैं हिंदी विवेक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमोल पेडणेकर, कार्यकारी संपादक पल्लवी अनवेकर और उनके साथ काम करनेवाले सभी पत्रकार साथियों को ह्रदय से बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं.

मंच पर मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, रा.स्व. संघ के अ.भा. प्रचार टोली सदस्य मुकुल कानिटकर एवं हिंदुस्थान प्रकाशन संस्था के अध्यक्ष पद्मश्री रमेश पतंगे प्रमुख रूप से उपस्थित थे. साथ ही हिंदी विवेक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (एसईओ) अमोल पेडणेकर व कार्यकारी संपादक पल्लवी अनवेकर, प्रसिद्ध उद्योगपति एवं समाजसेवी विनोद अग्रवाल, महाराज अग्रसेन अस्पताल के ह्रदय शल्य चिकित्सक एवं विभागाध्यक्ष डॉ. अनिल अग्रवाल विशेष तौर पर उपस्थित थे.

सर्वप्रथम मंच पर उपस्थित इन सभी विशेष अतिथियों एवं मान्यवरों का स्वागत सम्मान किया गया. इसके बाद इन्हीं के हाथों ‘दीपस्तम्भ’ ग्रंथ का विमोचन किया गया.

इस दौरान विनोद अग्रवाल, रामसुंदर झा, डॉ. भटनागर, एड. अमित मेहता को उनके उल्लेखनीय समाजसेवा के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के हाथों हिंदी विवेक के पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

संघ के १०० वर्षों का सिंहावलोकन
हिंदी विवेक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमोल पेडणेकर ने राष्ट्रीय पत्रकारिता में हिंदी विवेक मासिक पत्रिका के यशस्वी १७ वर्षों की यात्रा का वर्णन किया और हिंदी विवेक की उपलब्धियों से परिचित करवाया. इसके साथ ही ‘दीपस्तंभ’ ग्रंथ की प्रासंगिकता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि संघ के अतीत से बोध लेते हुए वर्तमान एवं भविष्य में भी संघ स्वयंसेवकों, समाज एवं राष्ट्र के लिए यह ग्रंथ मार्गदर्शक सिद्ध होगा. इस ग्रंथ में संघ के १०० वर्षों का सिंहावलोकन तथा संघ कार्य, विस्तार, आयाम, चुनौती, उपलब्धियों को रेखांकित किया गया है.

धर्म रक्षा से ही राष्ट्र रक्षा संभव
पद्मश्री रमेश पतंगे ने अपने आशीर्वचन में कहा कि धर्म भारत की आत्मा है, सनातन और राष्ट्रवाद एक सिक्के के दो पहलु है. इसलिए इसका जागरण करना आवश्यक है. इसके लिए धर्म रक्षण और धर्म पालन करना होगा. जब हमारा समाज अपने इस दायित्व से विमुख हुआ तब विदेशी आक्रान्ताओं ने हम पर आक्रमण किया और विजयी हुए. अत: हिंदू समाज को अपना पौरुष जागृत करना होगा क्योंकि धर्म रक्षा से ही राष्ट्र रक्षा संभव है. धर्म जागरण ही राष्ट्र जागरण है. हमारी शक्ति राष्ट्र एवं समाज जीवन के सभी क्षेत्रों में प्रकट होनी चाहिए, इसलिए संघ १०० वर्षों से कार्यरत है.


व्यक्ति के चरित्र निर्माण से राष्ट्र निर्माण

संघ के मुकुल कानिटकर ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि डॉ. हेडगेवार जी ने संघ स्थापना के समय ही भारत की दिशा, दशा, वैश्विक भूमिका व नीति के संबंध में अपने स्पष्ट विचार रखे थे, जो १०० वर्ष बाद आज भी प्रासंगिक है. राष्ट्रीय चरित्र के अभाव में ही हमारे राष्ट्र की दुर्गति हुई. इसलिए उन्होंने व्यक्ति के चरित्र निर्माण से राष्ट्र निर्माण का मंत्र दिया और संघ शाखा शुरू की. उनका मानना था कि यदि गांव में १ प्रतिशत और शहर में ३ प्रतिशत लोगों में राष्ट्रभाव से स्वबोध जागृत हो जाए तो समाज इन्हीं लोगों का नेतृत्व स्वीकार करेगा.

परंतु हमारा हिंदू समाज जल्दी ही सो जाता है, चाहे उसे कितने ही द कश्मीर फाइल्स, बंगाल फाइल्स फिल्म दिखाओं, समाज जागना ही नहीं चाहता. अपने समाज के इस दोष से मुक्त कर सदैव जागृत रखने हेतु संघ कार्य अनवरत चल रहा है. संघकार्य का सकारात्मक परिणाम है कि देश में कहीं भी आपदा आ जाए वहां स्वयंसेवक सबसे पहले पहुंचते हैं. जिनका ह्रदय अपने समाज व राष्ट्र के लिए धड़कता है, ऐसे स्वयंसेवकों का निर्माण संघ करता है.


इस कार्यक्रम का सफल संचालन हिंदी विवेक की कार्यकारी सम्पादक पल्लवी अनवेकर ने किया और सभी का आभार माना. इस समारोह में दिल्ली, नोएडा और उसके आसपास के क्षेत्र के लेखक, पत्रकार, साहित्यकार, सामाजिक एवं राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े हिंदी विवेक के शुभ चिंतक बड़ी संख्या में उपस्थित थे.

-मुकेश गुप्ता

Share this:

  • Twitter
  • Facebook
  • LinkedIn
  • Telegram
  • WhatsApp
Tags: #nitingadkari #hindivivek #books #granth #world #wide #viral

मुकेश गुप्ता

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण

© 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

0